भारत सरकार तीन अरब डॉलर खर्च कर गंगा नदी को साफ करना चाहती है. लेकिन योजना की सुस्त रफ्तार को देख अब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हस्तक्षेप करना पड़ा है.
विज्ञापन
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन का ज्यादातर पैसा आवंटित हो चुका है, लेकिन उसका ज्यादातर हिस्सा अभी तक खर्च भी नहीं हुआ है. मिशन से जुड़े अधिकारी भी मानने लगे हैं कि 2018 की पहली समय सीमा तक निर्धारित काम खत्म करना अंसभव सा है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के एक अधिकारी ने कहा कि अभी तक कई जगहों पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट कमिशन नहीं हुए हैं.
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत गंगा को तीन सर्किलों में बांटा गया है. जनवरी में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन के काम काज की समीक्षा की. इस दौरान पता चला कि उत्तर प्रदेश के कई शहर नदी को बुरी तरह दूषित कर रहे हैं. लेकिन अब तक वहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स को लेकर कोई ठोस काम नहीं हुआ है. राज्य प्रशासन नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स के लिए जमीन तक नहीं खोज पाया. जटिल टेंडर प्रक्रिया के चलते भी कई ठेकेदार भाग गए.
यूपी में कुल 456 ऐसे उद्योग हैं जो गंगा को दूषित कर रहे हैं. लेकिन अब तक इनमें से सिर्फ 14 को बंद किया गया है. घाटों को आधुनिक बनाने का काम भी समय सीमा से पीछे चल रहा है. योजना के तहत 182 घाटों का पुन: उद्धार करना था, लेकिन सिर्फ 50 पर ही काम शुरू हुआ है. 118 श्मशानों में से सिर्फ 15 को आधुनिक बनाया गया है.
दुनिया की सबसे गंदी नदियां
भारत की गंगा और यमुना जितनी पवित्र मानी जाती हैं, उतनी ही प्रदूषित भी हैं. लेकिन दुनिया में कई और नदियां हैं, जो काफी प्रदूषित हैं. इनमें अमेरिकी नदियां भी शामिल हैं. देखते हैं कुछ अहम प्रदूषित नदियों को.
तस्वीर: DW
कुयाहोगा (अमेरिका)
ओहायो प्रांत में 1950 के दशक में अचानक यह नदी उस वक्त सुर्खियों में आई, जब इसमें आग लग गई. बाद में पता चला कि उद्योगों की वजह से प्रदूषित नदी के तट पर तेल की धार फैली थी, जिसमें आग लगी. इसके बाद पर्यावरण विशेषज्ञों ने इसे साफ करने की योजनाएं शुरू कीं.
तस्वीर: Kenneth Sponsler - Fotolia.com
मातांजा (अर्जेंटीना)
राजधानी ब्यूनस आयर्स के पास बहती यह नदी करीब 35 लाख लोगों की सेवा करती है. लेकिन हाल के दिनों में यह बुरी तरह गंदगी का शिकार हुई है. इसके लिए करोड़ों डॉलर की राशि 1993 में निर्धारित की गई लेकिन सालों बाद पता चला कि इसका कुछ हिस्सा ही सही जगह खर्च हो पाया.
तस्वीर: Yanina Budkin/World Bank
सीटारम (इंडोनेशिया)
इसे दुनिया की सबसे गंदी नदियों में गिना जाता है. पिछले 20 साल में इसके आस पास 50 लाख की आबादी बसी है. इसके साथ ही प्रदूषण और गंदगी भी बढ़ी, जिससे निपटने के उपाय नहीं किए गए. इसके संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति की सेहत खतरे में बताई जाती है.
तस्वीर: Adek Berry/AFP/Getty Images
बूढ़ी गंगा (बांग्लादेश)
बांग्लादेश की राजधानी में करीब 40 लाख लोग रहते हैं. उन्हें हर रोज जल प्रदूषण से निपटना पड़ता है. मिलों और फैक्ट्रियों का कचरा सीधा नदी में जाता है. यहां मरे हुए जानवर, नाले, सीवेज और प्लास्टिक भी पहुंचते हैं, जो बूढ़ी गंगा को और गंदी कर रहे हैं.
तस्वीर: DW/M. Mamun
गंगा (भारत)
भारत की सबसे पवित्र मानी जाने वाली गंगा नदी देश की सबसे प्रदूषित नदियों में गिनी जाती है. धार्मिक कर्म कांड भी इस नदी को काफी गंदा करते हैं. प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने इसे साफ करने का बीड़ा उठाया है और गंगा पुनर्जीवन नाम का मंत्रालय भी बनाया है.
