कोरोना की वजह से इटली में कम हुई जन्म दर
१९ मार्च २०२१![Italien Geburten Corona](https://static.dw.com/image/56844188_800.webp)
मोरेना डी पाओला और विंसेंजो ऑगेलो से पूछा गया कि वे कितने बच्चे चाहते हैं, तो उन्होंने तुरंत जवाब दिया: "दो!" 29 साल की मोरेना ने हंसते हुए कहा, "एक लड़का और एक लड़की." ये दोनों अब अपना परिवार शुरू करने की तैयारी में हैं. लेकिन कब करेंगे, नहीं पता. मोरेना और विंसेंजो ने बेरगामो के पास सेरिएट में अपने नए घर में डॉयचे वेले से बात की.
इन दोनों ने पिछले साल जुलाई में शादी करने की योजना बनाई थी. हालांकि, कोरोना महामारी की वजह से उन्हें अपनी शादी रोकनी पड़ी. विंसेंजो की उम्र 30 साल है. वे पेशे से बैंकर हैं. उन्होंने डॉयचे वेले को बताया, "हम चाहते थे कि हमारी शादी में 130 मेहमान आएं. लेकिन कोरोना की वजह से कई सारी पाबंदियां लगीं और ऐसा नहीं हो सका. हम चाहते हैं कि सभी लोग सुरक्षित रहें लेकिन मास्क नहीं पहनना पड़े."
तेजी से कम हो रही जन्म दर
परंपराओं को ध्यान में रखते हुए इस कैथोलिक जोड़े ने पहले शादी करने और उसके बाद नए घर में जाने और घर बसाने की योजना बनाई थी. हालांकि, अब इनकी योजना बदल गई. अब वे नए घर में शिफ्ट हो चुके हैं. साथ ही, बच्चे पैदा करने की उनकी योजना भी कुछ समय के लिए टल गई है. अब वे कोराना महामारी के समाप्त होने और इटली की अर्थव्यवस्था सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं. इसके बाद ही बच्चे पैदा करना चाहते हैं.
मोरेना और विंसेंजो आज के समय के युवा इतालवी जोड़े हैं. एक समय इटली, यूरोप का ऐसा देश था जहां जन्म दर काफी अच्छी थी. हालांकि, पिछले कुछ समय से इसमें काफी गिरावट दर्ज की गई है. दिसंबर 2020 में पिछले 12 महीनों की तुलना में इटली के 15 शहरों में जन्म दर में 21.6 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है. यह आंकड़ा इतालवी राष्ट्रीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसटीए) ने जारी किया है. इससे पता चलता है कि पूरे यूरोप में इटली में जन्म दर सबसे कम है. आईएसटीए के प्रमुख जियान कार्लो ब्लांगियार्डो कहते हैं कि देश में होने वाली नई शादियों की संख्या भी आधी हो गई है.
महामारी से बदल रही है सेक्स लाइफ
समाजशास्त्री जूलिया रिवेलिनी ने डॉयचे वेले से कहा, "हमें यह अध्ययन करने की जरूरत है कि महामारी हमारी सेक्स लाइफ को कैसे बदल रही है. कंडोम बनाने वाली कंपनी ड्यूरेक्स के एक अध्ययन में पाया गया कि महामारी के कारण यौन इच्छा और उससे जुड़ी गतिविधियां कम हुई हैं."
मिलान कैथोलिक यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर रिवेलिनी ने अपने अध्ययन में कई चीजें पाई हैं. वे कहती हैं कि पाबंदियों की वजह से दंपत्ति ज्यादा समय एक दूसरे के पास रहते हैं. उनके बीच कई बातों पर देर तक चर्चा होती है. आर्थिक समस्याओं को लेकर भी चर्चा होती है. दो लोग आपसी यौन आर्कषण के कारण नहीं, बल्कि आर्थिक कारकों की वजह से परिवार शुरू करते हैं. पहले के समय में भी हुई महामारी में यह बात सही साबित हुई थी.
वे कहती हैं, "इटली के युवा जोड़े भावानात्मक रूप से फैसला लेने के बजाय देश की आर्थिक स्थिति के मद्देनजर फैसले ले रहे हैं. वे इस बात को लेकर चिंतित हैं कि क्या उन्हें अभी बच्चा पैदा करना चाहिए. अगर वे ऐसा करते हैं, तो उस बच्चे की जरूरत को कैसे पूरा करेंगे." रिवेलिनी कहती हैं कि उत्तरी इटली में महिलाएं 30 साल की उम्र के बाद ही बच्चे पैदा करती हैं. यह प्रवृति दशकों से चली आ रही है. महामारी की वजह से इस पर और अधिक प्रभाव पड़ा है.
ऑफिस और घर के बीच तालमेल में मुश्किल
आंकड़ों के मुताबिक, 1960 के दशक में इटली की एक महिला पर करीब 2.5 बच्चे थे. आज यह दर गिरकर 1.27 हो गई है. रिवेलिनी कहती हैं, "महिलाओं को घर और ऑफिस की जिंदगी के बीच तालमेल बिठाने में काफी मुश्किल हो रही है. बच्चों के लिए सार्वजनिक तौर पर देखभाल की सुविधाओं में कमी के कारण, अगर मां कामकाजी है, तो दादा-दादी को ही घर पर बच्चों की देखभाल करनी होगी. हालांकि, घर का ज्यादातर काम महिलाओं के लिए ही छोड़ दिया जाता है."
मोरेना ने डॉयचे वेले से कहा कि महामारी की वजह से विंसेंजो के साथ उनके रिश्तों पर कोई फर्क नहीं पड़ा. अगर कुछ हुआ है, तो यह है कि उनके रिश्ते पहले से ज्यादा मजबूत हुए हैं. वे कहती हैं, "हम 13 साल से साथ में हैं. हम एक साथ जवान हुए. एक-दूसरे को काफी अच्छे से जानते हैं. महामारी ने हमें पहले से ज्यादा मजबूत बनाया है. साथ ही, यह पता चला कि हम क्यों शादी करना चाहते थे."
विंसेंजो कहते हैं कि परिवार शुरू करने की योजना कुछ समय के लिए टल गई है. यह आर्थिक वजह से है. नया घर बनाने में भी काफी खर्च हुआ है और शादी में भी खर्च होगा. इसके अलावा, दंपति अपना हनीमून कैरिबियन सागर में एक क्रूज बोट पर मनाना चाहते हैं.
जूलिया रिवेलिनी कहती हैं, "इटली के युवा अपने माता-पिता के घर से बाहर निकलने और अपने पैरों पर खड़े होने के लिए लंबे समय तक इंतजार कर रहे हैं. फिलहाल वे ऐसा करने से बच रहे हैं. इसका असर परिवार शुरू करने पर भी पड़ रहा है. यह सब महामारी के डर की वजह से हुआ है. हमारे तीन-चौथाई साथियों का अनुमान है कि जन्म दर में और गिरावट होगी."