केंद्र सरकार ने देश के अंदर 25 मई से यात्री हवाई सेवा फिर से शुरू करने की इजाजत दे दी है. इसके अलावा 200 और ट्रेनें भी चलाई जाएंगी. बसें, रिक्शा इत्यादि चलने शुरू हो गए हैं. मेट्रो और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें अभी भी बंद हैं.
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तालाबंदी के चौथे चरण के दिशा निर्देशों में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन करते हुए केंद्र सरकार ने घरेलू हवाई सेवा फिर से शुरू करने की इजाजत दे दी है. नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार 20 मई को कहा कि सोमवार 25 मई से कुछ घरेलू कमर्शियल पैसेंजर उड़ानें शुरू की जाएंगी. उनकी घोषणा के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तालाबंदी के दिशा-निर्देशों में संशोधन करते हुए प्रतिबंधित गतिविधियों की सूची में से "यात्रियों द्वारा देश के अंदर उड़ानों के जरिए यात्रा" को हटा दिया.
बीते रविवार को ही ये दिशा-निर्देश जारी हुए थे, जिनमें घरेलू यात्री उड़ानों को 31 मई तक प्रतिबंधित कर दिया गया था. ये स्पष्ट नहीं हुआ है कि तीन दिनों में ही इस रणनीति पर पुनर्विचार कर के अचानक उड़ानों को शुरू करने के फैसला क्यों लिया गया. संभव है कि ये ट्रेन सेवाओं को शुरू कर देने की वजह से हुआ हो, क्योंकि कई लोग ये कह रहे थे कि जब ट्रेनों के जरिए यात्रा की अनुमति दे ही गई है तो हवाई यात्रा भी शुरू की ही जा सकती है.
खुद मंत्री हरदीप पुरी ने दो ही दिन पहले कहा था कि हवाई यात्रा शुरू करना सिर्फ उनके मंत्रालय या केंद्र सरकार के विशेषाधिकार की बात नहीं है और इसमें राज्यों की अनुमति की भी जरूरत है. संभव है कि अब सभी राज्य भी हवाई यात्रा शुरू कराने को तैयार हो गए हों. हवाई यात्रा सेवाएं शुरू करने से पहले एयरपोर्ट अथॉरिटी ने विस्तृत मानक भी जारी कर दिए हैं. यात्रियों को एयरपोर्ट के अंदर घुसने से पहले थर्मल स्क्रीनिंग जोन से गुजरना होगा और 14 साल से ऊपर की आयु वाले सभी यात्रियों को अपने मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगा.
सुरक्षा जांच में यात्री और सुरक्षाकर्मियों में शारीरिक संपर्क ना हो यह भी सुनिश्चित किया जाएगा. खाने-पीने की जगहों पर शारीरिक दूरी लागू की जाएगी. हालांकि उम्मीद के विपरीत हवाई जहाजों के अंदर शारीरिक दूरी लागू नहीं हो पाएगी. कहा जा रहा था कि जब उड़ानें शुरू होंगी तब जहाजों में बीच की सीटें खाली रखी जाएंगी ताकि यात्रियों के बीच दूरी रहे. लेकिन सरकार ने कहा है कि ऐसा नहीं होगा क्योंकि सीटें खाली रखना "वायेबल" नहीं है, क्योंकि इस से सीटों के दाम बढ़ जाएंगे.
बताया जा रहा है की अधिकतर एयरपोर्ट उड़ानें फिर से शुरू करने के लिए तैयार हैं क्योंकि तालाबंदी के दौरान भी कार्गो उड़ानें और दूसरे देशों में फंसे हुए भारतीय नागरिकों को लाने के लिए विशेष उड़ानें चालू थीं. अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें कब शुरू होंगी इस बारे में सरकार ने कुछ नहीं कहा है. उधर रेल मंत्रालय ने भी रेल सेवाएं और बढ़ाने की घोषणा कर दी है. एक जून से पूरे देश में 100 जोड़ी ट्रेनें चलनी शुरू हो जाएंगी.