तस्वीर: DW
यमुना (भारत)
भारत की दूसरी सबसे पवित्र समझी जाने वाली यमुना नदी की भी वही हालत है, जो गंगा की. राजधानी दिल्ली और ताजमहल के शहर आगरा से होकर गुजरने वाली यमुना तो इतनी गंदी हो गई है कि कई जगहों पर सिर्फ नाले की तरह दिखती है.
तस्वीर: UNI
जॉर्डन (जॉर्डन)
मध्यपूर्व की इस नदी की तुलना आकार में तो नहीं लेकिन महत्व में गंगा से जरूरी की जा सकती है. इस्राएल, फलीस्तीन और जॉर्डन से होकर गुजरने वाली इसी नदी के किनारे ईसा महीस का बपतिस्मा किया गया. लेकिन गंदगी में भी यह गंगा को टक्कर दे रही है.
तस्वीर: AFP/Getty Images
पीली नदी (चीन)
लांझू प्रांत के लोग उस वक्त हक्के बक्के रह गए, जब उन्होंने एक दिन देखा की पीली नदी के जल का रंग लाल पड़ गया है. किसी अनजाने सीवर से आए प्रदूषित पानी ने इसका रंग बदल दिया. चीन ने तेजी से आर्थिक विकास किया है, जिसकी कीमत नदियों को भी चुकानी पड़ी है.
तस्वीर: Jasmin Leitner/Christian Leitner
मिसीसिपी (अमेरिका)
इस नदी के किनारे प्रदूषण इतना ज्यादा है कि उसे डेड जोन कहा जाता है. नदी का प्रदूषण सागर तक पहुंचता है. यह अमेरिका के 31 और दो कनाडेयाई राज्यों से होकर बहती है.
तस्वीर: DW
9 तस्वीरें1 | 9
गंगा को साफ करने के लिए सरकार ने 3.06 अरब डॉलर का फंड बनाया है. लेकिन अप्रैल 2015 से लेकर मार्च 2017 तक सिर्फ 20.5 करोड़ डॉलर ही खर्च हुए हैं. रॉयटर्स ने जब जल संसाधन मंत्री उमा भारती से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने टिप्पणी से इनकार कर दिया. गंगा से जुड़े एक छोटे पर्यावरण संगठन के प्रमुख राकेश जायसवाल नाउम्मीद होने लगे हैं. जायसवाल कहते हैं, "जमीन पर कुछ नहीं हुआ है."
मिशन के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक प्रोजेक्ट की सुस्त रफ्तार को देखने के बाद प्रधानमंत्री ने अब इसे अपने हाथ में लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2019 के चुनावों से पहले इस काम को पूरा करना चाहते है. इसके जरिये वो संदेश देना चाहते हैं कि उनकी सरकार काम के प्रति पूरी तरह समर्पित है और वह बड़े से बड़ा काम कर सकती है. यही वजह है कि प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी नृपेंद्र मिश्रा, अब हर महीने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के अधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं.
हिमालय से निकलकर बंगाल की खाड़ी तक जाने वाली गंगा नदी 40 करोड़ भारतीयों के लिए जीवन रेखा जैसी है. लेकिन उसके किनारे बसे 118 शहर हर दिन नदी में 480 करोड़ लीटर सीवेज डालते हैं. सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों की मौजूदा क्षमता फिलहाल 101 करोड़ लीटर प्रतिदिन है. शहरों के सीवेज से ज्यादा नदी को औद्योगिक कचरा गंदा कर रहा है. मिशन के तहत 760 औद्योगिक फैक्ट्रियों की पहचान की गई है. ये नदी को बड़े पैमाने पर दूषित कर रही हैं. इनमें से ज्यादा फैक्ट्रिया उत्तर प्रदेश में हैं.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मोदी सरकार अब तक 93.3 करोड़ लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स को हरी झंडी दे चुके हैं. इनमें से 16 करोड़ लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाले प्लांट तैयार भी हो चुके हैं. लेकिन वे चालू हैं या नहीं, इसकी जानकारी नहीं मिली है.
उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार आने के बाद, माना जा रहा है कि गंगा सफाई अभियान में तेजी आएगी. यूपी के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद गंगा की सफाई को लेकर अभियान चला चुके हैं. राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा अभियान के डिप्टी डायरेक्टर सीवी धर्म राव कहते हैं, "आप बेहतरी देखेंगे. हमने राज्यों से प्रक्रिया को तेज करने को कहा है और पैसे की कोई समस्या नहीं है."
(10 भारतीय चीजें जिनसे दुनिया को है प्यार)
10 भारतीय चीजें जिनसे दुनिया को है प्यार
भारत दूसरी सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है. लोकतांत्रिक भारत तेज आर्थिक विकास की राह पर है. अर्थव्यवस्था में दिलचस्पी के अलावा उसे ताज महल, बॉलीवुड और योग के लिए जाना जाता है.
