कोलोन का कार्निवाल ना सिर्फ अपनी मस्ती भरी रैलियों बल्कि समसामयिक मुद्दों पर संदेशप्रद झांकियों के लिए भी प्रसिद्ध है. इस बार शार्ली एब्दो पर आधारित एक झांकी के प्रदर्शन पर रोक लगने से विवाद खड़ा हो गया है.
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पश्चिमी जर्मनी के कोलोन शहर में एक कार्निवाल संगठन पेरिस की व्यंग्य पत्रिका शार्ली एब्दो पर आधारित झांकी बनाना चाहता था. वे अपनी झांकी में एक आतंकवादी की बंदूक की नाल में पेंसिल को बलपूर्वक डला हुआ दिखाना चाहते थे. इससे पहले कि वे इसे दिखा पाते उन्हें स्थानीय लोगों से संदेश मिलने लगे कि शायद ऐसी झांकी बनाना खतरे से खाली ना हो.
पेरिस हमले के बाद से यूरोपीय लोगों में यह डर बढ़ता जा रहा है कि कहीं ऐसे चित्र दिखाने से कुछ मुसलमान नाराज ना हो जाएं. शार्ली एब्दो के एक व्यंग्यात्क कार्टून के चलते ही 7 से 9 जनवरी के बीच पेरिस में आतंकी हमले हुए थे, जिसमें 17 लोगों की जान चली गई. यह फ्रेंच पत्रिका इस्लाम समेत दूसरे धर्मों पर व्यंग्य करती आई है और इस हमले के बाद भी उनके काम में कोई बदलाव नहीं आया है. हमले के बाद केवल फ्रांस ही नहीं पूरे यूरोप में जगह जगह लोग सड़कों पर उतरे और अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन किया.
कोलोन में भी अभिव्यक्ति की आजादी का मुद्दा उठाया जा रहा है. इसके विपरीत कार्निवाल कमेटी ने कहा है कि वे कार्निवाल आयोजनों में हल्का फुल्का माहौल बनाए रखना चाहते हैं और वे नहीं चाहते कि किसी को भी डरने की जरूरत हो. पुलिस ने भरोसा दिलाया कि ऐसी झांकी दिखाने से उनकी सुरक्षा को कोई खतरा नहीं पहुंचेगा. कमेटी ने एक बयान जारी कर कहा, "हम चाहते हैं कि रोज मंडे की परेड का सभी दर्शक, स्थानीय लोग और प्रतिभागी खुल कर आनंद लें. हम ऐसी व्यंग्यात्मक झांकी नहीं चाहते जिससे कार्निवाल के आजाद और हल्के फुल्के माहौल पर असर पड़े."
रोज मंडे की पारंपरिक परेड पूरे कार्निवाल सीजन का मुख्य आकर्षण होती है. बहुत पहले से ही ऐसी झांकियां बनाने का रिवाज रहा है जिसमें राजनीतिज्ञों का मजाक उड़ाया जाए और वैश्विक घटनाओं पर टिप्पणी हो. यह परेड लगभग सात किलोमीटर लंबी होती है. प्रतिभागी पूरे रास्ते उन्हें देखने के लिए आए लाखों दर्शकों की ओर टॉफियां, चॉकलेट वगैरह उछालते चलते हैं. जर्मनी का चौथा सबसे बड़ा शहर कोलोन पारंपरिक कैथोलिक राइनलैंड क्षेत्र में स्थित है. यहां 10 लाख से भी ज्यादा लोग रहते हैं जिनमें बहुत से मुसलमान भी शामिल हैं.
रोज मंडे 'फेसलुक'
कई जर्मन शहरों में कार्निवल का आखिरी सोमवार यानी रोज मंडे जुलूस और संगीत के साथ मनाया जाता है. इस जुलूस में नेताओं की झांकियां बना कर उन पर व्यंग्य कसा जाता है.
