कोलकाता के इलेट्रॉनिक हब सॉल्टलेक में चलती कार में नेपाली मूल की एक युवती के साथ गैंगरेप की घटना से महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है.
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रविवार देर रात को सॉल्टलेक इलाके में चार युवकों ने पेशे से बार सिंगर युवती को जबरन एक सफेद रंग की स्कॉर्पियो कार में खींच लिया. उसके बाद लगभग साढ़े तीन घंटे तक वह कार इलाके में घूमती रही. इस दौरान चारों ने बारी-बारी उसके साथ बलात्कार किया. बाद में एक जगह युवती के शोर मचाने पर वह उसे कार से नीचे फेंक कर भाग गए. एक टैक्सी चालक ने उसे अकेली बदहवास हालत में देख कर पुलिस को सूचना दी.
पुलिस ने मौके पर पहुंच कर युवती को अस्पताल में दाखिल कराया. उसके शरीर पर चोटों के निशान हैं.पुलिस ने उस युवती की पहचान या उसके मूल स्थान के बारे में जानकारी देने से इंकार कर दिया है. लेकिन जानकारों के मुताबिक उत्तर बंगाल से आई वह युवती नेपाली मूल की थी और बीते तीन साल से यहां बागुईहाटी इलाके में बतौर पेइंग गेस्ट रह रही थी.
वह एक डांस बार में गाना गाती थी. रविवार रात को अपनी ड्यूटी खत्म होने के बाद वह किसी रेस्तरां की तलाश में किराए की कार से सॉल्टलेक पहुंची थी. उसने वहां एक युवक से रास्ता पूछा. लेकिन उस युवक ने फोन कर अपने दूसरी साथियों को कार समेत मौके पर बुला लिया और कुछ दूरी पर जा रही युवती को जबरन कार में खींच लिया.
कैसे हुई गिरफ्तारी
इस मामले में जिन तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है उनके नाम नाम अर्णब दे, शुभेंदु नाग और सौरव बेरा हैं. ये पेशे से ड्राइवर हैं और इनकी उम्र 25 से 28 साल के बीच है. अब पुलिस को इस मामले के चौथे अभियुक्त की तलाश है. इनको मंगलवार को उत्तर 24 परगना जिले के हाड़ोआ से गिरफ्तार किया गया. विधाननगर के पुलिस आयुक्त शमीम जावेद ने मंगलवार को यहां इसकी जानकारी देते हुए बताया कि अभियुक्तों को बुधवार को अदालत में पेश किया जाएगा.
क्यों होते हैं बलात्कार?
भारत में रोजाना औसतन 92 महिलाओं का बलात्कार होता है. जब भी किसी महिला के साथ यह जघन्य अपराध होता है, कभी सवाल उसके कपड़ों तो कभी देर रात घर से बाहर रहने पर उठाए जाते हैं. क्या महिलाओं पर बंदिशें लगाना ही है उपाय?
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तन ढकने की जरूरत
मानव सभ्यता की शुरुआत से ही मौसम की मार से बचने के लिए शरीर को ढकने की जरूरत महसूस की गई. बीतते समय के साथ जानवरों की छाल पहनने से लेकर आज इतने तरह के कपड़े मौजूद हैं. जीवनशैली के आसान होने के साथ साथ कपड़ों के ढंग भी बदले हैं और अब यह अवसर, माहौल, पसंद और फैशन के हिसाब से पहने जाते हैं. फिर पूरे बदन को ढकने वाले कपड़ों पर जोर क्यों?
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अंग प्रदर्शन यानि बलात्कारियों को न्यौता
भारत में बलात्कार के ज्यादातर मामलों में पाया गया है कि पीड़िता ने सलवार कमीज और साड़ी जैसे भारतीय कपड़े पहने हुए थे. उनपर हमला करने वाले पुरुषों ने अपनी सेक्स की भूख के कारण संतुलन खो दिया. ऑनर किलिंग के कई मामलों में किसी महिला को सबक सिखाने के मकसद से उस पर जबरन यौन हिंसा की गई और फिर जान से मार डाला गया. इन सबके बीच कपड़ों पर तो किसी का ध्यान नहीं गया.
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कानून का डर नहीं
संयुक्त राष्ट्र ने 2013 में एशिया प्रशांत क्षेत्र में किए अपने सर्वे में पाया गया कि सर्वे में शामिल हर चार में एक पुरुष ने अपने जीवन में कम से कम एक बार किसी महिला का बलात्कार किया है. इनमें से 72 से लेकर 97 फीसदी मामलों में इन पुरुषों को किसी कानूनी कार्यवाई का सामना नहीं करना पड़ा था.
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मनोरंजन का साधन हैं यौन अपराध
उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ इतने ज्यादा यौन अपराधों का कारण प्रदेश की पुलिस ने वहां मोबाइल फोनों के बढ़ते इस्तेमाल, पश्चिमी देशों के बुरे असर और छोटे कपड़ों को ठहराया. लोगों को सुरक्षा देने की अपनी जिम्मेदारी में पूरी तरह विफल पुलिस का कहना है कि मनोरंजन के बहुत कम साधन होने के कारण पुरुष यौन अपराधों को अंजाम देने लगते हैं.
