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कोरोना: भारत में कुल मामले 20 लाख के पार

चारु कार्तिकेय
७ अगस्त २०२०

भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के 20 लाख से भी ज्यादा मामले हो चुके हैं. 10 लाख नए मामले सामने आने में सिर्फ 21 दिन लगे. मृतकों की संख्या 41,585 हो गई है. नए राज्यों और नए शहरों में हॉटस्पॉट उभर कर सामने आ रहे हैं.

Indien Mumbai | Coronakrise
तस्वीर: AFP/I. Mukherjee

भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के 20 लाख से भी ज्यादा मामले हो चुके हैं और लगातार ऊपर चढ़ते ग्राफ की दिशा में बदलाव का कोई भी संकेत नहीं मिल रहा है. गुरूवार छह अगस्त को लगभग छह लाख 39 हजार टेस्ट किए गए थे, जिनमें 62,000 से भी ज्यादा नए मामले सामने आए. इनमें 6,07,384 सक्रिय मामले हैं. ये लगातार दूसरा दिन है जब देश में एक दिन में 60,000 से भी ज्यादा मामले सामने आए हैं.        

16 जुलाई को भारत ने 10 लाख मामलों का आंकड़ा पार किया था, जिसका मतलब है अगले 10 लाख मामले सामने आने में सिर्फ 21 दिन लगे. सिर्फ दो और देशों में 20 लाख से ज्यादा मामले हैं -अमेरिका और ब्राजील, लेकिन भारत में 3.1 प्रतिशत की संक्रमण की वृद्धि दर सबसे ज्यादा है. एक रिपोर्ट के अनुसार ये दोनों देश जब इस स्तर पर थे तब नए मामलों की वृद्धि दर अमेरिका में 1.1 प्रतिशत और ब्राजील में 2 प्रतिशत थी.

भारत में संक्रमण से मरने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ ही रही है. गुरूवार को 886 लोगों की मृत्यु हो गई और मृतकों की कुल संख्या बढ़ कर 41,585 हो गई. एक दिन पहले लगातार दो दिनों तक देश में कोविड-19 ने एक दिन में 900 से भी ज्यादा लोगों की जान ले ली थी. लगभग सभी राज्यों में संक्रमण के फैलाव को लेकर चिंताजनक स्थिति बनी हुई है. महाराष्ट्र में रोजाना 11,000 से भी ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं तो आंध्र प्रदेश में 10,000 से ज्यादा, कर्नाटक में 6,000 से ज्यादा, उत्तर प्रदेश में 4,500 से ज्यादा और बंगाल में लगभग 3,000 से ज्यादा.

भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते मामलों के साथ लोग कोरोना वायरस के साथ जीने के तरीके अपना रहे हैं. मुंबई में एक बिल्डिंग की लिफ्ट में एक स्पॉन्ज लगा है जिसमें टूथप्रिक लगे हैं, जिन्हें निकाल कर लिफ्ट के बटन बिना छुए दबाए जा सकते हैं.तस्वीर: Reuters/F. Mascarenhas

एक आकलन के अनुसार संक्रमण के बढ़ते मामलों के साथ साथ हॉटस्पॉट भी बदल रहे हैं. कुछ समय पहले तक संक्रमण देश के सभी जिलों में से आधों में भी नहीं था, अब लगभग सभी जिलों में फैल चुका है. आबादी के अनुपात में नए मामलों का आंकड़ा देखें तो अंडमान और निकोबार, लक्षद्वीप, गोवा और पुडुचेरी जैसी जगहों पर भी संक्रमण तेजी से फैल रहा है.

जिन राज्यों में पहले से स्थिति चिंताजनक थी, उनमें संक्रमण के केंद्रों का अब राजधानी और बड़े शहरों से दूसरे शहरों में स्थानांतरण हो रहा है. महाराष्ट्र में सोलापुर, ठाणे, नासिक, पालघर, गुजरात में सूरत, राजकोट और कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़, उडुपी, धारवाड़, बीदर जैसे जिले अब नए केंद्र बन कर उभर रहे हैं.

दूसरी तरफ बिहार, बंगाल, ओडिशा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर राज्यों जैसे इलाके हैं जहां अभी तक टेस्टिंग की गति बढ़ाई नहीं गई है और प्रशासनिक ढांचा भी बढ़ते मामलों के बोझ तले चरमराता हुआ नजर आ रहा है. इन इलाकों को ले कर विशेष रूप से चिंता बनी हुई है. भारत को टेस्टिंग की रफ्तार और बढ़ाने की जरूरत है. देश में इस समय हर 10 लाख लोगों पर सिर्फ 16,500 टेस्ट किए जा रहे हैं, जबकि अमेरिका में यह आंकड़ा लगभग दो लाख है, रूस में दो लाख से ज्यादा और ब्रिटेन में ढाई लाख से ज्यादा.

पूरे विश्व में संक्रमण के मामले दो करोड़ के आस पास पहुंच रहे हैं. मरने वालों की संख्या सात लाख पार कर चुकी है. कुल 50 लाख मामलों के साथ अमेरिका सबसे आगे है और उसके बाद लगभग 30 लाख मामलों के साथ ब्राजील.

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