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कड़ा व्यंग्य
चाहे अंगेला मैर्केल हो या बराक ओबामा या फिर व्लादिमीर पुतिन. किसे इस जुलूस में मखमली जूता पड़ेगा, कहा नहीं जा सकता. झांकी में पुतिन रूसी चर्च के साथ जुबान लड़ाते हुए कह रहे हैं कि वह समलैंगिकों के दुश्मन नहीं. वास्तव में रूस समलैंगिकता के खिलाफ अपने रवैये में बहुत सख्त है.
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दुनिया की चांसलर
कोलोन के जुलूस में मैर्केल को चिरकालीन चांसलर बताया गया. लेकिन व्यंग्य मतदाताओं पर था कि सिर्फ सहूलियत के लिए लोगों ने फिर से मैर्केल को ही चुन लिया क्योंकि वो उसे ही जानते थे.
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बुरे फंसे
माइंस में पसंदीदा फुटबॉल और बायर्न म्यूनिख क्लब के अध्यक्ष उली होएनेस को लपेटा गया. होएनेस की कर चोरी और समर्पण के मुद्दे पर यह झांकी है. बड़ी करचोरी कर समर्पण को अपनी तरफ गोल करने से जोड़ा गया है.
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कोलोन का कार्निवल
रोज मंडे की पारंपरिक झांकी. कोलोन के कार्निवल का मोटो है, भविष्य- हम देखें कि तेरी झोली में क्या है. इस जुलूस में करीब एक लाख लोग शामिल हुए. जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री हेरमान ग्रोएहे (बाएं) भी आए.
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सेक्सनी अनहाल्ट में
सिर्फ राइन घाटी में ही कार्निवल नहीं मनाया जाता, जर्मनी के पूर्वी राज्य सेक्सनी अनहाल्ट में भी ये होता है. इसका केंद्र है कोएथेन. 1954 में कोएथेनर कार्निवल सोसायटी के वहां स्थापित होने के बाद ये शुरू हुआ.
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ब्राउनश्वाइग की परंपरा
लोवर सेक्सनी के ब्राउनश्वाइग में कार्निवल जुलूस की परंपरा बहुत पुरानी है. यहां इसे शोडुफेल यानी शैतान को भगाना कहते हैं. शोडूफेल में शैतान को आवाजों और खतरनाक जानवरों के जरिए भागने पर मजबूर किया जाता है. .
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पैसे के टब में
कार्निवल में व्यंग्य की लंबी परंपरा है. माइंस में बिशप टेबाराट्ज फान एल्ट्ज को निशाना बनाया गया. लिम्बुर्ग के इस रईस बिशप को गिन्नियों से भरे टब में नहाता दिखाया गया है. ठीक डिजनी के स्क्रूज मैकडक की तरह.
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मोबाइल से निकला जिन्न
माइंस के इस जुलूस में देखा जा सकता है कि कैसे मैर्केल के मोबाइल से बिग ब्रदर अमेरिका का जिन्न निकल रहा है. एनएसए के जासूसी कांड को दिखाने का एक तरीका ये भी. मैर्केल पर व्यंग्य इसलिए कि उन्हें एसएमएस करने का बहुत शौक है.
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ओबामा पर कड़ा व्यंग्य
डुसेलडॉर्फ एडवर्ड स्नोडेन को हीरो बताया गया और दिखाया गया कि क्यों उन्हें रूस में रहना पड़ रहा है क्योंकि अमेरिका में उनसे बदला लेने के लिए ओबामा तैयार बैठे हैं.
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बहुत ताकतवर
डुसेलडॉर्फ में एक झांकी में देखा जा सकता है कि पुतिन कितने ताकतवर हैं और उनके बाजू पर क्रीमिया लिखा हुआ है.
