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कोरिया में सैनिक अभ्यास से तनाव

२८ नवम्बर २०१०

कोरियाई प्रायद्वीप में जबरदस्त तनाव के बीच अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने संयुक्त नौसैनिक अभ्यास शुरू कर दिया है. हाल ही में गोलाबारी करने वाले उत्तर कोरिया ने इसके गंभीर परिणाम की चेतावनी दी है.

तस्वीर: AP

चार दिनों का यह नौसैनिक अभ्यास स्थानीय समय से सुबह आठ बजे शुरू हो गया, जिसमें दर्जनों युद्धपोत शामिल हुए हैं, जिनमें अमेरिका का एक विशालकाय विमानवाही पोत भी है. यह अभ्यास ऐसे वक्त में हो रहा है, जब पांच दिन पहले उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरियाई सीमा में गोलाबारी करके इलाके में सनसनी फैला दी थी. उसमें दक्षिण कोरिया के दो सैनिक और दो आम नागरिकों की जान चली गई थी.

चीन ने इस अभ्यास का विरोध किया है, जबकि अमेरिका का कहना है कि यह पूरी तरह से सुरक्षात्मक कदम के लिए किया जा रहा है और इसकी योजना उत्तर कोरिया की गोलाबारी वाली घटना से कहीं पहले ही बनाई जा चुकी थी. अमेरिका का कहना है कि वह उत्तर कोरिया के सामने प्रतिरोधी क्षमता का प्रदर्शन करना चाहता है.

तस्वीर: AP

नौसैनिक अभ्यास में कम से कम 11 युद्धपोत शामिल हैं, जिसमें हजारों सैनिक दक्षिण कोरिया के दक्षिण पश्चिम तट से जमा हुए हैं. यह दोनों कोरियाई देशों की सीमा से दूर का क्षेत्र है. उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी का कहना है, "अगर अमेरिका ने पीले सागर में अपने युद्धपोत तैनात किए होते, तो कोई नहीं बता सकता है कि इसके कितने भयंकर परिणाम होते."

इसी साल दक्षिण कोरिया के एक युद्धपोत को मार गिराया गया था और उसका दावा है कि जांच में पता चला है कि इसके पीछे उत्तर कोरिया का हाथ था. इसके बाद मई में दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने संयुक्त सैनिक अभ्यास का फैसला किया. उस युद्धपोत में 46 लोगों की जान गई लेकिन कोरियाई सीमा पर गोलाबारी 1950-53 के बाद पहला मौका है, जब जमीनी स्तर पर हमला किया गया हो.

तस्वीर: AP

उत्तर कोरिया का कहना है कि दक्षिण कोरियाई गोलीबारी के बाद उसने बदले की कार्रवाई के तहत गोले बरसाए. हालांकि शनिवार को कहा कि अगर दो असैनिक लोगों के मारे जाने की खबर सही है, तो यह बेहद दुखद है. उत्तर कोरिया का आरोप है कि दक्षिण कोरिया असैनिकों को ढाल बनाने का काम कर रहा है और उसने चेतावनी दी है कि प्रायद्वीप में युद्ध का खतरा बहुत बढ़ गया है.

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली म्यूंग बाक ने इस बात की आशंका जताई है कि चार दिनों के नौसैनिक अभ्यास के दौरान उत्तर कोरिया कोई भड़काने वाली कार्रवाई कर सकता है. इस मामले में उनके रक्षा मंत्री पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं.

नौसैनिक अभ्यास की वजह से अमेरिका और चीन में भी तनाव हो गया है. चीन पीले सागर को अपना इलाका मानता है और शायद यही वजह है कि उसने उत्तर कोरिया की कार्रवाई पर उसकी निंदा नहीं की है. अमेरिका बार बार कह चुका है कि इस अभ्यास से चीन को परेशान होने की जरूरत नहीं है.

रिपोर्टः एएफपी/ए जमाल

संपादनः एस गौड़

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