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कोसोवो की आज़ादी का एक साल

१७ फ़रवरी २००९

कोसोवो के प्रधानमंत्री आज़ादी के एक साल को पूरी तरह कामयाब बता रहे हैं. लेकिन साल भर में सिर्फ़ 54 देशों ने ही सर्बिया से अलग हुए इस हिस्से को अलग देश की मान्यता दी है. यूरोपीय संघ में भी इस पर भारी मतभेद है.

आज़ाद कोसोवो का झंडातस्वीर: picture-alliance/ dpa

17 फ़रवरी का दिन बाल्कन पट्टी में बसे छोटे से देश कोसोवो के लिए बड़े मायने रखता है. आज ही के दिन एक साल पहले कोसोवो ने सर्बिया से अपनी आज़ादी की घोषणा की थी. लेकिन कोसोवो के लिए ये एक साल स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान स्थापित करने का साल ही नहीं रहा बल्कि अपनी राष्ट्रीय अस्मिता को अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाने की जद्दोजहद का साल भी था.

राजधानी प्रिस्टीना का दृश्यतस्वीर: picture-alliance/dpa

एक देश के रूप में अलग हो जाने के बावजूद कोसोवो को आत्मनिर्भर होने में बहुत लंबा वक्त लग सकता है. यही चिंता उन यूरोपीय देशों को है जिन्होंने उसको सर्बिया से अलग करने में सक्रिय भूमिका निभाई. कोसोवो को विकास सहायता के लिए पिछले साल यूरोपीय संघ ने करीब डेढ़ अरब डॉलर देने का फ़ैसला किया था. इनमें से 50 करोड़ यूरोपीय संघ अपने बजट से देगा और 30 करोड़ प्रत्येक सदस्य देश को देने होंगे. आज़ादी के बावजूद कोसोवो अंतरराष्ट्रीय निगरानी में है. यूरोपीय संघ के अलावा कोसोवो में पहले से संयुक्त राष्ट्र का एक मिशन तैनात है.

किस राह पर कोसोवो?तस्वीर: picture-alliance/ dpa

कोसोवो में कानून व्यवस्था के हालात को सुधारने की ज़िम्मेदारी भी यूरोपीय संघ ने ली है. और इसके लिए उसका एक कानून मिशन ईयुलेक्स वहां तैनात किया गया है. इस बीच सर्बिया के कुछ सांसद कोसोवो में एक बैठक में भाग लेने जा रहे हैं. कोसोवो के सर्ब बहुल मित्रोविचा प्रांत में होने वाली बैठक से दोनों पक्षों के बीच तनाव और बढ़ने के आसार हैं.

ईयुलेक्स मिशन के प्रवक्ता रॉयटर का कहना है कि कोसोवो में समस्याएं हैं संगठित अपराध और भ्रष्टाचार की. हम अपना काम पूरा करना चाहते हैं लेकिन जब तक स्थानीय स्तर पर भागीदारी नहीं बढ़ती है हम कानून और न्याय व्यवस्था से जुड़े विशेषज्ञों के साथ काम करेंगे.

कोसोवो में जश्न के माहौल के बीच जर्मन विदेश मंत्री फ्रांक वाल्टर श्टायनमायर ने कोसोवो के सर्बिया से अलग होने को एक यूरोपीय सफलता की संज्ञा दी है. लेकिन स्पेन के विदेश मंत्री मिगुअल आंगेल मोरातिनोस ने इस घटना को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार दिया है.

कोसोवो को अभी सिर्फ़ 54 देशों ने कूटनीतिक मान्यता दी है. इनमें ज़्यादातर ऐसे देश है कि जिनका कोई दबदबा नहीं है. यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों में से 22 ने ही कोसोवो को मान्यता दी है. लेकिन जैसा कि कोसोवो के प्रधानमंत्री हाशिम थाची का कहना है कि देशों की संख्या अहम नहीं, अहमियत इस बात कि है कि सबने हमसे एकजुटता दिखायी है.

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