तस्वीर: picture-alliance/Zumapress
विविध संस्कृति
विदेशियों में भारत की विविध और रंगीन संस्कृति के बारे में जानने की काफी जिज्ञासा रहती है. यहां के नृत्य, पारंपरिक पोशाकें, गहने और त्योहार हमेशा उनका ध्यान खींचते हैं. भारतीय संस्कृति की लोकप्रियता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जर्मनी के कई शहरों में धूमधाम से रंगों का त्योहार होली मनाया जाता है.
तस्वीर: Robert Michael/AFP/GettyImages
आईटी
सूचना प्रौद्योगिकी या आईटी के क्षेत्र में सारी दुनिया में भारत के इंजीनियरों ने अपना लोहा मनवाया है. दुनिया के लगभग हर देश में भारतीय आईटी कंपनियां अपनी सेवाएं दे रही हैं. भारत के इंजीनियर पूरे विश्व में इतना फैल गए हैं कि विदेशों में हर भारतीय पेशेवर को पहले आईटी इंजीनियर ही समझ लिया जाता है.
तस्वीर: STR/AFP/Getty Images
ताज महल
शाहजहां द्वारा निर्मित मोहब्बत की यह नायाब निशानी आज भी विदेशियों के बीच सबसे लोकप्रिय भारतीय पर्यटन स्थल है. शायद विदेशों में रहने वाले कुछ ही भारतीय या प्रवासी भारतीय होंगे जिससे किसी विदेशी ने ताज महल का जिक्र ना किया हो.
तस्वीर: DW
रॉयल बंगाल टाइगर
ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि भारतीय बाघों की दहाड़ पूरे विश्व में गूंजती है. दुनिया भर से पर्यटक इस शाही जानवर की एक झलक पाने के लिए भारत जाते हैं. दुनिया भर के करीब 60 प्रतिशत जंगली बाघ भारत में पाए जाते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AP/J. Kundu
भव्य शादियां
भारत की शादियां अपनी भव्यता के कारण "द बिग फैट इंडियन वेडिंग" के नाम से मशहूर हैं. लंबे चौड़े रिवाजों और मेहमानों की भीड़ के कारण भारतीय शादियां हमेशा से पश्चिमी देशों में आकर्षण का केंद्र रही हैं. पश्चिमी देशों की शादियों में तड़क-भड़क कम होती है और उनमें कुछ खास रिश्तेदार व मित्र ही आमंत्रित होते हैं.
तस्वीर: DW/P.M.Tewari
मसालेदार जायके
सादा भोजन करने वाले विदेशियों को भारत के मसालेदार व्यंजन काफी पसंद आते हैं. आप विश्व के लगभग हर बड़े शहर में कोई ना कोई भारतीय रेस्तरां जरूर पाएंगे. भारतीय व्यंजनों की लोकप्रियता का अनुमान इससे भी लगा सकते हैं कि मात्र 3 लाख आबादी वाले जर्मनी के बॉन शहर में 7 दक्षिण एशियाई रेस्तरां हैं.
तस्वीर: Getty Images/S.Hussain
बॉलीवुड
कई देशों में आज बॉलीवुड भारत की पहचान बन चुका है. तड़क-भड़क और मनोरंजन से भरपूर बॉलीवुड संगीत एवं नृत्य की दीवानगी पश्चिमी देशों में लगातार बढ़ रही है. और शायद इसी वजह से शाहरुख खान, सलमान खान और आमिर खान की फिल्में विदेशों में भी करोड़ों का कारोबार करती हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/F. Coffrini
क्रिकेट फीवर
भारतवासियों की क्रिकेट के लिए दीवानगी जगजाहिर है. जर्मनी में फुटबॉल बहुत लोकप्रिय है और लोग क्रिकेट को समझ नहीं पाते हैं लेकिन उन्हें भी पता है कि भारत में लोग क्रिकेट को धर्म और खिलाड़ियों को भगवान मानते हैं.
तस्वीर: Reuters
योग
भारत की विश्व को एक महत्वपूर्ण देन है योग. विगत कुछ सालों में विदेशों में इस प्राचीन जीवन पद्धति की लोकप्रियता और भी बढ़ी हैं. 21 जून को पूरे विश्व ने अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. मेग रायन, मडोना और रिकी मार्टिन जैसी मशहूर हस्तियां नियमित योग करती हैं.
तस्वीर: Reuters/R. Khumar
चाय
दुनिया भर में भारतीय चाय चाव से पी जाती है. उसकी लोकप्रियता का हिसाब आप इससे लगा सकते हैं कि भारत विश्व के सबसे बड़े चाय निर्यातकों में से एक है. खासकर दार्जिलिंग चाय की गिनती दुनिया के सबसे लोकप्रिय चायों में होती है.