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कौन था ओसामा बिन लादेन

२ मई २०११

दुनिया के सबसे बेदर्द और खतरनाक आतंकवादी ओसामा बिन लादेन की जिंदगी भले ही अफगानिस्तान की पहाड़ियों में लुकते छिपते बीती, लेकिन वह कोई ऐरा गैरा नहीं था. कैसी रही उसकी जिंदगी.

तस्वीर: AP

1957 में सऊदी अरब में जन्मा लादेन अरबपति व्यापारी मोहम्मद बिन लादेन के 50 बच्चों में से एक था. उसके पिता की मौत एक विमान हादसे में हुई. इस विमान हादसे के लिए एक अमेरिकी पायलट को जिम्मेदार ठहराया गया. पिता की मौत के वक्त ओसामा एक अबोध किशोर था.

ओसामा ने 17 साल की उम्र में पहली शादी सीरिया की एक लड़की से की जो उसकी रिश्तेदारी में से ही थी. उसके बाद उसने कुल पांच शादियां की और बताया जाता है कि उसके कुल 23 बच्चे हैं.

ओसामा एक शर्मीला लड़का था. वह पढ़ाई में भी बहुत अच्छा नहीं था. उसने सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की.

कैसे बना आतंकवादी

1979 में अफगानिस्तान में सोवियत रूस के हमले के बाद ओसामा पाकिस्तान चला गया. लेकिन इससे पहले उसने रूसी सेना के खिलाफ मिशन के लिए खासा पैसा जमा किया. अमेरिकी लेखक स्टीव कोल की किताब द बिन लादेन्स के मुताबिक 1988 में ओसामा के सौतेले भाई सालेम की मौत भी एक विमान हादसे में हुई. इन हादसों ने उसे कट्टर बना दिया.

तस्वीर: AP

1990 में इराक कुवैत युद्ध के वक्त अमेरिकी सेना की सऊदी अरब में मौजूदगी का ओसामा बिन लादेन ने विरोध किया. उसका मानना था कि मुस्लिम जगत अमेरिका के फैलाए अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का शिकार है. उसने अमेरिका के खिलाफ जिहाद का एलान किया. इसके लिए अरबों डॉलर खर्च किए गए. हजारों लड़ाकों को तैयार किया गया और दुनियाभर में आतंकवादी हमले किए गए.

फिर शुरू हुए हमले

1993 में अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में हुए बम धमाके के साथ अल कायदा ने आतंकवादी हमलों की शुरुआत की थी. इस हमले में छह लोग मारे गए थे. अमेरिका के खिलाफ इस्लामिक आतंकवाद का यह पहला हमला था.

सऊदी अरब में 1995 और 1996 में अमेरिकी ठिकानों पर हुए हमलों के मामले में ओसामा बिन लादेन का नाम सबसे पहले आया. उसके बाद केन्या और तंजानिया में 1998 में अमेरिकी दूतावासों में बम धमाके हुए जिनमें 224 लोग मारे गए. इन हमलों में ओसामा बिन लादेन को आरोपी बनाया गया.

अक्तूबर 2000 में यमन में अमेरिकी लड़ाकू जहाज पर आत्मघाती हमला हुआ. इस हमले में 17 सैनिक मारे गए. इसके लिए भी लादेन को जिम्मेदार माना गया.

मारा मारा फिरा

ओसामा को उसके परिवार ने त्याग दिया था. सऊदी अरब ने उससे अपनी नागरिकता छीन ली थी. इसलिए 1991 में उसे सूडान जाना पड़ा. बाद में वह अफगानिस्तान चला गया. 1996 में तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया. एक कट्टर अतिवादी मुस्लिम आतंकवादी होने के नाते ओसामा ने बड़ी जल्दी और आसानी से तालिबान के गढ़ में अपनी जगह बना ली.

वहां से उसने अमेरिका के खिलाफ हमलों की योजना बनानी शुरू की. 2001 में उसने सबसे बड़े आतंकवादी हमले को अंजाम दिया. 11 सितंबर 2001 को अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड टावर समेत कई ठिकानों पर विमानों के जरिए किए गए इस हमले को पूरी दुनिया ने देखा. तब से ओसामा बिन लादेन दुनिया का सबसे दुर्दांत नाम बन गया.

कहां खोजा कहां मिला

अमेरिका ने तभी अफगानिस्तान पर हमला बोल दिया. लेकिन ओसामा उसके हाथ नहीं लगा. वह तोरा बोरा की पहाड़ियों से निकल कर पाकिस्तान भाग गया. उसके बाद से उसके ठिकानों को लेकर कयास लगाए जाते रहे. और आखिरकार वह पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के नजदीक एबटाबाद में एक विशाल हवेली में मिला जहां अमेरिकी सेना ने उसे मार गिराया.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः महेश झा

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