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कौन हैं आईएमएफ प्रमुख डोमिनिक स्ट्रॉस काह्न

१५ मई २०११

2007 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रमुख बने डोमिनिक स्ट्रॉस काह्न फ्रांस को यूरोजोन में दाखिल कराने के बाद राजनीतिक दिग्गजों में शामिल हुए. यौन आरोपों में घिरे काह्न को फ्रांस का अगला राष्ट्रपति माना जा रहा था.

World Bank President Robert Zoellick, left, International Monetary Fund (IMF) Managing Director Dominique Strauss-Kahn, center, and European Central bank President Jean Claude Trichet, right, look on during the opening of the G20 Finance summit at the Elysee Palace in Paris, Friday, Feb. 18, 2011. The world's top financial officials hope to draw up a list of indicators that best measure dangerous imbalances in trade deficits, surpluses, budget deficits or levels of debt. (Foto:Francois Mori/AP/dapd)
तस्वीर: dapd

25 अप्रैल 1949 को पैरिस के उपनगर नायेली सुर साइन के एक यहूदी परिवार में जन्मे काह्न के बचपन का ज्यादा वक्त मोरक्को में बीता. फ्रांस में अपनी पढ़ाई के दौरान पैरिस यूनिवर्सिटी से उन्होंने कानून और अर्थशास्त्र में डिग्री हासिल की. करियर की शुरुआत उन्होंने फ्रांस की अलग अलग यूनिर्सिटी में अर्थशास्त्र पढ़ा कर की. इनमें मशहूर ईएनए यूनिवर्सिटी भी शामिल है. फ्रांस के ज्यादातर राजनेता और आर्थिक जानकार इसी यूनिवर्सिटी में पढ़े हैं.

काह्न का राजनीतिक करियर 1986 के संसदीय चुनाव से शुरू हुआ जब उन्हें सोशलिस्ट पार्टी की टिकट पर जीत हासिल हुई. जल्दी ही उन्होंने अपनी आर्थिक और वित्तीय कुशलता का लोहा मनवाया. राष्ट्रपति फ्रांसिस मिट्टेरां ने उन्हें 1991 में उद्योग और विदेश व्यापार विभाग में मंत्री नियुक्त किया. छह साल बाद सोशलिस्ट पार्टी को चुनावों में जबर्दस्त जीत हासिल हुई और तब प्रधानमंत्री लियोनेल जॉस्पें की सरकार में उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया.

तस्वीर: dapd

इसके बाद के दौर में फ्रांस की सरकार के बजट घाटे को जीडीपी की 3 फीसदी से नीचे लाने में काह्न की बड़ी भूमिका रही. इसी के दम पर फ्रांस यूरो मुद्रा वाले क्षेत्र यानी यूरोजोन में शामिल हो सका. 1999 में एक विवाद में फंसने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया. उन पर कानूनी फीस में गड़बड़ी और फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल के आरोप लगे. हालांकि नवंबर 2001 में कोर्ट ने उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया. इसके कुछ ही महीनों बाद वह फिर से चुनाव जीत कर संसद में दाखिल हो गए.

2006 में सोशलिस्ट पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवारी की दौड़ में वह सेगोलिन रोयाल से हार गए. हालांकि रोयाल भी चुनाव जीत नहीं सकीं और सारकोजी राष्ट्रपति बने. राष्ट्रपति चुनाव और उसके बाद के संसदीय चुनावों में पार्टी की हार को काह्न ने खूब भुनाया और पार्टी की कमान अपने हाथों में ले ली. अब उनकी नजर 2012 के राष्ट्रपति चुनाव पर थी.

उनकी वर्तमान पत्नी आन सिन्क्लेयर पेशे से पत्रकार हैं. इससे पहले भी उनकी दो शादियां हो चुकी हैं जिनसे उनके चार बच्चे हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः वी कुमार

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