कोरोना वायरस के साथ छिड़ा एक अंतहीन सा संघर्ष
१३ अप्रैल २०२०भारतीय मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक कोरोना वायरस के दो मरीज नोएडा के गर्वंमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (जीआईएमएस) में भर्ती थे. बीते शुक्रवार को दो-दो नेगेटिव टेस्टों के बाद दोनों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया. लेकिन इस दौरान तीसरी बार भी उनका सैंपल लिया गया. और तीसरा सैंपल पॉजिटिव आया, यानी दोनों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई. अधिकारियों के मुताबिक मामले की विस्तृत रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी गई है.
भारत में भले ही यह इस तरह का पहला मामला हो लेकिन दक्षिण कोरिया और चीन में ऐसे कई मामले पहले ही सामने आ चुके हैं. दक्षिण कोरिया के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के डायरेक्टर जेयोग इयुन-कयेओंग के मुताबिक, इस तरह के भी कई मामले आ रहे हैं, जिनमें पेशेंट एक दिन कोरोना नेगेटिव निकलता है और दूसरे दिन पॉजिटिव.
दक्षिण कोरिया में अब तक ऐसे 91 मामले सामने आ चुके हैं, जहां इलाज के बाद फिर से लोगों में कोरोना वायरस सक्रिय हुआ है. वायरस इलाज के दौरान शांत हो जाता है. टेस्टों में उसका पता नहीं चलता, लेकिन फिर वह अचानक रिएक्टिवेट हो जाता है.
चीन में कुछ इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं, इलाज के बाद अस्पताल से निकले लोगों की फिर से कोविड-19 से मौत हो गई. मार्च में अचानक शांत होने के बाद चीन में एक बार फिर कोरोना वायरस के नए मामले सामने आने लगे हैं.
रविवार को चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन ने 108 नए मामलों की पुष्टि की. पांच हफ्ते बाद यह पहला मौका है जब चीन में अचानक इतने ज्यादा मामले सामने आए हैं. इनमें कुछ मामले विदेश यात्रा से जुड़े हैं, जबकि कुछ मामले बिल्कुल लोकल हैं.
वैज्ञानिक समुदाय का कहना है कि जब तक कोई दवा या वैक्सीन विकसित नहीं हो जाती, तब तक कोरोना वायरस को पूरी तरह रोकना संभव नहीं दिख रहा है.
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