दुनिया में कोरोना वायरस से पहली बार किसी शिशु की मौत हुई है. शिकागो के पब्लिक हेल्थ डायरेक्टर ने इसकी पुष्टि करते हुए बड़े कदम उठाने की अपील की है. अमेरिका इस त्रासदी में बहुत बुरी तरह उलझता दिख रहा है.
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आबादी के लिहाज से दुनिया का तीसरा बड़ा देश अमेरिका कोरोना वायरस की सबसे बुरी चपेट में आ चुका है. समृद्धि का प्रतीक माना जाने वाले न्यूयॉर्क शहर अमेरिका में कोरोना वायरस का केंद्र बन गया है. मार्च 2020 के आखिरी शनिवार तक न्यूयॉर्क में ही कोरोना वायरस के 53,000 मामले दर्ज किए गए. वहां 672 लोगों की जान जा चुकी है.
बीमारी के फैलाव का मैप देखने पर अमेरिका का पूरा पूर्वी हिस्सा लाल दिखाई पड़ रहा है. 1,24,000 से ज्यादा मामलों के साथ अमेरिका चीन से डेढ़ गुना आगे निकल चुका है. बीते 72 घटों में वहां दोगुनी मौतें भी हुईं. अमेरिका में अब तक करीब 2,200 लोग कोविड-19 वायरस के चलते मारे जा चुके हैं.
लेकिन सबसे हैरान करने वाली खबर शिकागो शहर से आई है. शिकागो में कोविड-19 से पीड़ित एक नवजात की मौत हुई है. इलिनॉय डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ की डायरेक्टर डॉ नगोजी एजिके के मुताबिक, कोविड-19 के चलते पहले किसी नवजात की मौत नहीं हुई है. हमें इस जानलेवा वायरस के फैलाव को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाने होंगे. इससे पहले चीन में कोरोना वायरस के चलते एक साल से कम उम्र के एक शिशु की मौत हुई थी, लेकिन उस शिशु में स्वास्थ्य संबंधी दूसरी परेशानियां भी थीं.
आने वाले दिनों में भी अमेरिका की हालत बहुत ज्यादा बुरी होती दिख रही है. डाटा साइंस की मदद से कोरोना वायरस के फैलाव की रफ्तार का अंदाजा लगाने वाले मॉडल यही दावा कर रहे हैं. मौजूदा रफ्तार जारी रही तो अमेरिका में चार दिनों के भीतर संक्रमित लोगों की संख्या दोगुनी हो जाएगी.
न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी और कनेक्टिकट जैसे शहरों को अब भी लॉकडाउन नहीं किया गया है. लोगों को सिर्फ इन तीन राज्यों में बेवजह न जाने की सख्त चेतावनी दी गई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने पहले ट्वीट कर इन प्रांतों को लॉकडाउन करने की चेतावनी दी थी, लेकिन बाद में यू टर्न लेते हुए ट्रंप ने कहा, “ट्रैवल एडवाइजरी को लागू करवाना इन तीनों राज्यों के गर्वनरों की जिम्मेदारी है.”
18 मार्च को प्रतिबंधों के बावजूद फ्लोरिडा राज्य के मियामी बीच पर सैकड़ों छात्रों ने स्प्रिंग ब्रेक पार्टी की. उस पार्टी के आयोजन से जुड़े 40 साल के व्यक्ति की शुक्रवार को मौत हो गई. दोस्तों और परिजनों के बीच सुपरफिट शख्स के रूप में मशहूर इस्राएल कैरेरा पार्टी अटेंड करने के कुछ दिनों बाद थकान की शिकायत करने लगे. धीरे धीरे उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी, लेकिन तब तक कोरोना वायरस उनके फेफड़ों को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा चुका था.
राज्य के 4,000 अन्य पीड़ित भी ऐसे ही हालात में हैं. 24 मार्च तक विश्व में कोविड-19 के तीन लाख से ज्यादा मामले थे. लेकिन पांच दिन बाद यह संख्या 6,65,000 के पार जा चुकी है.
