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कोरोना वायरस की दवा के लिए अरबों जुटाने का लक्ष्य

४ मई २०२०

यूरोपीय संघ के नेताओं ने वर्चुअल फंडरेजिंग कॉन्फ्रेंस कर कोरोना वायरस की दवा बनाने के लिए 7.5 अरब यूरो जुटाने का लक्ष्य तय किया है. इस राशि को किसी भी संभावित वैक्सीन को सभी लोगों को उपलब्ध कराने के लिए खर्च किया जाएगा.

Still DW-Interview EU-Kommissionspräsidentin von der Leyen
तस्वीर: DW

यूरोपीय नेताओं ने कोरोना वायरस की वैक्सीन और इलाज के लिए एक ऑनलाइन फंडरेजिंग कैंपेन शुरू किया है. एक ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस से शुरू किए गए इस अभियान में 7.5 अरब यूरो (8.2 अरब डॉलर) जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस अभियान की शुरुआत यूरोपीय आयोग ने 1 अरब यूरो देने की घोषणा के साथ की. इसके बाद जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने 52.5 करोड़ यूरो, फ्रेंच राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने 50 करोड़ यूरो और इटली के प्रधानमंत्री जुजेप कोंटे ने 14 करोड़ यूरो अपने-अपने देशों की तरफ से देने की घोषणा की.

यूरोपीय देशों के अलावा कई अन्य देशों ने भी कोरोना वैक्सीन फंड के लिए मदद देने की घोषणा की है. कनाडा ने 85 करोड़ डॉलर, सऊदी अरब ने 50 करोड़ डॉलर, ब्रिटेन ने 48.2 करोड़ डॉलर, इस्राएल ने 1.6 करोड़ डॉलर और दक्षिण अप्रीका ने 13 लाख डॉलर देने की घोषणा की है. आज की डोनर कॉन्फ्रेंस को वैश्विक अभियान की शुरुआत माना जा रहा है, जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश नई के अंत में ऐसे ही एक सम्मेलन की घोषणा करेंगे. उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस के खिलाफ संघर्ष के लिए "इतिहास के सबसे व्यापक पब्लिक हेल्थ प्रयासों की जरूरत होगी."

प्रतिस्पर्धा के बदले सहयोग

इस सम्मेलन का एक प्रमुख लक्ष्य कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष के प्रयासों में टीका बनाने की प्रतिस्पर्धा करने के बदले विभिन्न देशों को एक साथ लाना है. वेलकम ट्रस्ट फाउंडेशन के डाइरेक्टर जेरेमी फरार ने सम्मेलन से पहले कहा कि सिर्फ उन्हें इलाज उपलब्ध कराना जो उसका खर्च उठा सकें, यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए, महामारी को समाप्त करने के लिए काम नहीं करेगा. फ्रांस के राष्ट्रपति माक्रों ने कहा है कि कोविड-19 की चुनौती के सामने सब अपने लिए की स्थिति बड़ी भूल होगी.

स्पेन में हफ्तों से बंद लोग जॉगिंग के लिए निकलेतस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/X. Bonilla

इस कार्यक्रम की पहल यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला फॉन डेय लाएन ने कोरोना के विरुद्ध मिलजुल कर लड़ाई करने के उद्देश्य से की. इस डोनर कॉन्फ्रेंस की पहल का लक्ष्य ये है कि दुनिया के प्रमुख दानदाता और दूसरे देशों की सरकारें आगे आकर सबों के लिए वैक्सीन और इलाज उपलब्ध करवाने के संसाधन जुटा सकें. उनका इरादा दुनियाभर में सस्ती कीमतों पर इलाज उपलब्ध करना भी है. उर्सुला फॉन डेय लाएन ने कहा कि यूरोपीय देशों का ये सामूहिक प्रयास इस संकट के समय हमारी मानवता को दिखाने वाला है. इस इवेंट से पहले अखबारों में एक पत्र प्रकाशित किया गया जिसपर जर्मन चांसलर, इटली के प्रधानमंत्री और फ्रांस के राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर किए थे. इस पत्र में लिखा गया, "हम विश्व स्वास्थ्य संगठन का समर्थन करते हैं और हम बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन और वेलकम ट्रस्ट जैसे संस्थानों के साथ जुड़ने के लिए उत्साहित हैं."

पत्र में कहा गया कि इस धनराशि का उपयोग अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन बनाने और रिसर्च के काम में किया जाएगा. साथ ही इसका उपयोग वैज्ञानिकों, निमायकों, उद्योग जगत, अंतरराष्ट्रीय संगठनों  और चिकित्सा जगत के लोगों के बीच सहयोग बढ़ाने में किया जाएगा. हालांकि सभी नेताओं ने कहा कि भले ही पैसा जुटाने के लक्ष्य को पूरा कर लिया जाए तब भी सभी लोगों के लिए दवाई उपलब्ध करवाने के लिए और भी पैसे की जरूरत पड़ेगी. इन सबने कहा कि अगर हम इस बीमारी के लिए एक वैक्सीन बना सकें तो यह 21वीं सदी में मानवता के लिए सबसे अच्छा कदम होगा. पिछले सप्ताह ही मैर्केल ने एक भाषण में कहा था कि जर्मनी इसके लिए बड़ा योगदान देगा. हालांकि उन्होंने कोई आंकड़ा नहीं बताया था.

यूएन महासचिव अंटोनियो गुटेरेशतस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Kappeler

अमेरिका नहीं ले रहा है हिस्सा

इस दाता सम्मेलन में भाग नहीं लेने वालों में एक प्रमुख नाम अमेरिका है. एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने इस पर जोर दिया है कि वाशिंगटन धन जुटाने के प्रयासों का समर्थन करता है और वायरस को हराने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्व कर रहा है. यूरोपीय संघ की कार्यपालिका का काम करने वाले यूरोपीय आयोग ने मार्च में वैक्सीन बनाने वाली जर्मन कंपनी क्योरवैक का तब समर्थन किया था, जब यह रिपोर्ट आई थी कि अमेरिका ने विकसित किए जा रहे वैक्सीन एक्सक्लूसिव अधिकारों के लिए 1 अरब डॉलर की पेशकश की है.

यूरोप में इसका भारी विरोध हुआ था. तब से अमेरिका ने कोरोना वायरस के खिलाफ टीके के विकास के लिए एक प्रोजेक्ट की शुरुआत की है. यूरोप में इस तरह की चिंताएं हैं कि इसका फायदा सिर्फ अमेरिका को मिलेगा, बाकी दुनिया को नहीं. दाता सम्मेलन में जमा धनराशि का इस्तेमाल जल्द से जल्द वैक्सीन और प्रभावी इलाज विकसित करने के लिए किया जाएगा. डॉक्टर्स विदाउट बोर्डर्स के मार्को आल्वेस का कहना है कि सम्मेलन के आयोजकों को इस बात को सुनिश्चित करना होगा कि जीवनरक्षक मदद मेडिकल जरूरतों के आधार पर दी जाएगी.

आरएस/एमजे (एएफपी, डीपीए)

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