कॉमनवेल्थ गेम्स 2010
१५ सितम्बर २०१०विज्ञापन
एक वक्त था जब भारतीय खिलाड़ियों को टीम गेम के लिए ही मेडल मिलते थे, लेकिन भारतीय बॉक्सरों, निशानेबाजों, बैडमिंटन और टेनिस खिलाड़ियों ने हाल में इस छवि को पूरी तरह बदल दिया है. भारत में खेल प्रशंसक क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों के लिए जीत का जश्न मनाना भूल सा गए थे, लेकिन अब तस्वीर अलग है.
भारतीय खेल धीरे धीरे ही सही, लेकिन व्यक्तिगत पैमाने पर हो रहे बड़े बदलावों के गवाह बनने जा रहे हैं और दिल्ली में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स इसी की एक बानगी होंगे..क्या हैं राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की उम्मीदें. किन सितारों पर टिकी रहेंगी नजरें और किन्हें न देखने का रहेगा मलाल....पेश है डॉयचे वेले की खास प्रस्तुति.