लॉकडाउन के कारण जिन लोगों की कमाई का जरिया बंद हो गया उनके लिए सरकार ने कई एलान किए हैं. एक नजर डालते हैं केंद्र और राज्यों के मरहम पर.
तस्वीर: DW/A. Sharma
कोरोना पैकेज
कोरोना वायरस के चलते भारत सरकार ने 1.7 लाख करोड़ पैकेज का एलान किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐसे लोगों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की है जो गरीब और कमजोर तबके के हैं.
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सबसे बड़ी राहत
21 दिनों के लॉकडाउन के कारण संकट से जूझ रहे गरीब, किसान, मजदूर, छोटे कर्मचारियों और महिलाओं को राहत देने के लिए इस योजना को दो हिस्सों में बांटा गया है. पहली कोशिश हर नागरिक के पेट भरने की है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों को खाद्य मदद दी जाएगी.
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गरीब कल्याण योजना
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों को तीन महीने तक मुफ्त राशन दिया जाएगा. ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा के तहत काम करने वालों को अब 182 रुपये के बदले 202 रुपये मिलेंगे. इससे उनकी आय में 2000 रुपये की बढ़ोतरी होगी. इसके अलावा तीन करोड़ गरीब वृद्धों, गरीब विधवाओं और गरीब दिव्यांगों को एक-एक हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा हुई है.
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लॉकडाउन में भी जलता रहे चूल्हा
उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को अगले तीन महीने तक मुफ्त में रसोई गैस सिलेंडर देने का ऐलान हुआ है, इससे 8 करोड़ गरीब परिवारों को लाभ होगा.
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किसानों की फिक्र
राहत पैकेज के तहत देश के 8.7 करोड़ किसानों के खाते में अप्रैल के पहले हफ्ते में 2000 रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे.
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कोरोना योद्धाओं का बीमा
कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे डॉक्टरों, पैरा मेडिकलकर्मियों, नर्स, आशा सहयोगी और अन्य मेडिकल स्टाफ के लिए बीमा की घोषणा की गई है. सरकार ने इन लोगों के लिए 50 लाख रुपये के मेडिकल इंश्योरेंस का ऐलान किया है. इसका लाभ करीब 20 लाख मेडिकल कर्मियों को मिलेगा.
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महिलाओं के लिए सहायता
जनधन योजना के जरिए 20 करोड़ महिलाओं के खाते में अगले 3 महीने तक डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के जरिए हर महीने 500 रुपये दिए जाएंगे.
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राज्यों की पहल
लॉकडाउन के कारण प्रभावित लोगों की मदद के लिए राज्य की सरकारें भी आगे आ रही हैं. बिहार सरकार ने राशन कार्डधारी परिवार को एक महीने का मुफ्त राशन देने का एलान किया है.
तस्वीर: DW/A. Ansari
आरबीआई की राहत
कोरोना से अर्थव्यवस्था को और अधिक नुकसान से बचाने के लिए रिजर्व बैंक ने भी बड़ी घोषणाएं की हैं. आरबीआई ने रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और सीआरआर में कटौती की घोषणा की है. साथ ही आरबीआई ने टर्म लोन की किश्त चुकाने में तीन महीने की छूट दी है. ग्राहक अपनी मर्जी से ईएमआई चुका सकते हैं लेकिन बैंक दबाव नहीं डालेगा. इसका यह मतलब नहीं कि बकाया कभी चुकाना ही नहीं पड़ेगा. सिर्फ तीन महीने की मोहलत दी गई है.
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प्रवासी मजदूरों की चिंता
बड़े शहरों से गांवों की तरफ पलायन करने वाले प्रवासी मजदूरों को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी की है. केंद्र ने राज्यों से खेतिहर मजदूरों, औद्योगिक मजदूरों और असंगठित क्षेत्र के कामगारों के पलायन रोकने को कहा है. केंद्र की ओर से राज्यों को सलाह दी गई है कि वे इन समूहों को मुफ्त अनाज और अन्य जरूरी चीजों के बारे में जानकारी दे जिससे बड़े पैमाने पर पलायन को रोका जा सके.