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समाज

जानवरों को भी आती है बेईमानी

४ दिसम्बर २०१८

आपने अपने आसपास के बंदरों में छीना-झपटी की प्रवृत्ति जरूर देखी होगी. कई जगह बंदर लोगों का सामान छीन ले जाने के लिए कुख्यात हैं लेकिन अब पता चला है कि गुरिल्ला को बेईमानी करना भी आता है.

Gorillas
तस्वीर: Mark Thomson

बंदरों के व्यवहार को इंसानों के बेहद करीब माना जाता है, लेकिन अब इंसानों जैसा व्यवहार गोरिल्लों में भी देखा जा रहा है. इंग्लैंड के गुरिल्ला पर किए गए प्रयोगों से पता चला है कि उनमें इंसानों की तरह बेईमानी जैसे अवगुण भी हो सकते हैं. प्रयोग के दौरान एक चिड़ियाघर में रहने वाले गुरिल्लों के सामने एक डिवाइस पेश की गई, जिसकी मदद से उन्हें मूंगफली के दानों को बाधाएं पार कर अपनी सही जगह पहुंचाना था. लेकिन कुछ गुरिल्लों ने इस खेल के नियमों से अलग मूंगफली को नीचे गिराने के आसान तरीके खोज निकाले.

इंग्लैंड के ब्रिस्टल चिड़ियाघर के डाक्टर फे क्लार्क कहती हैं, "हमने इस प्रयोग में गोरिल्लों के भीतर बहुत से बेईमानी के तरीकों को देखा है. मसलन गोरिल्लों ने अपने मुंह का इस्तेमाल कर दानों को नीचे गिरा दिया. उपकरणों को ऐसे इस्तेमाल करने के लिए नहीं बनाया गया था." क्लार्क कहती हैं कि ये गोरिल्लों के व्यावहारिक लचीलेपन को दिखाता है कि कैसे वे अपने भोजन को हासिल करने के लिए नए तरीकों को खोज निकालने में सक्षम हैं. 

तस्वीर: Mark Thomson

उन्होंने कहा, "गोरिल्ला के पास समस्याओं को सुलझाने की अद्भुत क्षमता होती है जिस पर पहले कभी ध्यान नहीं दिया गया है."

खेल के इन तरीकों को इस साल सबसे पहले पेश किया गया था. वैज्ञानिक कहते हैं कि मूंगफली का खेल गोरिल्ला के बीच काफी लोकप्रिय हैं. लुप्त जानवरों की श्रेणी में आने वाले ये गोरिल्ला अकसर इस खेल को तब भी खेलते हैं, जब वहां जीतने के लिए मूंगफली जैसा भी कुछ नहीं होता.

इंग्लैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल और ब्रिस्टल जूलॉजिकल सोसाइटी ने गोरिल्ला गेम लैब प्रोजेक्ट को विकसित किया है, जिसका मकसद गोरिल्ला की ज्ञान और समस्याओं की सुलझाने की क्षमताओं को प्रोत्साहित करना है. कयास लगाए जा रहे हैं कि यह क्षमता इंसानों की तुलना में सात गुना ज्यादा हो सकती है. प्रोजेक्ट से जुड़े रिसर्चर कहते हैं इस प्रोजेक्ट का मकसद गोरिल्लों के भीतर सकारात्मक मनोवैज्ञानिक स्थिति और खुशी का भाव पैदा करना है.

एए/आरपी (रॉयटर्स)

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