कोरोना वायरस: भारत में क्या मायने हैं लॉकडाउन के?
२३ मार्च २०२०कोविड-19 की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा अभी तक के सबसे कड़े कदम उठाने के बाद, इस समय देश के कम से कम 22 राज्यों और 80 शहरों में तालाबंदी लागू है. दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु समेत सभी बड़ी शहर बंद हैं.
रेल, मेट्रो और अंतरराज्यीय बस सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं. राष्ट्रीय साजधानी दिल्ली में निजी बसें, रिक्शा, ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा, टैक्सी, रेडियो टैक्सी समेत सभी तरह के सार्वजनिक यातायात के साधनों को बंद कर दिया गया है. आवश्यक सरकारी सेवाओं के अलावा, पीडीएस की दुकानों, परचून की दुकानों, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, बैंकों में कैशियर की सेवाओं और एटीएम, टेलीकॉम, इंटरनेट और डाक सेवाओं, सभी जरूरी सामान के लिए ई-कॉमर्स सेवाओं, दवा दुकानों, पेट्रोल पंप और घरेलू गैस की एजेंसियों को तालाबंदी से छूट है.
निजी कंपनियों को हिदायत दी गई है कि कर्मचारियों से घर से काम कराएं और उन्हें पूरा वेतन दें.
हालांकि अभी जनता ने तालाबंदी को गंभीरता से लेना शुरू नहीं किया है. सोमवार 23 मार्च की सुबह दिल्ली में लोग पार्क में सुबह की सैर पर निकले दिखाई दिए और सड़कों पर यातायात भी दिखा.
प्रधानमंत्री ने भी इस बारे में ट्वीट किया.
रविवार 22 मार्च को पूरे देश में 'जनता कर्फ्यू' का लोगों ने पालन किया और सड़कें और सार्वजिनक स्थल अभूतपूर्व रूप से खाली रहे. लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के नए मामलों में अभी तक की सबसे बड़ी वृद्धि दर्ज की गई. 81 नए मामलों के साथ भारत में मामलों की कुल संख्या 396 और मरने वालों की संख्या 7 हो गई है.
इस समय भारत में चिंता का सबसे बड़ी विषय यह है कि कहीं संक्रमण के फैलने के तीसरे चरण की शुरुआत चुपचाप हो ना गई हो. तीसरे चरण में संक्रमण उन लोगों तक भी फैलने लगता है जो ना विदेश यात्रा से वापस लौटे हों और ना ही किसी संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आए हों. इसे कम्युनिटी ट्रांसमिशन कहते हैं और भारत जैसे देश में यह एक बार शुरू हो गया तो इसके तेजी से फैलने की आशंका है.
सरकार अभी भी मान रही है कि भारत में दूसरा चरण ही चल रहा है.
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