कौन है अना पोलितकोव्स्काया का कातिल?
७ अक्टूबर २०११7 अक्टूबर 2006 को रूसी पत्रकार अना पोलितकोव्स्काया का उनके घर के बाहर कत्ल कर दिया गया. राजधानी मॉस्को में घर के बाहर सीढ़ियों पर खून से लथपथ उनकी लाश मिली. 48 साल की अना बाजार से सब्जी ले कर घर लौटीं थीं और घर के बाहर बैठे खतरे से अनजान थीं. अना 'नोवाया गजेटा' नाम के अखबार के लिए काम किया करती थीं और उस समय राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचकों में से एक थीं. वे चेचन्या में पुतिन सरकार द्वारा की गई कार्रवाईयों के बारे में लिखती थीं. माना जाता है कि इसी ने उनकी जान ले ली. आज पांच साल बाद भी उनके कातिलों का कुछ पता नहीं.
कौन हुआ गिरफ्तार?
हालांकि रूसी अधिकारियों का मानना है कि उन्हें इस दिशा में कामयाबी मिल रही है. इस साल मई में चेचन्या में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया. जांच अधिकारियों के अनुसार जब अना का कत्ल हुआ उस समय चेचन्या का रहने वाला रुस्तम मखमुदोव उनके घर में मौजूद था. उसके बाद अगस्त में एक उच्च पुलिस अधिकारी को भी गिरफतार किया गया. रिपोर्टों के अनुसार दिमित्री पावल्युचनकोव नाम के इस पुलिस अधिकारी को हत्या की साजिश के बारे में पता था. हालांकि यह आरोप अब तक तय नहीं हो पाया है.
गिरफ्तारी के बाद सितम्बर में 'नोवाया गजेटा' के मुख्य संपादक दिमित्री मुरातोव ने मॉस्को में इस बारे में प्रेस कांफ्रेंस की. जांच अधिकारियों की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, मुझे इस बात की खुशी है कि जांच एजेंसियां लेफ्टिनेंट कर्नल दिमित्री पावल्युचनकोव को केवल एक गवाह के रूप में ही नहीं, बल्कि गुनाहगार के रूप में भी देख रहीं हैं." मुरातोव ने कहा कि उन्हें इस बात का यकीन है कि विभाग के और भी कई लोगों का अना के कत्ल में हाथ था, "हम जानते हैं कि हत्या की साजिश किसने रची, लेकिन मुझे लगता है कि कोई नहीं चाहता कि इसके आगे कोई भी बात सामने आए."
पुतिन के विरोधी की साजिश?
हालांकि अधिकारियों ने अभी तक किसी का नाम नहीं लिया है, लेकिन स्थानीय अखबारों में रूस के पूंजीपति बोरिस बेरेजोव्स्की का नाम लिया जा रहा है. अखबार 'कोमेरसांट' ने सितम्बर में लिखा कि पावल्युचनकोव ने जांच में यह बात स्वीकार की है कि बेरेजोव्स्की ने किसी बिचौलिये की मदद से यह कत्ल कराया. अखबार में कहा गया कि बेरेजोव्स्की इस हत्या से पुतिन को राजनैतिक नुकसान पहुंचाना चाहते थे.
बेरेजोव्स्की लम्बे समय से रूस सरकार की आलोचना करते रहे हैं. वह पिछले दस सालों से ब्रिटेन में निर्वासन में रह रहे हैं. रूस में उन पर भ्रष्टाचार और घूसखोरी के कई मुकदमे चल रहे हैं. लंदन में रहते हुए भी बेरेजोव्स्की रूस की राजनीति से जुड़े रहे हैं और उन्होंने कई बार पुतिन सरकार की समाप्ति की मांग की है.
प्रमुख जांच अधिकारी एलेक्जेंडर बास्त्रिकिन ने कत्ल के पीछे बेरेजोव्स्की का हाथ होने से इंकार किया है. अखबार में चल रही रिपोर्टों के बारे में उन्होंने कहा, "हम नहीं जानते कि इस हत्या के पीछे कौन है. हमारे पास बेरेजोव्स्की पर आरोप लगाने का कोई आधार नहीं है." कई पत्रकारों और मानवाधिकार संगठनों का भी यही मानना है कि बेरेजोव्स्की का इस मामले से कोई लेना देना नहीं है. 'नोवाया गजेटा' के एक संपादक ने इसे एक 'बुरा मजाक' बताया है.
मानवाधिकार संगठन 'मॉस्को हेलसिंकी ग्रुप' की अध्यक्ष ल्युडमिला अलेक्स्येवा ने इस बारे में कहा, "अना पोलितकोव्स्काया किस तरह से उनके रास्ते में थी? मेरे ख्याल से यह जांच अधिकारियों की एक चाल है ताकि लोगों को असली मुद्दे से भटकाया जा सके. ऐसा नहीं है कि बेरेजोव्स्की कोई महापुरुष हैं और मुझे उनके साथ कोई सहानुभूति भी नहीं है, लेकिन यहां केवल अटकलें लगाई जा रही हैं और मुझे समझ नहीं आ रहा कि इसका फायदा किसे मिल रहा है?"
रिपोर्ट: येगोर वीनोग्रादोव, मार्कियान ओस्टाप्चुक/ईशा भाटिया
संपादन: महेश झा