1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

कोरोना महामारी: चीन की वैक्सीन के भरोसे पाकिस्तान

एस खान, इस्लामाबाद
१० दिसम्बर २०२०

पाकिस्तान में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच देश के तीन अस्पतालों में चीनी वैक्सीन का ट्रायल हो रहा है. पाकिस्तान ने टीके की डोज खरीदने पर करोड़ों खर्च किए हैं, लेकिन दवा मिलने के लिए भी कितना इंतजार और करना होगा.

पाकिस्तान में चीनी वैक्सीन का ट्रायल
पाकिस्तान में हजारों लोगों पर टीके को आजमाया जा रहा हैतस्वीर: Thomas Peter/File Photo/Reuters

चीनी वैक्सीन के निर्माता पाकिस्तान में कोविड-19 के टीके के अंतिम ट्रायल कर रहे हैं. बीते हफ्ते में पाकिस्तान में कोरोना वायरस के 20 हजार मामले सामने आए जिनसे पता चलता है कि स्थिति गंभीर होती जा रही है. नवंबर में पाकिस्तान की सरकार ने विभिन्न टीका निर्माताओं से वैक्सीन खरीदने के लिए 15 करोड़ डॉलर की रकम आवंटित की. चीन उनकी लिस्ट में सबसे ऊपर है.

गर्मियों में कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान चीन ने पाकिस्तान को मेडिकल और सुरक्षा उपकरण मुहैया कराए थे और महामारी से निपटने के लिए अपने विशेषज्ञ भी भेजे थे. सितंबर में पाकिस्तान में चीनी टीके के ट्रायल भी शुरू हुए. कैनसीनो-बायोलोजिक्स और बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलोजी की तरफ से तैयार टीके के अंतिम ट्रायल इस समय पाकिस्तान के अलावा सऊदी अरब और रूस जैसे अन्य देशों में भी चल रहे हैं.

पाकिस्तान में इस्लामाबाद, कराची और लाहौर में आठ हजार से ज्यादा वोलंटियरों को टीका लगाया गया है. पाकिस्तानी दवा नियामकों के अनुसार दूसरे चरण में 10 और वॉलंटियरो को इस टीके को आजमाया जाएगा.

कोरोना के खिलाफ जंग में लामा बना सुपरहीरो

03:41

This browser does not support the video element.

पाकिस्तान के लिए "चीन बेहतरीन विकल्प"

लाहौर की हेल्थ साइंस यूनिवर्सिटी में भी टीके के ट्रायल हो रहे हैं. वहां के वाइस चांसलर डॉ. जावेद अकरम कहते हैं कि ट्रायल के नतीजे जनवरी में आने की उम्मीद है. उन्होंने डीडब्ल्यू के साथ बातचीत में कहा, "सरकार की उम्मीदें चीनी वैक्सीन पर टिकी हैं, लेकिन वह अन्य कंपनियों से भी बात कर रही है. हमें लगता है कि चीनी टीका जल्द ही उपलब्ध होगा." उन्होंने बताया कि जब टीका आ जाएगा तो सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को लगाया जाएगा.

पाकिस्तान फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (पीपीएमए) के पूर्व चेयरमैन मोहम्मद जका उर रहमान कहते हैं कि पश्चिमी वैक्सीन निर्माता मुख्य तौर पर अमेरिका और यूरोप के देशों को टीके की आपूर्ति कर रहे हैं. वह कहते हैं, "पाकिस्तान के लिए चीन ही बेहतरीन विकल्प है क्योंकि चीनी कंपनियों के पास ऑर्डर की बाढ़ नहीं आ रही है." उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में अधिकारियों ने पहले ही वैक्सीन को स्टोर करने और उसके वितरण के लिए प्रबंध कर लिए हैं.

पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र के कोवाक्स कार्यक्रम में भी शामिल है, जिसके तहत 2021 के अंत तक उसे लाखों वैक्सीन डोज मिल सकती हैं. कोवाक्स का गठन इसलिए किया गया है ताकि विकासशील देशों को भी वैक्सीन मुहैया कराई जा सके.

ये भी पढ़िए: क्या आवाज से भी फैलता है कोरोना वायरस?

पारदर्शिता की जरूरत?

पाकिस्तान जल्द से जल्द वैक्सीन हासिल करना चाहता है, लेकिन इस बात को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि चीन में वैक्सीन ट्रायल का पहला चरण किस तरह पूरा किया गया. पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन के अब्दुल गफूर शोरो कहते हैं कि शुरुआती ट्रायल के नतीजों को सार्वजनिक नहीं किया गया. उन्होंने डीडब्ल्यू से बातचीत में कहा, "इन निष्कर्षों का थर्ड पार्टी मूल्यांकन कहां है?" उनका दावा है कि चीन और पाकिस्तान मूल्यांकन की प्रक्रिया में स्वतंत्र मेडिकल संस्थाओं को शामिल नहीं करते.

डॉ. अकरम इस तरह की आलोचना को बेबुनियाद मानते हैं. वह कहते हैं, "हम वैक्सीन के ट्रायल और टेस्ट के नतीजों को किसी मेडिकल संस्था के साथ साझा करने के लिए बाध्य नहीं हैं." उनका कहना है, "जब एक सरकार ऐसी रिसर्च में शामिल होती है, तो इस बात पर भी सहमति होती है कि गोपनीय जानकारी को लीक नहीं किया जाएगा. हम अच्छी क्लीनिकल प्रक्रियाओं का पालन कर रहे हैं, एक प्रभावी निगरानी तंत्र बनाया गया है और इस पूरी प्रक्रिया का राजनीतिकरण हम नहीं चाहते."

__________________________

हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें
डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें