1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

क्या अंतरिक्ष में भी बनती है चीनी

१९ नवम्बर २०१९

रिसर्चरों की एक टीम ने तीन धूमकेतुओं का परीक्षण करने के बाद उन पर जैविक चीनी की मौजूदगी के बारे में जानकारी दी है. अंतरिक्ष से आए धूमकेतुओं पर चीनी कहां से आई?

Satellitenbild der Richat Struktur in der Sahara in Mauretanien
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Jaxa/Esa

पृथ्वी के बाहर से आए नमूनों के परीक्षण के दौरान वैज्ञानिकों को राइबोज और चीनी के दूसरे कण मिल हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे संकेत मिल रहे हैं कि जैविक चीनी अंतरिक्ष में बनी होगी. जिन नमूनों का परीक्षण किया गया है उनमें अमीनो एसिड और दूसरे जैविक मूलभूत कण मिले हैं. रिसर्च करने वाली टीम का कहना है कि पृथ्वी पर इन कणों के आने से शुरुआती जैविक पॉलीमरों के निर्माण में मदद मिली होगी. इस रिसर्च के बारे में प्रॉसिडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (पीएनएएस) में रिपोर्ट छपी है.

जापान की तोहोकू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर योशिहिरो फुरुकावा और उनके सहकर्मियों ने यह रिसर्च की है. इन लोगों ने कणों से बने तीन कार्बनमय धूमकेतुओं का अध्ययन किया. इनमें मुर्चिसन धूमकेतु भी है जो ऑस्ट्रेलिया में आ कर गिरा था. राइबोज आरएनए यानी राइबोन्यूक्लिक एसिड में मौजूद बुनियादी घटकों में से एक है जो सभी जीवित कोशिकाओं में पाया जाता है. जैविक रूप से अहम चीनी के दूसरे कणों के साथ धूमकेतुओं पर राइबोज के कण का भी पता चला है.

तस्वीर: Imago/Leemage

इनके आइसोटोप का विश्लेषण करने से पता चलता है कि चीनी के ये कण पृथ्वी के बाहर ही बने हैं. पीएनएएस का कहना है कि धूमकेतुओं के पृथ्वी पर आने की वजह से यह वहां नहीं पहुंचे हैं. पीएनएएस ने कहा है, "प्रयोगशाला में प्रायोगिक सिम्यूलेशन का इस्तेमाल कर अंतरिक्ष की उन परिस्थितियों का आकलन करने के दौरान वैज्ञानिकों ने नतीजा निकाला कि इस तरह की चीनी के कणों के पीछे वजह फॉर्मोज प्रतिक्रिया है." फॉर्मोज प्रतिक्रिया में एल्डिहाइड और फिर इससे चीनी बनती है. 

इस खनिज की संरचना से पता चलता है कि चीनी का निर्माण या तो छुद्रग्रहों के बनने के दौरान या फिर उसके तुरंत बाद ही हो गया था जिनसे इन धूमकेतुओं का निर्माण हुआ. 50 साल से ज्यादा पहले भी रिसर्चरों ने ग्लूकोज और अराबिनोज जैसे जैविक चीनी के कणों को कार्बनमय धूमकेतुओं में खोजा था लेकिन यह साबित नहीं हो सका कि वे वास्तव में पृथ्वी के बाहर के थे या नहीं.

एनआर/एमजे (डीपीए)

__________________________

हमसे जुड़ें: WhatsApp | Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें
डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें