कोरोना संकट के सबसे बुरे दौरे में अभी नहीं पहुंचा है जर्मनी
५ अप्रैल २०२०
यूरोप में कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले इटली और स्पेन के बाद जर्मनी और फ्रांस में हैं. जर्मनी में मृत्यु दर बाकियों से कम है. लेकिन सरकार का कहना है कि सबसे बुरा दौर आना अभी बाकी है.
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कोरोना संकट में जर्मनी अभी अपने सबसे बुरे दौर में नहीं पहुंचा है. चांसलर कार्यालय के हेल्गे ब्राउन ने स्थानीय अखबार फ्रांकफुर्टर अल्गेमाइने साइटुंग से बातचीत में यह कहा. हेल्गे ने कहा, "सरकार का काम है कि इस संकट के सबसे बुरे दौर में नागरिकों को बचाने की तैयारी करे." उनके अनुसार "संक्रमण दर का सबसे बुरा दौर" अभी तक नहीं आया है लेकिन निकट भविष्य में देश को इसका सामना करना होगा.
जर्मनी में लगभग लॉकडाउन जैसी स्थिति है और 19 अप्रैल तक लोगों को घरों में ही रहने को कहा गया है. ब्राउन ने कहा कि नियमों में बदलाव उसी स्थिति में मुमकिन है जब संक्रमित लोगों की संख्या कम होने लगे. जर्मनी में हर दिन चार से छह हजार नए मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि देश के लिए यह राहत की बात है कि आंकड़ा इससे ज्यादा नहीं बढ़ रहा है लेकिन ब्राउन के अनुसार जब तक इस संख्या में लगातार गिरावट नहीं देखी जाती, तब तक सोशल डिस्टैन्सिंग के नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता.
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वहीं दक्षिणी प्रांत बवेरिया के मुख्य मंत्री मार्कुस जोएडेर ने एक अन्य अखबार बिल्ड अम जॉनटाग से बातचीत में कहा कि लॉकडाउन के नियमों में जितनी जल्दी बदलाव किया जाएगा संक्रमण के दोबारा बढ़ने का खतरा भी उतना ही ज्यादा हो जाएगा. उन्होंने कहा, "हमें अभी धैर्य रखना होगा." देश में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले बवेरिया में ही दर्ज हुए हैं.
जर्मनी में "लॉकडाउन" ना कह कर इसे "संपर्क प्रतिबंध" का नाम दिया गया है. सार्वजनिक जगहों पर दो से ज्यादा लोगों को जमा होने की अनुमति नहीं है. लोग खाने पीने का सामान लेने, दवा खरीदने और सैर करने के लिए घर से बाहर निकल सकते हैं. एक ही परिवार के लोग हों तो दो से ज्यादा भी हो सकते हैं. हेल्गे ब्राउन के अनुसार इन नियमों के लागू होने से पहले देश में संक्रमित लोगों की संख्या हर तीन दिन में दोगुनी हो रही थी. यह गति अभी कम हुई है लेकिन संतोषजनक नहीं है. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों और अस्पतालों पर दबाव ना पड़े यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि संख्या तीन-चार नहीं, बल्कि दस दिन में जा कर दोगुनी हो, "शायद ग्यारह या बारह दिन बेहतर होंगे ताकि हम अस्पतालों में आईसीयू तैयार कर सकें."
लॉकडाउन में ऐसे रखें अपना ख्याल
आप स्वस्थ रह सकें इस वजह से सरकार ने देश भर में लॉकडाउन लागू किया है. लेकिन घर में पड़े रह कर आप बीमार भी हो सकते हैं. इसलिए ये टिप्स अपनाएं और अपना और अपनों का ख्याल रखें.
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पौष्टिक आहार लें
जब तक इस वायरस से निपटने के लिए टीका विकसित नहीं हो जाता तब तक हम सब पर इसका खतरा मंडरा रहा है. और टीका कब आएगा, यह कहना मुश्किल है. इसलिए जरूरी है कि शरीर के इम्यून सिस्टम को दुरुस्त रखिए. ताजा फल सब्जियों से भरपूर पौष्टिक आहार आपको स्वस्थ रहने में मदद देगा. सिर्फ शारीरिक ही नहीं, मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी ये जरूरी हैं.
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अच्छी नींद लें
हमारे इम्यून सिस्टम को अच्छे खाने के साथ साथ अच्छी नींद की भी जरूरत होती है. जितना कम सोएंगे शरीर उतनी आसानी से बीमार हो सकेगा. अगर दिन रात कोरोना वायरस से जुड़ी खबरें देख देख कर आप तनाव में आ रहे हैं और यह तनाव आपकी नींद में बाधा डाल रहा है तो कोशिश कीजिए कि सोने से एक दो घंटे पहले ही फोन और टीवी से दूर हो जाएं.
