कौन हैं मार्कुस जोएडर जो मैर्केल के उत्तराधिकारी हो सकते हैं
२२ मई २०२०
जर्मनी में चांसलर अंगेला मैर्केल के उत्तराधिकारी की बहस फिर तेज हो गई है. बहुत सी नजरें बवेरिया राज्य के ताकतवर मुख्यमंत्री मार्कुस जोएडर पर हैं. कई लोग उन्हें चांसलर पद का तगड़ा दावेदार मानते हैं.
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मार्कुस जोएडर क्रिश्चियन सोशल यूनियन (सीएसयू) पार्टी के प्रमुख हैं, जो चांसलर मैर्केल की क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) की सहयोगी पार्टी है. जोएडर राज्यों के मुख्यमंत्रियों की परिषद के प्रमुख भी हैं, जिसके परामर्श से संघीय सरकार ने तय किया कि कोरोना लॉकडाउन के लिए कौन से कदम उठाए जाएं. कोरोना संकट में चंद ही जर्मन राजनेता हैं जिनकी लोकप्रियता जोएडर जितनी बढ़ी है. कोरोना संकट पर हुई अहम बैठकों में वह चांसलर मैर्केल के साथ दिखने वाले नियमित चेहरों में से एक हैं.
सीएसयू पार्टी सिर्फ बवेरिया में सक्रिय है जहां चांसलर की सीडीयू की ईकाई नहीं है. बवेरिया में 1957 से लगातार सीएसयू के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार बन रही है. शुक्रवार को लॉकडाउन की पाबंदियों के चलते सीएसयू पार्टी का नियमित होने वाला सम्मेलन ऑनलाइन सम्मेलन के रूप में शुरू हुआ. इससे पहले ही जोएडर को बड़ी जिम्मेदारी उठाने वाले दावेदारों में गिना जा रहा है.
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ऐसा क्या है अंगेला मैर्केल के व्यक्तित्व में
अंगेला मैर्केल चौथी बार जर्मनी की चांसलर बन गई है. अपनी गंभीर मुद्रा और सुरक्षात्मक शासनशैली के लिए जानी जाने वाली चांसलर मैर्केल के व्यक्तित्व के कुछ अलग पहलू दिखाती तस्वीरें.
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'शक्ति का त्रिकोण'
मैर्केल को अक्सर हाथ मिलाकर खड़े होने पर एक त्रिकोण सी मुद्रा में देखा जाता है. जनता के सामने हों या कैमरे के सामने- ये हस्त मुद्रा उनकी पहचान है. और एक बेहद शक्तिशाली नेता होने के कारण कई लोग इसे शक्ति का त्रिकोण कहते हैं.
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यूरोप की नेता
जर्मन चांसलर अपनी लगभग हर सार्वजनिक उपस्थिति में शांत और गंभीर होती हैं, खासकर यूरोप के भीतर. इसी कारण सही मौकों पर आई उनकी मुस्कान खबर बन जाती है. जैसे हाल ही में ब्रातिस्लावा में आयोजित यूरोपीय नेताओं के सम्मेलन में.
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सेल्फी में चांसलर
2015 में जर्मनी में शरणार्थियों की संख्या में आए उभार के दौरान ही एक सीरियाई युवा के साथ उनकी ये सेल्फी बहुत महत्वपूर्ण संदेश बन गई. शरणार्थियों के लिए द्वार खुले रखने वाली मैर्केल ने अपने मत को साफ करते हुए तमाम स्कूलों और शरणार्थी कैंपों का दौरा किया.
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गठबंधन सरकार में जुगलबंदी
जर्मनी की चांसलर और सीडीयू पार्टी की मुखिया के तौर पर मैर्केल के सामने चुनौतियां भी बड़ी हैं. वह सरकार में अपनी सहयोगी पार्टी एसपीडी के बड़े नेता जिग्मार गाब्रिएल की तरह तुरंत प्रतिक्रिया नहीं देतीं बल्कि बहुत ही ठंडे दिमाग से वस्तुनिष्ठता वाले बयानों के लिए जानी जाती हैं.
