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समाज

क्या कभी इंसान की दो प्रजातियों में भी प्यार हुआ था

२४ अगस्त २०१८

डेनी अंतरप्रजातीय प्रेम का नतीजा थी, यह वैज्ञानिक कहते हैं. उसकी मां निएंडरथाल है जबकि पिता डेनीसोवान. यह आदिमानव की एक बिल्कुल अलग प्रजातियां हैं जो यूरेशियाई महाद्वीप में 50,000 साल पहले घुमक्कड़ी करती थी.

Frankreich Prehisto Park in Tursac | Neanderthaler
तस्वीर: Imago/alimdi

इस बच्ची के बारे में नेचर पत्रिका ने खबर दी है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने उसे आधिकारिक रूप से डेनिसोवा 11 नाम दिया है. जब उसकी मौत हुई तो वह मात्र 13 साल की थी और मौत की वजह का पता नहीं है. तो क्या अंतरप्रजातीय बच्चों का इतिहास रहा है. माक्स प्लांक इंस्टीट्यूट फॉर इवॉल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी के रिसर्चर और रिपोर्ट के प्रमुख लेख विवियन स्लॉन का कहना है, "इससे पहले भी अलग अलग होमिनिन यानी प्राचीन मानव समूहों के बीच अंतरसंबंधों के सबूत मिलते हैं. लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि सीधे हमें पहली पीढ़ी की संतान का पता चला है."

डेनी की हैरान करने वाली वंशावली का 2012 में एक हड्डी के टुकड़े से पता चला. यह टुकड़ा रूसी आर्कियोलॉजिस्टों ने साइबेरिया के अलटाई पहाड़ों में डेनीसोवा केव में ढूंढ कर निकाला था. हड्डी की डीएनए का विश्लेषण करने के बाद इसमें कोई शक नहीं रहा कि क्रोमोसोम्स में आधा आधा निएंडरथाल और डेनीसोवान का मिश्रण था. ये चार लाख और पांच लाख साल पहले के इंसानों की दो अलग अलग प्रजातियां हैं. 

तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/B. Viola

माक्स प्लांक इंस्टीट्यूट के ही एक और वैज्ञानिक प्रोफेसर स्वान्ते पेबो ने करीब एक दशक पहले उसी जगह पर पहले डेनीसोवान की पहचान की थी. वे कहते हैं, "शुरूआत में मुझे लगता था कि उन्हें प्रयोगशालाओं में ही मिलाया गया होगा." पूरी दुनिया में महज दो दर्जन से भी कम मानव जीनोम ऐसे हैं जो 40 हजार साल से पुराने हैं. निएंडरथाल, डेनीसोवान और होमो सेपिएंस के रूप में इनकी कड़ियां बनाई गई हैं और इनमें आधे आधे या फिर हाइब्रिड होने की उम्मीद नहीं के बराबर ही है.

स्लॉन का कहना है, "सच्चाई यह है कि निएंडरथाल और डेनिसोवान के मिलने से बने इंसान की खोज से हमें लग रहा है कि अंतरप्रजातीय प्रजनन हमने जितना सोचा उससे कहीं ज्यादा हो रहा था." पाबो भी उनकी बात से सहमति जताते हैं. 40 हजार साल पुराना निएंडरथाल कई पीढ़ी पुराने होमो सेपिएंस के साथ हाल ही में रोमेनिया में मिला था और इससे इस धारणा को और मजबूती मिलती है.

तस्वीर: imago/StockTrek Images/J. Faro

ऐसी कई और कहानियों के संदर्भ में वो प्रश्न है जिसका जवाब वैज्ञानिक जानना चाहते हैं. सवाल है कि जब निएंडरथाल पश्चिम और मध्य यूरोप के पूरे हिस्से में फैल कर सफल जिंदगी जी रहा था तो वह 40 हजार साल पहले कहां लुप्त हो गया. अब तक इस लोप के लिए कुछ बीमारियों, जलवायु परिवर्तन, होमो सेपिएंस के हाथों नरंसहार और कुछ मामलों में इन सब को जिम्मेदार माना जाता है. हालांकि अब यह सवाल भी उठ रहा है कि अफ्रीका से आई प्रजाति ने कहीं आक्रमण के बदले प्यार और स्नेह का सहारा तो नहीं लिया?

हाल की कुछ रिसर्च से यह भी पता चला है कि निएंडरथाल वास्तव में उतने पिछड़े नहीं थे. वो समूह में रह कर शिकार की योजना बनाते थे, आग जलाते थे, उनके पास हथियार और कपड़े भी थे और मरने के बाद प्रतीकात्मक गहनों के साथ दफनाए जाते थे. उन्होंने गुफाओं की दीवारों पर कम से कम 64 हजार साल पहले जानवरों के भित्तिचित्र भी बनाए थे. इसके बहुत बाद जा कर होमो सेपिएंस यूरोप पहुंचे. डेनीसोवान के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है लेकिन शायद उनका भी यही हश्र हुआ. पेबो ने उनके अस्तित्व की पुष्टि दो उंगलियों की अधूरी हड्डियों और दो चबाने वाले दातों से की है. इनकी उम्र करीब 80 हजार साल बताई जाती थी.

निएंडरथाल औरर डेनीसोवान के बीच मुमकिन है कि आपस में काफी मेलजोल रहा हो लेकिन सच्चाई यह है कि जहां निएंडरथाल ज्यादातर यूरोप में रहे वहीं रिसर्चरों का अनुमान है कि डेनीसोवान मध्य और पूर्व एशिया में रहे.

एनआर/एमजे (एएफपी)

 

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