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कोसोवो का कसाव

शिवप्रसाद जोशी१० दिसम्बर २००७

कब तक अशांत रहेगी बाल्कन पट्टी

आसान नहीं आज़ादी की राह
आसान नहीं आज़ादी की राहतस्वीर: AP

कोसोवो की आज़ादी के मामले पर स्थानीय अल्बानी नेता अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ एक आखिरी बैठक कर रहे हैं। कोसोवो के भविष्य के निर्धारण को लेकर संयुक्त राष्ट्र की डेडलाइन सोमवार दस दिसंबर को खत्म हो गयी। कोसोवो के नेताओं का कहना है कि वे जल्द ही आज़ादी की घोषणा कर देंगे। उधर सर्बिया के मित्र देश रूस ने कहा है कि ऐसी किसी एकतरफा घोषणा के बुरे नतीजे हो सकते हैं और क्षेत्र में तनाव भड़क सकता है।

संयुक्त राष्ट्र ने दस दिसंबर तक की डेडलाइन दी थी इसलिए कि बातचीत के ज़रिए कोसोवो की आज़ादी से जुडे मुद्दे का हल निकल आए। लेकिन ऐसा हो न सका। अब कोसोवो के नेता यूरोपीय सहयोगियों के साथ एक बैठक और कर रहे हैं और उनका कहना है कि इसके बाद आज़ादी की घोषणा कर दी जाएगी। ये बातचीत उसी दिशा में हो रही है कि ऐसा कब किया जा सकता है। और कौन सा समय इसके लिए उपयुक्त रहेगा। माना जा रहा है कि कोसोवो मध्य जनवरी में आज़ादी का एलान कर सकता है। कोसोवो की युनिटी टीम के प्रवक्ता सिकंदर हसैनी ने बताया कि जो भी होगा मई से काफी पहले हो जाएगा। लेकिन रूस को ऐसे किसी कदम से सख्त एतराज़ है। साइप्रस के दौरे पर गए रूसी विदेशमंत्री सर्गेई लावरोव ने आगाह किया कि अगर कोसोवो अपनी आज़ादी की घोषणा कर देता है और उसकी आज़ादी को मान्यता दे दी जाती है तो इसके गंभीर नतीजे होंगे। लावरोव ने कहा कि मामले को और वक्त देना चाहिए। रूसी विदेशमंत्री सर्गेई लावरोव का कहना है कि इस तरह के एकतरफा कदम संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों से मेल नहीं खाते। ये बहुत खतरनाक हैं। हमें उम्मीद है कि सर्बिया और कोसोवो के अल्बानियाईयों को और वक्त दिया जाएगा। ताकि मिलजुलकर आम राय से इस समस्या का कोई उचित हल निकाला जा सके।

उधर ब्रसेल्स में अपनी बैठक में यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों का कहना है कि अगर कोसोवो आज़ादी की घोषणा कर देता है तो वे कोसोवो के पक्ष में खड़ा होने के लिए तैयार हैं। अमेरिका ने भी पिछले दिनों कह दिया था कि सुलह की कोशिशें करके देख लीं और कुछ नहीं हो रहा। मामला खत्म। अमेरिकी विदेशमंत्री कोंडोलिज़ा राइस ने कहा कि तीन पक्षीय कूटनीति पहल नाकमा हो गयी है। और अब बातचीत का कोई लाभ नहीं।

मैडम राइस के बयान से साफ है कि यूरोपीय संघ और अमेरिका ने कोसोवो के मुद्दे पर निर्णायक रूप से खुद को तैयार कर लिया है। आने वाले दिनों में कोसोवो दुनिया के ताकतवर मुल्कों की छत्रछाया में आज़ादी की घोषणा कर देगा। रूस और सर्बिया तब क्या करेंगे। क्या बाल्कन पट्टी एक नयी हलचल और हिंसा से घिरेगी या एक स्थायी शांति स्थापित हो जाएगी। इस आशंका का फिल्हाल किसी के पास कोई पक्का जवाब नहीं है।

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