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तेज डिजिटल विकास पर उत्सुक
एक भौतिकशास्त्री के रूप में प्रशिक्षित मैर्केल वैज्ञानिक सोच और अभिरुचि वाली तो रही हैं, लेकिन इंटरनेट और डिजिटल मीडिया में वे बहुत ज्यादा बढ़ चढ़ कर हिस्सा नहीं लेतीं. हालांकि उनका आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट है, जिस पर उनके सरकारी फोटोग्राफर की खींची तस्वीरें डाली जाती हैं. 2015 में यूएन में फेसबुक संस्थापक मार्क जकरबर्ग के साथ.
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उपदेशक की बेटी
एक प्रोटेस्टेंट पादरी की बेटी के रूप में जन्मी मैर्केल के नैतिक मूल्यों पर उनके पिता की शिक्षाओं का गहरा असर माना जाता है. ईसाई परवरिश के साथ बड़ी हुईं मैर्केल को 2016 में पोप फ्रांसिस के साथ वैटिकन में मिलने का मौका मिला. अपनी पसंदीदा किताबों पर चर्चा करते हुए.
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दोस्ताना राजनैतिक संबंधों की चैंपियन
अपने व्यस्त कार्यक्रमों के चलते मैर्केल के जीवन में ऐसे मौके भी कम ही आते हैं जब वे रिलेक्स दिखें. लेकिन 2013 में जर्मनी और फ्रांस के बीच एलिजी समझौते पर हस्ताक्षर होने की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर मैर्केल ने पूरी संसद को न्यौता दिया और दोनों देशों की दोस्ती का जश्न शैंपेन की बोतल के साथ मनाया गया.
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एक निजी चांसलर
चांसलर के रूप में अंगेला मैर्केल साल में बहुत कम ही बार छुट्टियां ले पाती हैं. सार्वजनिक जीवन में होने के कारण अक्सर छुट्टी के समय भी उन पर नजर होती है. जैसे यहां पोलैंड में पति योआखिम जाउअर के साथ छुट्टी पर गईं मैर्केल की तस्वीर. (हाइके मुंड/आरपी)
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हरफनमौला राजनेता
जोएडर ने बवेरिया का मुख्यमंत्री पद मार्च 2018 में संभाला. हालांकि यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें लंबा संघर्ष करना पड़ा. उन्हें अपने राजनीतिक करियर में कुछ चीजें बड़ी देर से मिलीं, उनके संयम की खूब परीक्षा हुई. वह 2003 में ही सीएसयू के महासचिव बन गए थे. 2007 तक वह इस पद पर रहे. इसके बाद उन्होंने बवेरिया के कैबिनेट में कई मंत्री पदों की जिम्मेदारी संभाली.
और आखिरकार मार्च 2018 में वह मौका आया जब राज्य सरकार की कमान उनके साथ में आई. लंबे समय से जोएडर के प्रतिद्वंद्वी रहे हॉर्स्ट जेहोफर ने केंद्रीय सरकार में गृह मंत्री का पद संभालने के लिए मुख्यमंत्री पद छोड़ा. बाद में उन्होंने पार्टी अध्यक्ष पद भी जोएडर के लिए छोड़ दिया.
महत्वकांक्षा और संयम
लेखक रोमान डाइनिंगर की नई किताब "द सीएसयू- पोट्रेट ऑफ ए स्पेशल पार्टी" में मार्कुस जोएडर का जिक्र सैकड़ों बार आता है. लेकिन उनके नाम के साथ जो पहला विशेषण जोड़ा जाता है, वह है महात्वाकांक्षी. हाल के सालों में कई बार पार्टी सम्मलेनों में वह पार्टी कार्यकर्ताओं को याद दिलाते देखे गए कि पार्टी नेतृत्व मिलने के इंतजार में वह थक गए थे. लेकिन जब उन्हें पद मिला तो वह नए जोश के साथ उसे निभाने में लग गए.