गुरूवार 21 मई से इन ट्रेनों में सफर करने के लिए आईआरसीटीसी की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर टिकट बुक की जा सकेंगी. टिकटें सिर्फ इंटरनेट या ऐप पर ही मिलेंगी और स्टेशनों पर इनकी बिक्री नहीं होगी. स्टेशन पर दुकानों को भी खोलने की इजाजत दे दी गई है. खाने-पीने की दुकानों पर सिर्फ टेक अवे सेवाएं उपलब्ध होंगी और वहां बैठ कर खाने की सुविधा नहीं होगी.
सार्वजनिक यातायात में राज्यों के अंदर बस सेवाएं पहले ही शुरू कर दी गईं थी. हालांकि कई शहरों से खबरें आ रही हैं कि बसों में 20 से ज्यादा सवारियों को ना बैठाने के नियम का पालन नहीं हो रहा है और बसें यात्रियों से ठसा-ठस भरी चल रही हैं. मेट्रो ट्रेनें अभी भी प्रतिबंधित हैं, हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली में मेट्रो सेवाएं शुरू करने पर डीएमआरसी, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार को विचार करने के लिए कहा है.
यह तो तय है कि हवाई जहाज से यात्रा कोरोना संकट के पहले के दिनों से काफी अलग होने और दिखने वाली है. देखिए एयरपोर्ट पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने से लेकर सीटों का डिजाइन कैसे बदलने वाला है.
तस्वीर: Aviointeriors
बजट एयरलाइंस
दुनिया भर में ज्यादा से ज्यादा लोगों को हवाई यात्रा का मौका और सुविधा देने वाली बजट एयरलाइंस खास तौर पर कोरोना महामारी के लॉकडाउन के बाद के हालातों को लेकर चिंता में हैं. ये पूरी तरह भर के चलने वाली एयरलाइंस होतीं थीं जो बमुश्किल कुछ मिनटों के लिए जमीन पर ठहरती थीं और फिर से यात्रियों से भरा विमान लेकर हवा में उड़ जाती थीं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/epa/Airbus
जमीन पर ज्यादा वक्त
जब से भी ऐसे कमर्शियल प्लेन उड़ना शुरु करेंगे, उन्हें एक उड़ान से दूसरे के बीच काफी देर तक जमीन पर रहना होगा. उड़ानों के बीच इस लंबे ‘ब्रेक’ के दौरान विमान की अच्छी तरह सफाई और उसे सैनिटाइज करना (जैसे तस्वीर में अस्पताल को किया जा रहा है) अनिवार्य होगा. हालांकि कोविड संकट के दौरान किसी विमान में वायरस संक्रमण होने का कोई मामला सामने नहीं आया है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/H.A.Q. Perez
धीमी बोर्डिंग प्रक्रिया
इसके अलावा एयरपोर्ट पर यात्रियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के लिए उन्हें दूर दूर रहना होगा और बोर्डिंग की प्रक्रिया बहुत धीरे धीरे पूरी हो पाएगी. इस कारण भी विमानों को दूसरी उड़ान भरने के लिए तैयार होने में ज्यादा वक्त लगेगा.
तस्वीर: imago images/F. Sorge
विमान की हवा गंदी?
एविएशन इंडस्ट्री के अनुसार, केबिन की हवा उतनी ही साफ होती है जितनी किसी ऑपरेशन थिएटर की. वहां हाई परफॉर्मेंस फिल्टर लगे होते हैं जो हवा के कणों को साफ करते रहते हैं. इसके अलावा केबिन की हवा का प्रवाह नीचे की ओर होने से भी सफाई में मदद मिलती है.
यह साबित नहीं हुआ है कि बीच वाली कतार की सीटें खाली छोड़ने से संक्रमण का खतरा कम हो जाएगा. फिर भी यूरोविंग्स चलाने वाला लुफ्थांजा समूह फिलहाल इन्हें बुक करने का विकल्प नहीं दे रहा. एक और बजट एयरलाइन ‘इजीजेट’ भी शुरु में यात्रियों से उनके बगल वाली सीट खाली रखने का वादा कर रही है.