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कोलोन में कार्निवाल की झांकी पर बहस छिड़ी है तो फ्रांस के अंगुलेम शहर में हर साल होने वाले कॉमिक फेस्टिवल में ग्रैफिक उपन्यास लेखकों, प्रेस कार्टूनिस्टों और एनीमेटर्स का जमावड़ा लगा है. फ्रांस में कॉमिक किताबें बहुत लोकप्रिय हैं और हर साल यहां लोग करीब 3.5 करोड़ ऐसी किताबें खरीदते हैं. समारोह के 42वें संस्करण में "शार्ली एब्दो की भावना" को खास तवज्जो दिया गया. यहां एक नए "शार्ली एवार्ड फॉर फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन" का गठन किया गया और इस बार का इनाम आतंकियों के हमले में मारे गए फ्रेंच पत्रिका के कार्टूनिस्टों के नाम किया गया. भविष्य में इसे दुनिया भर से चुने गए उन कलाकारों को दिया जाएगा जो स्वतंत्र संवाद को बढ़ावा देने पर उल्लेखनीय काम करें.
आरआर/एमजे(रॉयटर्स, एएफपी)
ब्राजील का मशहूर कार्निवाल
रंग बिरंगे कपड़ों में मौजूद लोग, आकर्षक ड्रेस पहने सांबा करने वाली लड़कियां और लड़के. ये रियो दे जनेरो के कार्निवाल की मुख्य परेड है. देखें परेड की कुछ तस्वीरें...
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कड़ी प्रतियोगिता
ये कार्निवाल सिर्फ मजे और पार्टी का नहीं, बल्कि 12 सर्वोत्तम सांबा स्कूलों की प्रतियोगिता का भी दिन होता है. और हर स्कूल की खूब बड़ी टीम इस टक्कर में शामिल होती है.
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झांकियां
रियो दे जनेरो के इस दुनिया के सबसे बड़े कार्निवाल में दुनिया भर से करीब नौ लाख पर्यटक आते हैं. सांबा नृत्य सिखाने वाले स्कूल बहुत आकर्षक तरीके से डांस पेश करते हैं
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श्रेणियां
प्रतियोगिता में शामिल डांसरों को 10 श्रेणियों में आंका जाता है. सोमवार की बड़ी परेड के अंत में विजेता घोषित किया जाता है और अगले दिन सिर्फ विजेताओं की परेड होती है.
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80 मिनट
ऐसा नहीं है कि सिर्फ पांच दस मिनट के लिए ये सांबा करना पड़ता हो. इन नर्तकों को 80 मिनट तक डांस पेश करना होता है. हर मिनट उतनी ही ऊर्जा और खुशी के साथ.
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गरीबों के लिए
30 लाख डॉलर की कमाई वाला यह कार्निवाल डांसरों के लिए सबसे बड़ा मौका होता है. वे आठ नौ महीने इसकी तैयारी करते हैं. ये सांबा स्कूल रियो की गरीब बस्तियों में हैं.
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लंबी परंपरा
दुनिया में रियो के मशहूर होने का एक कारण उसका सालाना रंग बिरंगा कार्निवाल भी है. 30 डिग्री सेल्सियस के तापमान में रियो के सांबा डांसर्स घंटों थिरकते रहते हैं.
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चित्ताकर्षक
वैसे तो इस कार्निवाल में लोग लाल, पीले, हरे या नीले, हर संभव रंग के कपड़े पहन कर परेड में शामिल होते हैं. नर्तकियां आम तौर पर सजी धजी बिकिनी में ही होती हैं.
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ड्रम्स के साथ
कार्निवाल की मशहूर परेड के दौरान म्यूजिक बैंड रियो का गीत बजाते हैं. इस गीत के बोल हैं, मार्वेलस सिटी. यहां के लोगों को ये गीत बहुत पसंद है.
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सीटें और टिकट
परेड के रास्ते के दोनों किनारे लोगों के लिए बैठने के लिए जगहें बनाई जाती हैं, ताकि वे 2500 डांसरों को देख सकें. सबसे आगे की सीटें सबसे सस्ती होती हैं.
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उपवास
ब्राजील कैथोलिक बहुल देश है. बुधवार का दिन एश वेडनसडे है और इसके बाद 40 दिन उपवास का दौर चलता है.