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बिस्मार्क से लेकर मैर्केल तक का जर्मनी
इस रविवार जर्मनी अपने अगले चांसलर का चुनाव करेगा. यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी विश्व में अमेरिका, चीन और जापान के बाद चौथी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति है.
तस्वीर: Getty Images/S. Gallup
भूगोल
जर्मनी के उत्तर में डेनमार्क, पश्चिम में फ्रांस, बेल्जियम, नीदरलैंड्स और लग्जमबर्ग है. इसके दक्षिण में स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रिया है जबकि पूर्व में चेक रिपब्लिक और पोलैंड. 357,050 वर्ग किलोमीटर वाला यह देश उत्तर में बाल्टिक सागर से लेकर दक्षिण में बवेरियाई आल्प्स तक फैला है. राइन, एल्बे और डैन्यूब यहां की प्रमुख नदियां हैं.
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राजधानी
जर्मन राजधानी बर्लिन में करीब 35 लाख लोग रहते हैं. जर्मनी का सबसे बड़े शहर होने के साथ ही बर्लिन यूरोपीय संघ में भी लंदन के बाद दूसरा सबसे बड़ा नगर है.
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आबादी
यूरोपीय संघ के सबसे ज्यादा आबादी वाले इस देश में करीब 8.28 करोड़ लोग रहते हैं. इनमें करीब एक करोड़ लोग विदेशी हैं. तुर्की के बाहर सबसे ज्यादा तुर्क मूल के लोग जर्मनी में ही हैं. जर्मनी में प्रति वर्ग किलोमीटर 232 लोग रहते हैं.
तस्वीर: Getty Images
धर्म
जर्मनी का मुख्य धर्म ईसाई है. यहां के करीब एक तिहाई लोग प्रोटेस्टेंट और इतने ही कैथोलिक हैं. इनके अलावा जर्मनी में कई धर्मों को लोग रहते हैं, जिनमें मुस्लिम और यहूदी प्रमुख हैं. मुस्लिम आबादी करीब 44 लाख है जबकि यहूदियों की तादाद 99,000 है.
आयरन चांसलर के नाम से विख्यात ओटो फॉन बिस्मार्क ने कई स्वतंत्र राज्यों को मिला कर 1871 में जर्मनी की स्थापना की थी. प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी को पराजय मिली और इसके बाद की परिस्थितियों में देश में हिटलर का शासन पनपा. हिटलर के दौर में होलोकॉस्ट हुआ और फिर दूसरे विश्व युद्ध में करीब एक करोड़ लोग मारे गये. जर्मनी और बर्लिन चार हिस्सों में बंट गया. 1990 में जर्मनी का एकीकरण हुआ.
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राजनीतिक संस्थाएं
जर्मनी में संसद के दो सदन हैं, निचला सदन बुंडेस्टाग और ऊपरी सदन बुंडेसराट. सरकार का प्रमुख चांसलर होता है. मौजूदा चांसलर अंगेला मैर्केल 2005 से इस पद पर हैं. वह क्रिश्चियन डेमोक्रैट पार्टी से जुड़ी हैं. एक औपचारिक पद राष्ट्रपति का भी है. जर्मनी यूरोपीय संघ का संस्थापक सदस्य है और उन 11 देशों में हैं जिन्होंने सबसे पहले यूरो मुद्रा को अपनाया.
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अर्थव्यवस्था
जर्मनी यूरोप की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति है और यह चीन के बाद दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक देश है. गाड़ियां और मशीनरी के अलावा रसायनों का भी निर्यात यहां से होता है. प्रमुख कंपनियों में डायमलर, बीएमडब्ल्यू, फॉक्सवागेन, पोर्शे, आउडी, और सीमेंस शामिल हैं. 2016 में यहां की जीडीपी 3.134 लाख करोड़ यूरो थी. प्रति व्यक्ति आय करीब 37 लाख 32 हजार रुपये है. बेरोजगारी की दर 2017 में करीब 5.7 फीसदी है.
