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कोविड से जूझते फ्रांस में 52 साल बाद सबसे मजबूत विकास

२८ जनवरी २०२२

फ्रांस ने बीते 52 सालों में सबसे ज्यादा आर्थिक विकास पिछले साल 2021 में हासिल किया है. कोविड-19 की महामारी से जूझते यूरोपीय देश के आर्थिक आंकड़े हैरान करने वाले हैं. इसी साल फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं.

Frankreich Coronavirus Maßnahmen
तस्वीर: Haimanot Tiruneh/DW

शुक्रवार को जारी आर्थिक आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में 7 फीसदी की दर से विकास किया है जो पिछले 52 सालों में सबसे ज्यादा है. ये हाल तब है जबकि पिछले साल में कोविड की महामारी ने लगातार आम लोगों और सरकार को परेशान किये रखा और अब भी इससे कोई राहत नहीं मिली है. यूरोप की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था फ्रांस में महज तीन महीने बाद ही चुनाव होने हैं. इन आंकड़ों ने राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों की आर्थिक उपलब्धियों को देश के सामने रख दिया है. इस बात के पूरे आसार है कि इमानुएल माक्रों इस बार के चुनाव में भी उम्मीदवार होंगे.

आंकड़े जारी करने वाली सांख्यिकी एजेंसी आईएनएसईई ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट में कहा है कि अर्थव्यवस्था का आखिरी तिमाही में 0.7 फीसदी के दर से विकास हुआ. इससे पहले तीसरी तिमाही में विकास की दर 3.1 फीसदी थी. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अर्थशास्त्रियों के हवाले से आखिरी तिमाही में 0.5 फीसदी के दर से विकास होने का अंदाजा लगाया था.

तस्वीर: Bertrand Guay/AFP/Getty Images

साल के आखिर में उम्मीद से अच्छे विकास दर का मतलब है कि 2021 के पूरे साल में अर्थव्यवस्था ने 7 फीसदी की दर से विकास किया है. इससे पहले 1969 में आर्थिक विकास दर इतना रहा था. कोरोना के पहले साल यानी 2020 में सख्त लॉकडाउन के कारण फ्रांस की अर्थव्यवस्था तकरीबन 8 फीसदी सिकुड़ गई थी. अब सात फीसदी का विकास दर हासिल करने का मतलब है कि उसने वापसी कर ली है.

वित्त मंत्री ब्रूने ले माय ने फ्रांस 2 टेलिविजन से कहा है, "फ्रेंच अर्थव्यवस्था ने शानदार वापसी की है और उसने आर्थिक संकट को दूर कर लिया है. हालांकि अभी भी पर्यटन और होटल जैसे कुछ क्षेत्र हैं जहां अभी भी समस्याएं हैं लेकिन ज्यादातर काफी मजबूत वापसी कर रहे हैं और नौकरियां पैदा हो रही हैं." कारोबार और ग्राहकों पर एक बार फिर कड़ी पाबंदियां हैं क्योंकि फ्रांस में कोविड-19 की पांचवीं लहर चल रही है और इसने संक्रमण को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है.

2022 में अर्थव्यवस्था ने नरमी के साथ शुरुआत की है लेकिन फ्रांस के सेंट्रल बैंक का कहना है कि मौजूदा लहर का आर्थिक असर बेहद कम होगा क्योंकि अर्थव्यवस्था ने मोटे तौर पर महामारी के साथ जीना सीख लिया है. वरिष्ठ अर्थशास्त्री जेसिका हिंड्स का कहना है, "सब कुछ कहा जा चुका है, अप्रैल के राष्ट्रपति चुनाव के लिए मंच तैयार है. इमानुएल माक्रों निश्चित रूप से 2021 के जीडीपी के नंबरों से खुश होंगे. हालांकि माक्रों फ्रेंच वोटरों को पांच साल और देने के लिए राजी कर पाएंगे या नहीं यह अभी तय नहीं है."

माक्रों के पास फिलहाल अपने रुढ़िवादी और धुर दक्षिणपंथी करीबी प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में अच्छी बढ़त है. उनके प्रतिद्वंद्वी पहचान की राजनीति और सुरक्षा को केंद्र में रख कर उन्हें चुनौती दे रहे हैं जहां माक्रों के लिए स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. आईएनएसईई का कहना है कि अर्थव्यवस्था तीसरी तिमाही में संकट से पहले के दौर में लौट गई है. यह वो समय था जब वैक्सीनेशन के अभियान ने जोर पकड़ा और सरकार ने कोविड-19 की पाबंदियां हटा दीं.

चौथी तिमाही में ग्राहकों ने अपने खर्चे बढ़ाए जिसकी वजह से विकास हुआ. हालांकि यह इससे पहले की तिमाही की तुलना में थोड़ा कम ही था. दूसरी तिमाही में जब लॉकडाउन के बाद कारोबारी गतिविधियां चालू हुईं तो ग्राहकों के खर्च ने 5.6 फीसदी तक की उछाल भरी थी. कारोबार में निवेश चौथी तिमाही में 0.8 फीसदी बढ़ा जो इससे पहले की तिमाही में महज 0.1 फीसदी बढ़ा था.

एनआर/एमजे (रॉयटर्स)

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