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कौन हैं ग्वांतानामो के कैदी

११ जनवरी २०१२

दस साल पहले जब कैदियों को ग्वांतानामो की जेल में लाया गया, तो उस वक्त के अमेरिकी रक्षा मंत्री डोनाल्ड रम्सफेल्ड ने कहा था कि यह ऐसी जेल होगी, जो सबसे बुरी जगह से भी बुरी होगी. देखिए कैदियों से जुड़े कुछ खास आंकड़े.

तस्वीर: AP

775: क्यूबा पर बनी इस अमेरिकी जेल में कुल इतने कैदी आए. हालांकि इनमें से ज्यादातर को या तो दूसरे देश में स्थानांतरित कर दिया गया या फिर उन्हें रिहा कर दिया गया. लेकिन सवाल यह है कि बचे हुए कैदियों के साथ क्या किया जाए.

598: इतने कैदियों को दूसरे देशों में भेजा जा चुका है. रिपोर्ट है कि जिन लोगों को छोड़ा गया, उनमें से 25 फीसदी दोबारा आतंकवादी गतिविधियों में लग गए. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के मुताबिक छोड़े गए कैदियों में 13 मारे गए, 54 दोबारा जेल पहुंच गए और 83 के बारे में कुछ पता नहीं है.

171: ग्वांतानामो की जेल में अभी भी इतने कैदी हैं, जिनके भविष्य के बारे में कोई नहीं जानता. इनमें से सबसे ज्यादा यमन के नागरिक हैं, जबकि अफगानिस्तान, अल्जीरिया और सऊदी अरब के भी कई कैदी इस जेल में बंद हैं.

तस्वीर: picture-alliance/Süddeutsche

89: इतने कैदियों को स्थानांतरित करने की इजाजत मिल चुकी है. अमेरिकी सेना इसके लिए तैयार है. लेकिन फिर भी ऐसा नहीं किया जा सका है क्योंकि कोई भी देश उन्हें रखने के लिए तैयार नहीं है. यमन के कैदियों को कहीं और भेजने के मामले में खुद राष्ट्रपति ओबामा ने रोक लगा रखी है.

06: चीन के उइगुर प्रांत के छह कैदियों को भी ग्वांतानामो में रखा गया था. बाद में उन्हें छोड़ने का आदेश दे दिया गया लेकिन वे अभी भी जेल में ही हैं और वे इमारत की खुली जगह में रह रहे हैं.

तस्वीर: AP

48: ऐसे कैदी हैं, जिनके खिलाफ कोई मुकदमा नहीं है लेकिन उन्हें छोड़े जाने की भी कोई उम्मीद नहीं है. अमेरिका का कहना है कि इनमें से 14 अति संवेदनशील कैदी कैंप 7 में बंद हैं.

06: सिर्फ छह कैदियों के खिलाफ मुकदमा चला और उन्हें सजा सुनाई गई. इनमें से दो को उनके देश भेज दिया गया क्योंकि उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया. तीसरे कैदी कनाडा के उमर खद्र को भी जल्द ही कनाडा भेजा जा रहा है.

07: यहां कैद खालिद शेख मोहम्मद और चार दूसरे लोगों पर न्यूयॉर्क के 9/11 वाले आतंकवादी हमले का आरोप लगाया गया है. उनका मामला विशेष सैनिक ट्रिब्यूनल में भेज दिया गया है.

संकलनः एएफपी/ए जमाल

संपादनः महेश झा

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