सभी राज्यों में बराबर फैल रहा है संक्रमण
३ सितम्बर २०२०
भारत में कोरोना वायरस के नए मामलों में अब रोजाना ही नए रिकॉर्ड बन रहे हैं. पिछले 24 घंटों में देश में 83,883 नए मामले सामने आए, जो अपने आप में एक नया रिकॉर्ड है. दुनिया में किसी भी और देश में कभी भी इस संख्या में नए मामले सामने नहीं आए. इसके साथ ही भारत में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 38 लाख से भी ज्यादा हो गई. भारत अब दुनिया के दूसरे सबसे ज्यादा मामलों वाले देश ब्राजील से सिर्फ 1.5 लाख मामले पीछे रह गया है.
कुल मामलों की संख्या में वृद्धि कुल जांचों की संख्या में वृद्धि के साथ साथ हो रही है. देश में संक्रमण से पिछले 24 घंटों में 1043 जानें भी चली गईं, जिससे अभी तक मरने वालों की कुल संख्या बढ़ कर 67,376 हो गई. बुधवार को 11,72,179 सैंपलों की जांच की गई, जो अभी तक एक दिन में की गई जांचों का सबसे बड़ा आंकड़ा है. इसी के साथ देश में अभी तक की गई कुल जांचों की संख्या 4.55 करोड़ पार गई.
इसके बावजूद भारत अभी भी जांचों की संख्या में दूसरे देशों से काफी पीछे है. अमेरिका में अभी तक आठ करोड़ से भी ज्यादा सैंपलों की जांच हो चुकी है. अगर आबादी के हिसाब से हर 10 लाख लोगों पर टेस्ट का आंकड़ा देखा जाए, तो भारत अब भी दूसरे देशों से बहुत पीछे है. हर 10 लाख लोगों पर भारत अभी भी सिर्फ लगभग 32,000 टेस्ट कर रहा है, जबकि ब्राजील करीब 67,000 टेस्ट, अमेरिका और रूस 2.5 लाख से ज्यादा और दक्षिण अफ्रीका 62,000 से ही ज्यादा टेस्ट कर रहा है.
टेस्टिंग का एक और चिंताजनक पहलू यह है कि कुल जांचों की संख्या में सबसे सटीक टेस्ट आरटी-पीसीआर की संख्या घटती जा रही है और कई बार गलत नेगेटिव नतीजा देने वाले रैपिड टेस्ट की संख्या बढ़ती जा रही है. जुलाई तक कुल टेस्टों में रैपिड टेस्टों का अनुपात औसत चार प्रतिशत के आस पास था, लेकिन अब यह लगभग 45 प्रतिशत के आस पास है.
दिल्ली में फिर बिगड़ते हालात
दिल्ली में भी पीसीआर टेस्ट से ज्यादा रैपिड टेस्ट किए जा रहे हैं. जब यह तथ्य दिल्ली हाई कोर्ट के सामने आया था तब अदालत ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए आदेश दिया था कि पीसीआर टेस्ट की संख्या बढ़ाई जाए. लेकिन दिल्ली में अभी भी पीसीआर टेस्ट की संख्या बहुत धीरे धीरे बढ़ रही है. उधर राष्ट्रीय राजधानी में एक बार फिर नए मामलों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है.
पिछले 24 घंटों में 2,500 से भी ज्यादा नए मामले सामने आए, जो पिछले दो महीनों में अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है. जून में यह संख्या 4,000 पार कर गई थी जिसके बाद अदालत की फटकार और केंद्र सरकार की मदद से दिल्ली सरकार ने स्थिति को संभाला था. लेकिन दिल्ली एक बार फिर उसी स्थिति की तरफ बढ़ती नजर आ रही है.
संक्रमण के बढ़ते मामलों के साथ साथ एक बार फिर अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के लिए बिस्तरों की कमी होने की खबरें भी आ रही हैं. एम्स अस्पताल के आईसीयू में वेंटीलेटर वाले सिर्फ चार बिस्तर खाली हैं और राम मनोहर लोहिया में सिर्फ एक. कम से कम 25 निजी अस्पतालों में इस तरह का एक भी बिस्तर खाली नहीं है.
सभी राज्यों में फैला कोरोना
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक सरकारी आंकड़ों का विश्लेषण कर पता चला है कि पिछले तीन महीनों में संक्रमण के मामले पूरे देश में कुछ इस तरह से बढ़े हैं कि महामारी अब लगभग हर राज्य में और राज्यों के अधिकतर हिस्सों में फैल रही है. मई में देश के एक-तिहाई मामले सिर्फ महाराष्ट्र में थे जबकि कम से कम 19 दूसरे राज्यों में एक प्रतिशत से भी कम मामले थे. ये स्थिति अब बदल चुकी है.
अब किसी भी राज्य में 20 प्रतिशत से ज्यादा मामले नहीं हैं. महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत पर आ गई है और एक से 20 प्रतिशत तक हिस्से वाले राज्य बढ़ गए हैं. मई में ऊपर के तीन हॉट स्पॉटों की कुल मामलों में हिस्सेदारी 60 प्रतिशत हुआ करती थी, अब 44 प्रतिशत है. शुरू के कई हॉट स्पॉट अभी भी हॉट स्पॉट बने ही हुए हैं पर उनके अलावा 20 नए हॉट स्पॉट भी निकल कर आ रहे हैं.
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