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कसरत करें
कसरत करने से हमारे शरीर में कुछ ऐसे रसायन निकलते हैं जो हमें अच्छा महसूस कराते हैं, अच्छी नींद में मददगार होते हैं और हमें फिट रखते हैं. और कसरत करने के लिए घर से निकलना जरूरी नहीं है. घर में ही सुबह, दोपहर, शाम दस दस मिनट के लिए कसरत करें. अगर अकेले कसरत करना अच्छा नहीं लगता तो यूट्यूब पर वीडियो चला लें या कोई ऐप डाउनलोड कर लें.
ये सोशल डिस्टैन्सिंग का वक्त है. और इस वक्त में अपनों के करीब होना और भी जरूरी है. वास्तविक रूप में नहीं, डिजिटल रूप में. अपने घर वालों से हर रोज वीडियो चैट करें, अपने दोस्तों को फोन या मेसेज करें और उनका हाल चाल पूछते रहें. इसी तरह से आप अपने बच्चों के लिए भी तरह तरह की एक्टिविटी तैयार कर सकते हैं जो वे फोन या कंप्यूटर पर अपने दोस्तों के साथ करेंगे.
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व्यस्त रहिए
दिन भर घर पर रहना बहुत उबाऊ हो सकता है. खुद को इतना व्यस्त रखें कि परेशानी आपको छू भी ना सके. यह अपने अधूरे काम पूरे करने का अच्छा मौका है. कोई पुरानी हॉबी भी दोबारा शुरू कर सकते हैं. किताबें पढ़ना, खाना पकाना, सिलाई, पेंटिंग, जो भी आपको पसंद हो, सब करें. घर की सफाई का काम पूरा परिवार मिलजुल कर करे तो और आसानी होगी.
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ध्यान लगाएं
इस माहौल में पॉजिटिव रहना बहुत जरूरी है. किसी भी हाल में पैनिक बिलकुल ना करें. सुबह उठने के बाद कुछ देर के लिए आंखें बंद कर के ध्यान लगाने की कोशिश करें. लॉकडाउन के चलते सड़कों पर गाड़ियां नहीं हैं और चिड़ियों के चहचहाने की आवाज सुनाई देने लगी है जिसे शहरों में लोग भूल ही गए थे. इस मीठी आवाज के बीच ध्यान लगाना आसान होगा.
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रूटीन का पालन करें
जिन लोगों को रोज काम पर जाने की आदत है उनके लिए घर पर रहने का मतलब होता है दिन भर बिस्तर में सुस्ताना. लेकिन अब जब हर दिन ही रविवार जैसा लगने लगा है, तो ऐसा ना करें. आलस करने की जगह एक रूटीन तैयार करें. रोज उस रूटीन से ही खाएं-पिएं. ऐसे में वर्क फ्रॉम होम में भी मजा आएगा, कसरत का भी वक्त निकल आएगा और नींद भी पूरी हो सकेगी.
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फेक न्यूज से बचें
घर पर हैं तो जाहिर है फोन पर वक्त ज्यादा बिता रहे हैं. और इस बीच व्हाट्सऐप पर कोरोना को ले कर फॉर्वर्डेड मेसेज की भरमार है. इनमें से बहुत से मेसेज फेक हो सकते हैं. तो जब भी कोई आपको मेसेज फॉरवर्ड करे, उसे गूगल करें. अगर किसी विश्वसनीय स्रोत में वही जानकारी दी हो तब ही उस पर यकीन करें. और अगर खबर सही ना हो तो उसे आगे ना बढ़ाएं.
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लॉकडाउन के नियमों के बारे में बात करते हुए मार्कुस जोएडेर ने कहा, "ऐसा नहीं है कि 20 अप्रैल के बाद से अचानक ही सब बदल जाएगा." उन्होंने कहा कि जानकारों ने उन्हें बताया है कि इन नियमों के बिना जर्मनी की हालत इटली से भी बुरी हो सकती थी और मरने वालों की तादाद बहुत ज्यादा हो सकती थी. 20 अप्रैल के बाद लॉकडाउन जारी रहेगा या फिर इसे धीरे धीरे हटाया जाएगा, जर्मनी में फिलहाल इस पर चर्चा चल रही है.
