क्या खास है भारत के पहले बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में?
१४ सितम्बर २०१७
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने भारत के पहले बुलेट ट्रेन नेटवर्क का शिलान्यास किया है. जापानी प्रधानमंत्री दो दिन की यात्रा पर बुधवार को भारत आए.
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भारत की पहली बुलेट ट्रेन गुजरात के अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलेगी. इस बुलेट ट्रेन के लिए जापान 19 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश कर रहा है. उम्मीद है कि लोगों को साल 2022 में पहली बुलेट ट्रेन में सफर करने को मिलेगा.
क्या है खास?
-750 सीटों वाली इस ट्रेन को गुजरात से अहमदबाद के बीच का रास्ता तय करने में 3 घंटे का वक्त लगेगा. फिलहाल ये रास्ता 8 घंटे का है.
-ट्रेन का ज्यादातर रास्ता जमीन से ऊपर होगा लेकिन इस यात्रा का 7 किलोमीटर का हिस्सा समंदर के नीचे बनी सुरंग से होकर जाएगा.
-इसकी अधिकतम गति 350 किलोमीटर प्रति घंटा होगी, जो अभी भारत की सबसे तेज चलने वाली ट्रेनों की स्पीड के दोगुनी से भी ज्यादा होगी.
-इस परियोजना के शुरू होने से 24 हजार रोजगार पैदा होंगे. 24 रेलगाड़ियां जापान से भारत आएंगी, और बाकी रेलगाड़ियां भारत में ही बनेंगी.
शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान शिंजो आबे ने कहा, "जब मैं कुछ वर्षों में भारत आऊं, तो मैं मोदी के साथ बुलेट ट्रेन की खिड़कियों से भारत की सुंदरता का आनंद लेने की उम्मीद करता हूं." उन्होंने यह भी कहा कि यह भारत और जापान के बीच संबंधों के नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है.
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि हम मिलकर इस प्रोजेक्ट को कम से कम समय में पूरा कर दिखाएंगे.
भारत सरकार चाहती है कि देश के बड़े शहरों को हाई स्पीड ट्रेनों से जोड़ा जाए, लेकिन आलोचकों का तर्क है कि भारत के लिए बेहतर यह है कि फिलहाल वे मौजूदा रेल नेटवर्क और साफ और सुरक्षित बनायें. लेकिन वहीं बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का समर्थन करने वाले लोग कहते हैं कि इससे व्यापार बढ़ेगा और बुनियादी ढांचे का विकास होगा.
एसएस/एनआर (एएफपी)
'प्रभु' की रेल में किसके लिए क्या
'कुली' हुए 'सहायक', इसके अलावा रेल बजट 2016-17 में केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने दुनिया की सबसे सस्ती रेल सेवा को वैसा ही रखते हुए किराए नहीं बढ़ाए. रोज ढाई करोड़ लोगों को ढोने वाली भारतीय रेल के लिए ऐसा रहा बजट...
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किराया
2014 में हुई किराया वृद्धि की अलोकप्रिय कोशिश तत्कालीन सरकार को बहुत भारी पड़ी थी. इसलिए पिछले दो बार से यात्री और मालगाड़ी किरायों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई.
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मॉडर्न रेलवे
अगले पांच सालों में 8.5 लाख करोड़ रूपए रेल ढांचे के आधुनिकीकरण पर खर्च होंगे. साल 2016-17 में ही इसमें 1.21 लाख करोड़ रूपए का निवेश किया जाएगा.
तस्वीर: AP
सुपर फास्ट रेल
तीन नई सुपर फास्ट ट्रेनें - हमसफर एक्सप्रेस, तेजस और उदय चलाई जाएंगी. इनके अलावा एक अनारक्षित श्रेणी की सुपर फास्ट ट्रेन अंत्योदय एक्सप्रेस भी शुरु होगी.
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तीर्थ स्थल
भारत के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों को जोड़ने वाली आस्था सर्किट ट्रेनें चलेंगी. अजमेर, पुरी, वाराणसी, नागापट्टीनम जैसे इन धार्मिक स्थलों के स्टेशनों का सौन्दर्यीकरण भी किया जाएगा.
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बायो टॉयलेट
ट्रेनों में स्वाचालित दरवाजों, बायो वैक्यूम टॉयलेट और बेहतर डिजाइन वाले स्मार्ट कोच लगेंगे. इसी साल के अंत तक ट्रेनों में करीब 17,000 बायो टॉयलेट लगाने का लक्ष्य है. कोचों को साफ रखने के लिए 'ऑन डिमांड' सुविधा भी मिलेगी.
तस्वीर: Murali Krishnan
अतिरिक्त सवारी कोच
लंबी दूरी के व्यस्ततम रूटों पर रेलगाड़ियों में दो से चार दीन दयालु अनारक्षित कोच लगाए जाएंगे. इनमें पानी के अलावा मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट्स की भी व्यवस्था होगी.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
रेल मित्र सेवा
ट्रेनों की निचली बर्थ में वरिष्ठ नागरिकों के लिए मौजूदा कोटे को 50 फीसदी और बढ़ा दिया जाएगा. बुजुर्गों और विकलांगों के लिए रेल मित्र सेवा होगी तो वहीं छोटे बच्चों को खाने की सुविधा देने वाली जननी सेवा शुरु होगी.
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सुरक्षा और मनोरंजन
सुरक्षा के लिहाज से सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी से नजर रखी जाएगी. बार कोड वाले टिकट और स्कैनरों का पायलट प्रोजेक्ट चलेगा. मनोरंजन के लिए ट्रेनों में एफएम रेडियो की सुविधा देने की योजना है.
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तकनीकी विकास
भारत के 400 स्टेशनों पर इंटरनेट की वाई फाई सुविधा दी जाएगी. ऐसे 100 स्टेशन अगले वित्तीय सत्र में में ही तैयार हो जाएंगे. ई-टिकट की क्षमता को 2,000 प्रति मिनट से बढ़ाकर 7,200 प्रति मिनट तक लाया जाएगा.
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बुलेट ट्रेन
रेलवे का मोबाइल ऐप आएगा, ट्रेनों पर सूचना बोर्ड होंगे, कोचों के भीतर जीपीएस से जुड़े डिजिटल डिस्प्ले होंगे. दिसंबर में जापान के साथ हुई भारत की पहली बुलेट ट्रेन सेवा को अहमदाबाद-मुंबई के बीच चलाया जाएगा.