तस्वीर: Aviointeriors
इम्युनिटी पासपोर्ट की जरूरत
एविएशन कंसलटेंसी ‘सिंप्लिफाइंग’ का मानना है कि सुरक्षा जांच के अलावा भविष्य में यात्रियों को सैनिटाइज करने का एक चरण भी जोड़ा जा सकता है. अपनी हाल की रिपोर्ट में कंपनी ने बताया कि चेक-इन से पहले यात्रियों से उनका इम्युनिटी पासपोर्ट अपलोड करने के लिए कहा जा सकता है.
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एयरपोर्ट पर लंबा समय
यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय उड़ान से कम से चार घंटे पहले एयरपोर्ट पर पहुंचना पड़ सकता है. चेक इन एरिया में पहुंचने से पहले भी लोगों को एक डिसइंफेक्टेंट टनेल और थर्मल स्कैनर से गुजरना पड़ सकता है. इस बारे में एक नवगठित ट्रांसपोर्ट हेल्थ एथॉरिटी विश्व भर के एयरपोर्टों और विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर नए मानक तय करने में लगी है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/B. Marks
बैगेज की भी चिंता
ऐसा मुमकिन है कि यात्रियों के अलावा उनके चेक-इन और केबिन वाले बैग को भी अल्ट्रावायलेट किरणों से डिसइंफेक्ट किया जाएगा. लैंड करने के बाद एक बार फिर यात्रियों को थर्मल स्कैनर से गुजरना होगा, इम्युनिटी पासपोर्ट फिर से वैरिफाई होगा और बैग्स को कन्वेयर बेल्ट पर रखने से पहले एक बार फिर से सैनिटाइज किया जाएगा.
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विमान में भी मास्क
जर्मन एयरलाइन लॉबी बीडीएल ने अपने कॉन्सेप्ट पेपर में सलाह दी है कि विमान में सभी के लिए नाक और मुंह को ढकने वाला मास्क पहनना अनिवार्य किया जा सकता है. लुफ्थांजा ने भी इसे जरूरी कर दिया है. कनाडा और अमेरिका की जेटब्लू जैसी एयरलाइन ने इसे अनिवार्य कर भी दिया है.
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नई तरह की सीटें
विमान की सीटें बनाने वाले नए नए विकल्प पेश कर रहे हैं. इटली की ‘एविओइंटीरियर्स’ का “ग्लाससेफ" डिजायन ऐसा होगा जिसमें कंधों से लेकर सिर के हिस्से में प्लेक्सिग्लास हुड बने हों. इससे आसपास बैठे लोगों को एक दूसरे से उड़ान के दौरान भी अलग रखा जा सकेगा.
तस्वीर: Aviointeriors
कार्गो वाले केबिन का डिजायन
एशियाई कंपनी हायको का प्रस्ताव है कि केबिन में ही सीटों की एक कतार की जगह कार्गो का बक्सा लगाया जाए. अब तक किसी एयरलाइन ने ऐसी केबिन वाली सीटें ऑर्डर नहीं की हैं. इस समय यात्री सीटों से अधिक कार्गो की मांग देखने को मिल रही है.
तस्वीर: Haeco
केबिन क्रू के साथ अलग अनुभव
क्रू प्रोटेक्टिव कपड़ों में होंगे, यात्री भी दस्ताने और मास्क पहनेंगे और क्रू हर आधे घंटे पर हैंड सैनिटाइजर बांटेगा. बिजनेस और फर्स्ट क्लास में पैकेज्ड और सील खाने के पैकेट मिलेंगे. फ्लाइट के दौरान भी स्टाफ टॉयलेट की सफाई का ख्याल रखेगा. कुल मिला कर हवाई यात्रा का अनुभव काफी बदलने वाला है. (रिपोर्ट: आंद्रेयास श्पेथ/आरपी)