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ट्रंप द्वारा नियुक्त जज की पुष्टि पर सीनेट में बहस

१२ अक्टूबर २०२०

अमेरिकी संसद में सुप्रीम कोर्ट की जज एमी कोन बैरेट की नियुक्ति पर सुनवाई सोमवार से शुरू हो रही है. राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने उन्हें नियुक्त किया है लेकिन विपक्षी पार्टी चाहती है कि नियुक्ति की पुष्टि चुनाव के बाद हो.

USA | Nominierung Amy Coney Barrett als Richterin am Supreme Court
तस्वीर: Olivier Douliery/AFP/Getty Images

48 साल की कानून की प्रोफेसर एमी कोनी बैरेट रुढ़िवादी हैं. उन्हें उदारवादी जज रूथ बाडर गिन्सबर्ग की जगह लाया जा रहा है. गिन्सबर्ग की 26 सितंबर को कैंसर के कारण मौत हो गई. 8 दिन बाद उनकी उम्र 87 साल हो जाती.

कानून के मुताबिक रिपब्लिकन सांसदों के बहुमत वाली सीनेट को नियुक्ति की पुष्टि करनी होती है. देश की सर्वोच्च अदालत में 9 जजों में से पांच सीट पर फिलहाल रुढ़िवादी हैं. अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति जीवन भर के लिए होती है. जब तक कि वो इस्तीफा देकर ना हटें, स्वेच्छा से रिटायर ना हों या फिर उन्हें सरकार तय प्रक्रियाओं के तहत हटा ना दे वो अपने पद पर बने रहते हैं.

तस्वीर: Chip Somodevilla/Getty Images

डेमोक्रैटिक पार्टी के नेता और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन चाहते हैं कि चुनावों तक नए जज की नियुक्ति रोक दी जाए. माना जा रहा है कि डॉनल्ड ट्रंप अपने रुढ़िवादी वोटरों को खुश करने के लिए चुनाव से पहले ही इस नियुक्ति को अंजाम तक पहुंचाना चाहते हैं. बैरेट कैथोलिक धर्म का पालन करती हैं और उनके सात बच्चे हैं जिनमें दो को उन्होंने गोद लिया है. उन्हें रुढ़िवादी ईसाई माना जाता है और वो गर्भपात और समलैंगिक विवाह का विरोध करती हैं.

बैरेट ने कहा है कि वो अपने धर्म को अपने कानूनी फैसलों से अलग रखेंगी. बैरेट ने सोमवार को अपने शुरुआती बयान के ड्राफ्ट में कहा, "अदालतें सारी समस्याओं के हल के लिए नहीं बनी हैं, ना ही हमारे सार्वजनिक जीवन में सही और गलत को तय करने के लिए. नीतिगत फैसले और सरकार के अहम निर्णय चुनी हुई और लोगों के प्रति उत्तरदायी राजनीतिक शाखाओं के जरिए होने चाहिए. अदालत यह काम करे लोगों को ऐसी उम्मीद नहीं रखनी चाहिए और अदालतों को ऐसी कोशिश भी नहीं करनी चाहिए."

विरोध करने के अलावा भी डेमोक्रैटिक पार्टी के सांसदों के पास इस नियुक्ति की पुष्टि को रोकने के कुछ उपाय हैं. सीनेट की जिस जूडिशियल कमेटी को इस नियुक्ति पर सुनवाई करनी है उसमें डेमोक्रैटिक सांसद कमला हैरिस भी हैं, जो इस बार के चुनाव में उपराष्ट्रपति पद की भी उम्मीदवार हैं. सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है, हालांकि कुछ रिपब्लिकन सांसद नहीं चाहते कि चुनाव से पहले इस नियुक्ति की पुष्टि भी सीनेट में वोटिंग से हो.

एनआर/आईबी(एएफपी)

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