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कोकेन की तस्करी का गढ़ बनता यूरोप

१ जून २०२२

हाल ही में ग्रीस के स्कियाथोस आईलैंड की सफाई कर रहे वालंटियरों को दो पैकेटों में करीब ढाई किलो कोकेन पड़ी मिली. हैरत नहीं है कि यूरोपीय पुलिस यानी यूरोपोल, यूरोप को कोकेन की तस्करी का केंद्र बता रही है.

अमेरिका से कोकेन पहले यूरोप और फिर दूसरे देशों में जाती है
अमेरिका से कोकेन पहले यूरोप और फिर दूसरे देशों में जाती हैतस्वीर: Salvador Sas/EFE/dpa/picture alliance

यूरोपोल पुलिस का कहना है कि ग्रीस में मिला पैकेट किसी तस्कर के पुलिस जांच की डर से सागर में फेंकने की वजह से किनारे पर आया होगा. यूरोपोल का कहना है कियूरोप कोकेन की तस्करी का गढ़ बन गया है. 2021 में यूरोपोल ने कुल 240 टन कोकेन जब्त की है. एक साल पहले के 214 टन के मुकाबले यह करीब 26 टन ज्यादा है. रिकॉर्ड मात्रा में पकड़ी जा रही कोकेन से इस बात का संकेत मिलता है कि तस्करी कितनी ज्यादा बढ़ गई है.

कितनी कोकेन आती है यूरोप

दक्षिण अमेरिका से बहुत ज्यादा मात्रा में कोकेन यूरोप पहुंच रही है और फिर यहां से दूसरे देशों को भेजी जाती है. यूरोपोल के प्रवक्ता यान ओपी जेन उर्थ ने द हेग में यह जानकारी दी. बेल्जियम, नीदरलैंड्स और स्पेन के बंदरगाहों से सबसे ज्यादा तस्करी हो रही है. हालांकि हैम्बर्ग जैसे छोटे बंदरगाहों का भी आपराधिक गैंग इस्तेमाल कर रहे हैं. पिछले साल हैम्बर्ग से 19.1 टन कोकेन पकड़ी गयी जो रिकॉर्ड है. इसकी जांच के दौरान पुलिस ने नीदरलैंड्स और बेल्जियम से 18 टन कोकेन और पकड़ी. इस मामले में कुछ लोग भी पकड़े गये थे.

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यूरोपोल के प्रवक्ता का कहना है कि कितनी कोकेन यूरोप पहुंच रही है यह बताना मुश्किल है, "हमारा अनुमान है कि केवल कोलंबिया में ही हर साल 2,000 टन कोकेन बनाई जाती है" और इसका 60 फीसदी से ज्यादा हिस्सा यूरोप पहुंचता है.

पिछले साल हैंबर्ग के बंदरगाह पर 19 टन कोकेन पकड़ी गईतस्वीर: H. Blossey/picture-alliance

हालांकि यूरोप आने वाली कोकेन की बहुत छोटी मात्रा ही यहां इस्तेमाल की जाती है. यूरोपोल के मुताबिक यूरोप आने के बाद ज्यादातर कोकेन पूर्वी यूरोप, एशिया और ऑस्ट्रेलिया भेजी जाती है. यूरोपोल ने तलाशी और जांच बढ़ा दी है लेकिन पुलिस का कहना है, "जितनी बड़ी मात्रा में कोकेन यहां लाई जा रही है उसकी तुलना में यह पर्याप्त नहीं है." जांच अधिकारी अगर केला या फिर अनानास के साथ लाई गई कोकेन को पकड़ लेते हैं तो ड्रग कार्टेल उसे बदकिस्मती मान कर उसका नुकसान उठाते हैं.

भारी मुनाफा और हिंसा

कोकेन के धंधे में भारी मुनाफा है और इसीलिए ज्यादा से ज्यादा गुट इस काम से जुड़ रहे हैं. हालांकि प्रतियोगिता बढ़ने के कारण हिंसा भी बढ़ी है. इसी तरह का एक गुट है रिदोउन तागी का जिस पर फिलहाल एम्सटर्डम में मुकदमा चल रहा है. यह गुट अत्यधिक हिंसा के लिए कुख्यात है. पिछले साल क्राइम रिपोर्टर पीटर आर डे वरीज की हत्या की पीछे भी इसी गुट का हाथ बताया जाता है.

एम्सटर्डम का पोर्ट भी कोकेन की तस्करी के केंद्रों में से एक हैतस्वीर: picture alliance/imagestate/Impact Photos

जर्मन राज्य लोअर सैक्सनी की पुलिस के क्राइम ब्रांच का कहना है कि अप्रैल में इस अंतरराष्ट्रीय गिरोह को काफी नुकसान हुआ. जर्मनी, नीदरलैंड्स, बेल्जियम, स्पेन और पराग्वे में छापे के बाद 20 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया.

हालांकि इस सफलता के बाद भी यूरोपीय जांच अधिकारियों को कोई खुशफहमी नहीं है. उनका कहना है कि दक्षिण अमेरिका से आने वाले ज्यादातर कोकेन की सप्लाई यूरोप से आगे जाती रहेगी. 2021 में जो कोकेन जब्त किया गया उसका कोकेन की बिक्री पर क्या असर होगा यह कहना भी मुश्किल है. कस्टम के अधिकारियों का कहना है कि कीमतों में गिरावट के कोई संकेत नहीं मिले हैं.

स्पेन में कोकेन की रिकॉर्ड खेप जब्त

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एनआर/आरपी (डीपीए)

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