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कौन और कैसा है मोस्ट वॉन्टेड म्लादिच

२६ मई २०११

बोस्नियाई सर्ब सेना का पूर्व प्रमुख रात्को म्लादिच दूसरे विश्व युद्ध के बाद यूरोप के सबसे बड़े नरसंहार का आरोपी है. 15 साल पहले उसे संयुक्त राष्ट्र ने नरंसहार का आरोपी बनाया लेकिन वह अब पकड़ में आया है. कौन है म्लादिच?

Ein Mann blickt am 20.1.2001 auf neue Fahndungsplakate der als Kriegsverbrecher angeklagten bosnischen Serben Radovan Karadzic und General Ratko Mladic in Sarajevo. Schwarz-Weiß-Poster mit Fotos des untergetauchten Serbenführers und seines Militärchefs, auf denen für Hinweise zu ihrer Ergreifung eine Belohnung von füf Millionen Dollar (5,7 Mio. Euro) in Aussicht gestellt werden, wurden am 19.1. Überall in der bosnischen Hauptstadt Sarajevo aufgehängt. Die Plakate sind vom US-Auflenministerium als Teil eines bereits seit 1984 bestehenden Anti-Terrorismus-Programmes herausgegeben worden.
तस्वीर: dpa

सारायेवो को 43 महीने तक बंधक बनाकर रखने और गोलाबारी करने के आरोपी म्लादिच पर स्रेब्रेनीत्सा में आठ हजार मुस्लिम पुरुषों को कत्ल कर देने का भी आरोप है. उसका इतने साल तक कैद से बचे रहना अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए वैसी ही शर्मिंदगी का सबब था जैसा ओसामा बिन लादेन का न पकड़े जाना अमेरिका के लिए. 2007 में सर्बिया ने उसके सिर पर 10 लाख यूरो यानी करीब साढ़े छह करोड़ रुपये का इनाम रखा था.

स्रेब्रेनीत्सा नरसंहार की यादतस्वीर: picture-alliance/ dpa

म्लादिच की गिरफ्तारी बोस्नियाई सर्ब नेता रादोवान काराजिच के पकड़े जाने के तीन साल बाद हुई है. काराजिच पर पूर्व यूगोस्लावियाई अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्राइब्यूनल में मुकदमा चल रहा है. काराजिच और म्लादिच दोनों पर 1992 से 1995 के दौरान चली बोस्नियाई जंग में तथाकथित जातीय सफाई के आरोप हैं.

कैसे बना जनरल म्लादिच

69 साल के म्लादिच का जन्म बोस्निया के गांव बोजीनोवित्सी में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान एक कम्युनिस्ट समर्थक परिवार में हुआ था. उसके पिता की मौत 1945 में क्रोएशिया में फासिस्ट ताकतों से लड़ते हुए हुई.

नौजवान म्लादिच जब सेना में भर्ती हुआ तब यूगोस्लाविया पर मार्शल टीटो का राज था. 1991 में यूगोस्वालिया के विभाजन के वक्त म्लादिच क्रोएशिया में विद्रोही सर्ब लोगों की मदद के लिए तैनात था. उसके बाद उसे बोस्निया की राजधानी सारायेवो भेज दिया गया.

रात्को म्लादिचतस्वीर: picture alliance / dpa

नरसंहार का दौर

1992 में म्लादिच बोस्नियाई सर्ब लोगों के छोटे से देश शप्रस्का रिपब्लिक की आर्मी का कमांडर बन गया. उस देश को सर्बियाई नेता स्लोबोदान मिलोसेविच की मदद से काराजिच चला रहा था. म्लादिच के सिर पर विशाल सर्ब राज्य बनाने का जुनून सवार था और उसके लिए उसने बेरहमी से बम गिराने की नीति बनाई. उसके सैनिकों ने स्रेब्रेनीत्सा में आठ हजार मुसलमान पुरुषों को कत्ल कर दिया और 30 हजार से ज्यादा औरतों और बच्चों को बेघर.

क्रूरता की हद

इन हत्याओं से हफ्तों पहले की एक घटना को म्लादिच के चरित्र चित्रण के तौर पर सुनाया जाता है. कहा जाता है कि एक होटल में एक बोस्नियाई सर्ब सैनिक ने सूअर का गला काटा और तब म्लादिच ने हॉलैंड के शांतिसैनिकों से कहा, "देखो खून की धार कैसे निकलती है."

काराजिच (बीच में) और म्लादिचतस्वीर: picture-alliance / dpa

बोस्निया की जंग खत्म होने से चार महीने पहले ही 24 जुलाई 1995 को हेग ट्राइब्यूनल ने काराजिच और म्लादिच के खिलाफ पहले आरोप तय कर दिए थे. उसके बावजूद म्लादिच 2001 तक बेलग्रेड में अपने सरपरस्त स्लोबोदान मीलोसेविच के राज में आराम से रहता रहा. जब मिलोसेविच को गिरफ्तार कर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय को सौंप दिया गया, तो वह भूमिगत हो गया.

कहा जाता है कि म्लादिच शादीशुदा है और उसका एक बेटा है. उसकी बेटी एक मेडिकल स्टूडेंट थी जिसने 23 साल की उम्र में बोस्नियाई युद्ध के दौरान अपने पिता की पसंदीदा पिस्तौल से खुदकुशी कर ली थी.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः उभ

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