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क्या अप्रैल तक जारी रहेगा कोरोना का उत्पात

११ फ़रवरी २०२०

चीन में महामारियों के विशेषज्ञ बता रहे हैं कि अप्रैल तक कोरोना वायरस का संकट खत्म हो जाना चाहिए लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन इसे लेकर बेहद गंभीर रुख अपना रहा है.

China Peking | Xi Jinping besucht Zentrum für Seuchenkontrolle und -prävention
तस्वीर: picture-alliance/Xinhua News Agency/L. Bin

चीन के वरिष्ठ चिकित्सा सलाहकारों का अनुमान है कि चीन से शुरु हुए कोरोना वायरस का संक्रमण अप्रैल तक खत्म हो जाएगा. अब तक इस वायरस के कारण मरने वालों की तादाद 1,000 के पार चली गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे एक "बहुत गंभीर" वैश्विक खतरा बताया है. इस महामारी के कारण विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में कंपनियां जद्दोजहद कर रही हैं. काफी लंबी खींची गई चीनी नए साल की छुट्टियों के बाद कामकाज शुरु करने में उन्हें बड़ी मुश्किलें आ रही हैं और अरबों डॉलर का खर्चा करना पड़ रहा है.

कई कंपनियां लोगों को नौकरियों से निकाल भी रही हैं. ऐसा तब जबकि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इसका आश्वासन दे चुके थे कि ऐसा नहीं होगा. चीन दुनिया के बहुत से देशों को चीजें निर्यात करता है. ऐसे में कार निर्माताओं से लेकर स्मार्टफोन बनाने वाली तमाम वैश्विक कंपनियों को सप्लाई चेन में रुकावट का सामना करना तय है.

कोरोना पर चीन के प्रमुख चिकित्सा सलाहकार जोंग नानशान ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को कहा कि देश के कई हिस्सों में नए संक्रमण के मामले धीरे धीरे कम होने लगे हैं. उन्होंने इस बात की आशंका जताई कि फरवरी महीने में यह महामारी अपने चरम तक पहुंचेगी. 83 वर्षीय जोंग ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि यह संक्रमण या यह घटना अप्रैल तक जाते जाते खत्म हो जाएगी." खुद महामारियों के विशेषज्ञ जोंग को तब काफी प्रसिद्धि मिली थी जब 2003 में फैली सार्स महामारी का मुकाबला करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी.

चीन के वुहान में स्थित एक अस्पताल की तस्वीर. तस्वीर: Imago-Images/Xinhua/Xiong Qi

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पुष्टि की है कि 11 फरवरी तक कोरोना के कारण चीन में 1,017 लोगों की जान चली गई है और इसके करीब 42,708 मामले सामने आ चुके हैं. चीन के अलावा अन्य 24 देशों में केवल 319 मामलों की पुष्टि हो पाई है. मुख्यभूमि चीन के अलावा अब तक केवल दो लोगों की जान गई है, एक की हांगकांग में और दूसरे की फिलीपींस में.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने एक अपील में कहा है कि वायरस के सैंपल शेयर किए जाएं और इसके लिए जल्द से जल्द कोई दवा या टीका बनाने की ओर बढ़ा जाए. संस्था के प्रमुख ट्रेडोस घेब्रेयासुस ने जेनेवा में रिसर्चरों को संबोधित करते हुए कहा, "इसके 99 फीसदी मामले चीन में ही आए. यह काफी हद तक एक देश तक सीमित आपातकाल ही है, लेकिन ऐसा कुछ जो बाकी दुनिया के लिए बड़ा संकट बन सकता है."

चीन के भीतर, कम से कम 300 कंपनियां बैंकों में कर्ज के लिए आवेदन भर चुकी हैं. कुल कर्ज की रकम 57.4 अरब युआन (यानि करीब 8.2 अरब डॉलर) के आसपास होगी. कुछ सौ कंपनियों को इतनी बड़ी राशि निर्माण और उत्पादन की प्रक्रिया में आई रुकावट की भरपाई के लिए चाहिए. ऐसी कितनी ही और कंपनियां कर्ज की कतार में लग सकती हैं.

चीनी कंपनी शिनचाओ मीडिया ने हाल ही में अपने 500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया, जो उनकी कुल वर्कफोर्स का करीब दसवां हिस्सा थे. बाकी कई कंपनियां अपने हजारों कर्मचारियों को वेतन देने में असमर्थ पा रही हैं. चीनी सरकार ने अब तक देश में नौकरियों में स्थिरता लाने के लिए कोई बड़ा कदम नहीं उठाया है जिसके आने वाले कुछ दिनों में आने की उम्मीद की जा रही है. बैंकों की ब्याज दर में भी कमी लाई जा सकती है जिससे कर्ज लेने वालों का बोझ कुछ कम हो. लेकिन तब तक चीन के आर्थिक विकास के पूर्वानुमान को लगभग सभी बड़ी मार्केट रिसर्च कंपनियों ने घटा दिया है. 

आरपी/एमजे (रॉयटर्स)

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