फ्रांस की दवा कंपनी सनोफी और अमेरिकी कंपनी रेजेनेरोन ने कोरोना वायरस के इलाज के लिए परीक्षण शुरू कर दिए हैं. दोनों कंपनियां गठिया की दवा केवजारा का कोरोना वायरस के संक्रमण का इलाज करने के लिए क्लीनिकल ट्रायल कर रही है.
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फ्रांस की बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी सनोफी ने कहा है कि उसने नए कोरोना वायरस के इलाज के लिए परीक्षण शुरू कर दी है. ये परीक्षण अमेरिका में पिछले सप्ताह ही शुरू हो गए थे और अब ये इटली, स्पेन, जर्मनी, फ्रांस, कनाडा और रूस में शुरू किये जाएंगे.
अमेरिकी कंपनी रेजेनेरोन के साथ मिल कर सनोफी गठिया की दवा केवजारा का कोरोना वायरस के संक्रमण का इलाज करने के लिए क्लीनिकल ट्रायल कर रही है. केवजारा इम्यून सिस्टम को बदलने वाली एक दवा है. दोनों कंपनियों का कहना है कि ट्रायल मध्य चरण से अंतिम चरण पर हैं. इसमें कोविड-19 संक्रमण से गंभीर रूप से बीमार करीब 300 मरीज हिस्सा लेंगे जिन्हें कई देशों से ट्रायल के लिए भर्ती किया जाएगा.
एसएआरएस-कोवी2 नाम के इस नए कोरोना वायरस से अब दुनिया भर में सात लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं और तीस हजार से ज्यादा मर चुके हैं. डॉक्टरों का कहना है कि एसआरएस से गंभीर रूप से बीमार हो जाने वाले तथाकथित साइटोकिन स्टॉर्म महसूस करते हैं. यह तब होता है जब इम्यून सिस्टम जरूरत से ज्यादा तेज प्रतिक्रिया करता है और शरीर के अंगों पर हमला कर देता है. कुछ शोध करने वालों का सोचना है कि जो दवाएं इम्यून सिस्टम को दबा देती हैं वो शरीर की इस प्रतिक्रिया को सीमित रखने में उपयोगी साबित हो सकती हैं. केवजारा ऐसी ही दवा है.
रेजेनेरोन अमेरिका में ट्रायल का नेतृत्व कर रही है और सनोफी अमेरिका के बाहर. केवजारा को भी इन्हीं दोनों कंपनियों ने साथ मिल कर विकसित किया था. कोरोना वायरस का संक्रमण अमेरिका में तेजी से फैल रहा है और वह अब सबसे ज्यादा संक्रमण के मामलों वाला देश बन गया है. जॉन्स होप्किंस कोरोना वायरस ट्रैकर के मुताबिक अमेरिका में संक्रमण के एक लाख 42 हजार से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है जबकि देश में अब तक 2,484 लोगों की मौत हो चुकी है. इटली और स्पेन यूरोप में सबसे ज्यादा प्रभावित देश हैं. संक्रमण से हुई मृत्यु के मामलों में इटली दुनिया के सभी देशों से आगे है और स्पेन दूसरे नंबर पर है.
चीन से आए कोरोना वायरस से बचने के तमाम उपाय अगर आप इंटरनेट पर खोज रहे हैं तो आपको सावधान रहने की भी जरूरत है. सोशल मीडिया पर लिखी हर चीज सच नहीं होती. कोरोना वायरस को लेकर फैले इस तरह के भ्रम से दूर रहिए.
तस्वीर: picture-alliance/Hollandse Hoogte
चीन से आए पार्सल से कोरोना वायरस फैल सकता है?
कोरोना वायरस कैसे फैलता है इसको लेकर वैज्ञानिक जानकारियां जुटा रहे हैं. अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के मुताबिक कोरोना वायरस का अस्तित्व सतह पर खत्म हो जाता है. जिसके कारण चीन से आने वाले उत्पादों या पैकेट से वायरस के फैलने का जोखिम बहुत कम है. तो अगली बार डिलीवरी बॉय आपके घर चीन से मंगाया आपका सामान लेकर आए तो आपको डरने की जरूरत नहीं है.
नाक में ब्लीच लगाने से कोरोना से बचा जा सकता है?
ब्लीच या क्लोरीन जैसे कीटाणुनाशक सॉल्वैंट्स जिसमें 75 प्रतिशत इथेनॉल, पैरासिटिक एसिड और क्लोरोफॉर्म होता है, असल में कोरोना वायरस को सतह पर खत्म कर सकते हैं. हालांकि ऐसे कीटनाशकों को त्वचा पर लगाने से कोई फायदा नहीं होता बल्कि शरीर पर ऐसे रसायन डालना बेहद खतरनाक और जानलेवा साबित हो सकता है.
पालतू जानवरों से कोरोना वायरस फैल सकता है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक घर के पालतू जानवरों जैसे बिल्ली या कुत्तों से कोरोना वायरस नहीं फैलता. जानवरों से फैलने वाले दूसरे बैक्टीरिया से बचने के लिए पालतू जानवरों को हाथ लगाने के बाद हाथ धोना अपने आप में अच्छी आदत है. शोधकर्ता कह चुके हैं कि चीन के वुहान शहर में किसी जंगली जानवर से कोरोना वायरस दुनिया भर में फैला.
निमोनिया की वैक्सीन कोरोना वायरस का भी इलाज है?
यह वायरस नया और अलग है. इस वायरस की अपनी वैक्सीन बनाई जा रही है. निमोनिया की वैक्सीन कोरोना वायरस का उपचार नहीं है. इस समय विश्व में कई देशों के वैज्ञानिक कोरोना वायरस या 2019 - एनकोव से लड़ने वाली वैक्सीन बनाने में जुटे हैं.
खारे पानी से नाक धोने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है?
सोशल मीडिया पर ऐसा पोस्ट वायरल हो रहा है जिसके मुताबिक खारे पानी से नाग रगड़ने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक ऐसा कोई प्रमाण नहीं है जो इस दावे की पुष्टि करता हो.
माउथवॉश के गरारे से वायरस से बचा जा सकता है ?
माउथवॉश के गरारे से कोरोना वायरस से नहीं बचा जा सकता है. कुछ कंपनियों के माउथवॉश कुछ मिनटों के लिए आपकी लार में रहने वाले विशेष रोगाणुओं को खत्म कर सकते हैं, लेकिन डब्ल्यूएचओ के मुताबिक यह आपको कोरोना वायरस से नहीं बचाता.
लहसुन खाने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है?
यह दावा सोशल मीडिया पर जंगल की आग की तरह फैल रहा है. लहसुन में जरूर कुछ रोगाणुरोधी गुण होते हैं लेकिन डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए लहसुन लाभकारी नहीं है.
गलत सूचना पर कार्रवाई
सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक और ट्विटर वायरस के बारे में गलत जानकारी वाले पोस्ट हटाने पर काम कर रहे हैं. जनवरी के आखिर में फेसबुक ने घोषणा की है कि वह ऐसी पोस्ट हटा देगा जिसमें कोरोना वायरस के बारे में गलत दावे और गलत जानकारी दी गई है. (रिपोर्ट-जेसी लिया विंगार्ड/एसबी)