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महिलाओं से मिल रही है चुनौती
सड़कों, ऑफिसों या किसी सार्वजनिक स्थान पर कई बार महिलाओं के कपड़े नहीं बल्कि उनके चेहरे से झलकता आत्मविश्वास, स्वच्छंद रवैया और अब तक पुरुषों के कब्जे में रहे कई क्षेत्रों में उनकी पहुंच कई पुरुषों को बौखला रही है. सदियों से स्थापित पुरुषसत्तात्मक समाज के समर्थक ऐसी औरतों को सामाजिक संतुलन को बिगाड़ने का जिम्मेदार मानते हैं और यौन हिंसा कर उन्हें समाज में उनकी सही जगह दिखाने की कोशिश करते हैं.
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महिलाओं को ज्यादा बड़ा खतरा किससे
दुनिया के सबसे युवा देश में आज बलात्कार महिलाओं के खिलाफ चौथा सबसे बड़ा अपराध बन चुका है. नेशनल क्राइम ब्यूरो की 2013 रिपोर्ट बताती है कि साल दर साल दर्ज होने वाले इन करीब 98 फीसदी मामलों में बलात्कारी पीड़ित का जानने वाला था. ज्यादातर मामले जो प्रकाश में आते हैं वे सार्वजनिक जगहों पर अनजान लोगों द्वारा किए गए होते हैं जिस कारण इस सच्चाई पर ध्यान नहीं जाता.
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एक कदम आगे, दो कदम पीछे
एक ओर पहले के मुकाबले ज्यादा लड़कियां पढ़लिख रही हैं और कार्यक्षेत्र में पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं. दूसरी ओर इस कारण वे शादी और बच्चे देर से पैदा कर रही हैं. भारत में शादी के पहले शारीरिक संबंध बनाने के मामले समाज के लिए असहनीय और खतरा बताए जाते हैं. इस कारण बहुत से युवा पुरुष को अपनी यौन इच्छा पूरी करने का कोई स्वस्थ तरीका नहीं मिलता और कई बार यही यौन हिंसा का कारण बनता है.
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हिंसा का चक्र गर्भ से ही शुरु
भारत में अजन्मे बच्चे की लिंग जांच कर मादा भ्रूण को गर्भ में ही मार देने की घटनाएं आम हैं. जो लड़कियां जन्म ले पाती हैं वे संख्या में इतनी कम हैं कि समाज का संतुलन बिगड़ गया है. स्त्री-पुरुष अनुपात के मामले में भारत 1970 से भी नीचे आ गया है. इसके अलावा बाल विवाह, कम उम्र में मां बनना, प्रसव से जुड़ी मौतें और घरेलू हिंसा के लिए भी क्या छोटे कपड़ों को ही जिम्मेदार मानेंगे.
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पुलिस ने इस घटना में इस्तेमाल की गई कार भी बरामद कर ली है. मौके से ही पुलिस को एक मोबाइल भी मिला था. सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल के कॉल डिटेल्स के जरिये पुलिस अभियुक्तों तक पहुंच पाई. पहले एक अभियुक्त को हिरासत में लिया गया था. उसके बयान के आधार पर बाकी दो लोगों को पकड़ा गया. तीनों से अलग-अलग पूछताछ के बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस सूत्रों ने बताया कि अभियुक्तों ने अपना अपराध कबूल कर लिया है.
इससे पहले छह फरवरी 2012 को महानगर के पॉश कहे जाने वाले पार्क स्ट्रीट इलाके में भी चलती कार में सुजैट जॉर्डन नामक एक महिला के साथ चलती कार में सामूहिक बलात्कार मामले ने पूरे दुनिया में सुर्खियां बटोरी थीं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटना को मनगढ़ंत करार दिया था. लेकिन बाद में बलात्कार की पुष्टि होने और अभियुक्तों को सजा मिलने पर ममता बनर्जी और उनकी सरकार की काफी किरकिरी हुई थी. बीते साल पीड़ित महिला ने लंबी बीमारी के बाद दम तोड़ दिया. इस मामले में तीन अभियुक्तों को दस-दस साल की सजा सुनाई गई थी. लेकिन मूल अभियुक्त अब तक फरार है.
सुरक्षापरसवाल
पार्क स्ट्रीट की घटना ममता बनर्जी के पहली बार सत्ता संभालने के लगभग नौ महीने बाद हुई थी. लेकिन सिर मुड़ाते ही ओले पड़ने की तर्ज पर यह घटना ममता के दूसरी बार शपथ लेने के महज दो दिनों बाद ही घटी है. इससे एक महिला के राज में महिलाओं की लचर सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं. इसके साथ ही यह पूछा जाने लगा है कि एक कार में चार लोग एक युवती पर लगभग साढ़े तीन घंटे तक पाशविक अत्याचार करते रहे लेकिन कहीं पुलिस के किसी गश्ती दल की उस कार पर आखिर नजर क्यों नहीं पड़ी.
विपक्षी राजनीतिक दलों ने इस घटना के लिए सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. बीजेपी नेता रूपा गांगुली ने मंगलवार को सॉल्टलेक में संबंधित थाने के सामने प्रदर्शन किया. सीपीएम और कांग्रेस ने भी इसके लिए सरकार की खिंचाई की है. इन दोनों दलों ने राज्य में कानून व व्यवस्था की लचर स्थिति को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है.