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सशस्त्र सेना
जर्मन सेना में करीब 178,304 सैनिक हैं. देश का संविधान कहता है कि इनका इस्तेमाल केवल रक्षात्मक उद्देश्यों के लिए हो सकता है. सेना को देश के बाहर के अभियान में हिस्सा लेने के लिए संसद की मंजूरी लेनी पड़ती है. जर्मनी में सेना में अनिवार्य सेवा 2011 में खत्म कर दी गयी थी.
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हाल के पार्टी सम्मेलनों में जब भी जेहोफर और जोएडर मिलते थे उनके बीच गर्मजोशी की कमी दिखती रही है और सिर्फ मीडिया कैमरों की खातिर वे मुस्कराते थे. सत्ता की बाडगोर मिलने से बहुत पहले से ही जोएडर ने यह साबित करने का मौका कभी नहीं छोड़ा कि वह बेहतर वक्ता हैं. कभी पत्रकार रह चुके जोएडर जनता की नब्ज पहचानने वाले नेता माने जाते हैं.
वैसे अक्टूबर 2018 में बवेरिया के चुनावों में सीएसयू ने 36.7 प्रतिशत वोटों के साथ सबसे खराब प्रदर्शन किया. इसके बाद जोएडर को प्रतिद्वंद्वी पार्टी फ्राई वेलर के साथ मिलकर सरकार बनानी पड़ी. लेकिन जोएडर बहुत जल्द मैर्केल के मजबूत पार्टनर बन गए. कोरोना संकट के दौरान तो उनका नाम जर्मनी के सबसे लोकप्रिय राजनेताओं में शामिल हो गया. उन्होंने तुरंत कदम उठाते हुए स्कूल से लेकर पेशेवर फुटबॉल टूर्नामेंट तक बंद कर दिए. इस मामले में वह दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बहुत आगे रहे, खासकर सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य नॉर्थ राइनवेस्टफेलिया राज्य के मुख्यमंत्री आरमिन लाशेट से, जो पार्टी में मैर्केल का उत्तराधिकारी बनने के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश कर चुके हैं.
दूसरे दावेदार
बेशक यह बात अभी पक्के तौर से नहीं कही जा सकती कि जोएडर सीडीयू/सीएसयू गठबंधन की तरफ से चांसलर पद के उम्मदीवार बनेंगे. सीडीयू एक तो सीएसयू के मुकाबले बहुत बड़ी पार्टी है, दूसरे सीडीयू के अंदर भी मैर्केल की जगह लेने के लिए घमासान है. पार्टी के वरिष्ठ और ताकतवर नेता लाशेट के अलावा कारोबारी फ्रीडरिष मैर्त्स और सांसद नॉर्बर्ट रोएटगन जैसे नेता रेस में हैं. हालांकि वे सभी कुछ महीनों से शांत थे लेकिन अब फिर उन्होंने इंटरव्यू देने शुरू कर दिए हैं.
तो फिर जोएडर कहां टिकते हैं? नूरेमबर्ग में जन्मे जोएडर बार-बार कहते रहे हैं कि वह उम्मीदवार नहीं हैं. लेकिन 53 साल के जोएडर सभी नेताओं में सबसे युवा हैं. मैर्त्स (64), लाशेट (59) और रोएटगेन (54) सभी उनसे उम्र में ज्यादा हैं. लेकिन जोएडर को येंस स्पान का सामना भी करना पड़ सकता है. वह जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री हैं और उनकी उम्र सिर्फ 40 साल है. वह भी नेतृत्व संभालने में दिलचस्पी दिखा चुके हैं.