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कोर्ट में अटॉर्नी जनरल रखेंगे पीएम का पक्ष

१९ नवम्बर २०१०

2जी स्पैक्ट्रम मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय पर उठते सवालों के बीच सुप्रीम कोर्ट में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पक्ष अब अटॉर्नी जनरल जी वाहनवती रखेंगे. इससे पहले सोलिसिटर जनरल जी सुब्रमण्यम मनमोहन सिंह के वकील थे.

तस्वीर: Wikipedia/LegalEagle

जी वाहनवती के मुताबिक सरकार ने उनसे कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के सामने वह प्रधानमंत्री का पक्ष रखेंगे. पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा पर महीनों तक आरोप लगने के बावजूद प्रधानमंत्री ने कोई ठोस कदम नहीं लिया जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सफाई मांगी है. प्रधानमंत्री के नए वकील वाहनवती ने अभी यह नहीं बताया है कि क्या सरकार ने उन्हें मामले से जुड़े कोई खास निर्देश दिए हैं.

इससे पहले प्रधानमंत्री का पक्ष रख रहे सोलिसिटर जनरल सुब्रमण्यम से न्यूज एजेंसी पीटीआई ने संपर्क किया तो उन्होंने बताया, "यह वकील हटाने का मामला नहीं है, सिर्फ बेहतर ढंग से समन्वय करने और अपना पक्ष रखने का है. मैं केंद्र सरकार और टेलीकॉम मंत्रालय का पक्ष अदालत में रखता रहूंगा. जबकि अटॉर्नी जनरल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पक्ष रखेंगे."

सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री से शनिवार तक हलफनामा दायर करने को कहा है जिसमें ए राजा के खिलाफ कथित रुप से कार्रवाई न करने के आरोपों पर सफाई दी जानी है. पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा के खिलाफ केस चलाने की अनुमति की मांग करते हुए एक याचिका दायर की गई थी जिसका लंबे समय तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया. कोर्ट ने इस मामले को बेहद गंभीर बताया है.

2जी स्पैक्ट्रम लाइसेंस वितरण मामले में कोर्ट ने कहा है कि कम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (कैग) की रिपोर्ट भी कई अहम बातें सामने लाती है. अदालत जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री से ए राजा के खिलाफ तब मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी जब राजा टेलीकॉम मंत्री थे.

कोर्ट ने सरकार से कई ऐसे तीखे सवाल पूछे हैं जिससे सरकार को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है. कोर्ट ने कहा है कि सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर लंबे समय तक कोई फैसला न होना और चुप्पी रखे जाना परेशान करने वाला है.

विपक्ष के बढ़ते दबाव और कैग रिपोर्ट में लाइसेंस वितरण के दौरान सरकार को भारी नुकसान की बात सामने आने के बाद ए राजा इस्तीफा दे चुके हैं. कैग के मुताबिक सरकार को 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: महेश झा

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