साथ ही अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे बुरे असर से निपटना एक बड़ा मुद्दा है. जर्मनी में लोगों की मदद के लिए टैक्स में बदलाव करने की बात चल रही है, तो यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सूला फॉन डेय लाएन ने अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए यूरोप में एक "मार्शल प्लान" लाने की बात भी कही है. स्पेन के राष्ट्रपति पेद्रो सांचेज ने ईयू से एकजुटता की अपील करते हुए कहा है कि महामारी के इस दौर में अगर यूरोपीय संघ बिखरना नहीं चाहता है तो उसे अर्थव्यवस्था को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए युद्ध जैसे कदम उठाने होंगे.
कोरोना वायरस से जुड़े कुछ अहम सवाल हैं, जो आपके लिए भी जानना बेहद जरूरी है. ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब हम देने की कोशिश करते हैं.
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कितना गंभीर है कोरोना का खतरा?
कोरोना वायरस के संक्रमण और उससे होने वाली बीमारी कोविड-19 को वैश्विक महामारी घोषित किया गया है. इसके बावजूद बहुत से लोगों को अब भी ऐसा लगता है कि एक छोटे से वायरस को बहुत बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जा रहा है. मौजूदा दर के अनुसार हर व्यक्ति दो से तीन लोगों को संक्रमित कर रहा है. इस वक्त दुनिया भर में कुल पांच लाख लोग इस वायरस के संक्रमित हैं.
लक्षण कब दिखते हैं?
संक्रमण का शक होने पर कम से कम दो हफ्ते सेल्फ क्वॉरंटीन में रहने के लिए कहा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि लक्षण दिखने में 14 दिन तक लग सकते हैं. हो सकता है कि वायरस आपके शरीर में हो लेकिन अब तक आपको बीमार नहीं कर पाया हो.
कैसे होता है संक्रमण?
खांसते या छींकते वक्त मुंह से निकलने वाले ड्रॉप्लेट्स से यह वायरस फैलता है. लक्षण दिखने के बाद व्यक्ति को सबसे अलग कर दिया जाता है क्योंकि अगले 14 दिन तक वह दूसरों के लिए खतरा है. इसी वजह से दुनिया भर की सरकारें सोशल डिस्टैन्सिंग का आग्रह कर रही हैं. घर से बाहर मत निकलिए और संक्रमण के खतरे से बचिए.
कितनी तेजी से फैलता है ये वायरस?
कोरोना संक्रमण अगर एक बार कहीं शुरू हो जाए तो औसतन हर दिन मामले दोगुने हो जाते हैं. यानी अगर कहीं 100 मामले दर्ज हुए हैं, तो अगले दिन 200, फिर 400, 800.. इस तरह से बढ़ते चले जाते हैं. यही वजह है कि अब आंकड़ा पांच लाख को पार कर गया है. अगर अभी इसे नहीं रोका गया तो इस पर काबू करना नामुमकिन हो जाएगा.
आंकड़ों पर भरोसा किया जा सकता है?
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि 80 फीसदी मामलों में लोगों को पता भी नहीं चलता कि वे वायरस के साथ जी रहे हैं. ऐसे में ये लोग दूसरों को संक्रमित कर देते हैं. कुछ देश बहुत तेजी से टेस्टिंग कर रहे हैं और ऐसे में आधिकारिक आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. लेकिन भारत में टेस्टिंग दर अब भी बहुत ही कम है. इसलिए असली संख्या काफी ज्यादा हो सकती है.
मृत्यु दर क्या है?
इस महामारी के बारे में जब पता चला तो शुरू में मृत्यु दर के सिर्फ 0.2 होने की बात कही गई थी. इस बीच यह दो फीसदी हो गई है. लेकिन इटली में एक दिन में करीब हजार लोगों के मरने के बाद यह बदल सकती है अगर जल्द ही स्थिति पर नियंत्रण नहीं कर लिया गया. मरने वालों में अधिकतर 65 साल से ज्यादा उम्र के लोग हैं.
कोरोना से बचने के लिए क्या करें?
अगर आपके आस पड़ोस में कोई व्यक्ति संक्रमित है, तो उससे और उसके परिवार से दूर रहें. सब्जी अच्छी तरह पकाएं क्योंकि उच्च तापमान पर वायरस मर जाता है. साथ ही बाजार से लाए किसी भी पैकेट को खोलने से पहले अच्छी तरह धो लें.
कितनी बार हाथ धोएं?
जितना मुमकिन हो. खांसने या छींकने के बाद, बाहर से जब भी घर आएं, खाना पकाने से पहले और बाद में. साबुन से कम से कम बीस सेकंड तक हाथ धोएं. अगर बाहर हैं और हाथ धोना मुमकिन नहीं है, तो सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.