कांग्रेस सरकार ने मध्य प्रदेश में अपना चुनावी वादा पूरा करते हुए राज्य वित्त पोषित उद्योगों में 70 प्रतिशत नौकरियों को स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित कर दिया है.
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मध्य प्रदेश भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है और यहां हर साल करीब 270,000 युवा ग्रैजुएट होने के बाद काम ढ़ूंढने वालों की कतार में शामिल होते रहते हैं. इनमें से करीब 90 हजार के पास तकनीकी कौशल भी होता है. 2018 में एशियाई विकास बैंक, एडीबी ने भोपाल में देश का पहला मल्टी-स्किल पार्क खोलने के लिए 15 करोड़ डालर दिए हैं. जिसका मकसद राज्य में तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण प्रणाली की गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद देना है. राज्य में और कई प्रतिष्ठित संस्थान भी हैं जैसे आईआईएम, आईआईएफएम और इंजीनियरिंग संस्थान आईआईटी. लेकिन इन सबके बावजूद, मध्य प्रदेश में पिछले दो सालों में बेरोजगारी की समस्या सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ी है. मध्यप्रदेश में बेरोजगारी से जूझ रहे लोगों के एक वॉलंटियर संगठन, बेरोजगार सेना का कहना है कि पिछले दो वर्षों में बेरोजगारी में 53% की वृद्धि हुई है और बेरोजगारी से संबंधित आत्महत्याएं 2005 से 2015 के बीच करीब 20 गुना बढ़े हैं.
कुशल लोगों की कमी
हाल ही में चुनाव जीत कर राज्य में सरकार बनाने वाली कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि बेरोजगारी को कम करने के लिए वे कुछ बड़े कदम उठाएंगे. इसी चुनावी वादे को पूरा करते हुए कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार ने सभी राज्य वित्त पोषित उद्योगों के लिए 70 प्रतिशत नौकरियों में मध्य प्रदेश के स्थानीय लोगों को लेने का नया नियम बनाया है. पहले ये आंकड़ा 50 प्रतिशत का था.
नई औद्योगिक नीति के बारे में बताते हुए उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेम ने बताया, "अगर कोई मध्य प्रदेश में बड़ा या छोटा उद्योग शुरु करना चाहता है तो वह सरकार से मदद ले सकता है. हमने कहा है कि हम उनको प्रशिक्षित और कुशल स्थानीय युवा देंगे. इससे हम मध्य प्रदेश में उद्योग और रोजगार को बढ़ावा देंगे." प्रमुख सचिव ने डॉयचे वेले से बातचीत में कहा कि ये सिर्फ उन उद्योगों के लिए है जो सरकार से मदद लेते हैं.
उन्होंने माना कि प्रदेश में प्रशिक्षित और कुशल लोगों की भारी कमी है जो कि पास के दूसरे राज्यों से पूरी की जाती है. प्रदेश के कारोबारी भी मानते हैं कि अच्छे कुशल कामगर राज्य में कम ही हैं. भोपाल के रहने वाले श्याम वर्मा का भोपाल और सीहोर में निर्माण क्षेत्र का कारोबार है. उनकी कंपनी विजया एनर्जी इक्विपमेंट में पचास लोग काम करते हैं. वे बताते हैं, "हम अनस्किल्ड कामों के लिए तो स्थानीय लोगों को ही लेते हैं. मगर स्किल्ड कामों के लिए 70 प्रतिशत लोग बाहर से आते हैं. प्रदेश में स्किल्ड लोग बहुत कम मिलते हैं." सरकार ने इस चुनौती से निपटने के लिए सभी जिलों में प्रशिक्षण सत्र और रोजगार मेले लगाने की योजना शुरु की है. ये नई औद्योगिक नीति का हिस्सा होगी, जिसमें युवाओं को प्रशिक्षण के लिए रजिस्टर किया जाएगा और जब तक उनकी नौकरी नहीं लगती तब तक उन्हें स्टाइपेंड भी दिया जाएगा. सरकार ने हर तीन से छह महीने के प्रशिक्षण के लिए करीब 2.5 लाख लोगों को लेने का लक्ष्य रखा है.
युवाओं ने किया स्वागत
मध्य प्रदेश के युवा इस घोषणा से काफी खुश हैं. भोपाल में रहने वाली 28 साल की पारुल बनर्जी का कहना है, "कई साल से हमारे लोग पढ़ाई करने बाहर जा रहे हैं और वहीं बस जाते हैं. अगर उनके लिए यहां पर काम होगा तो वे बाहर नहीं जाएंगे." 29 साल के वासु चितवडगी का भी मानना है कि इस नीति से लोगों को बड़े शहर जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी और मध्य प्रदेश के रहने वालों के लिए भी रोजगार की संभावना बढ़ेगी.
मगर जानकारों का कहना है कि ये पहली बार नहीं है कि किसी प्रदेश ने ऐसी नीति बनाई है. गुजरात में भी सरकारी मदद लेने वाली कंपनियों और संस्थाओं में 85 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित है, जबकि महाराष्ट्र में 80 प्रतिशत नौकरियां ऐसे लोगों के लिए आरक्षित हैं जो राज्य में 15 साल से ज्यादा समय से रह रहे हों. मानव संसाधन कंपनी टीमलीज सर्विसेज की कार्यकारी उपाध्यक्ष रितुपर्णा चक्रवर्ती कहती हैं, "ऐसी कोई भी नीति बनाने से पहले सरकारों को स्किल गैप को देखना चाहिए और समझना चाहिए कि कौन सी स्किल की जरुरत है. ऐसी नीतियां तो लोगों को बांटती है और एक गणतंत्र के रूप में भारत के सिद्धांत के खिलाफ है."
कितने राज्यों में है बीजेपी और एनडीए की सरकार
केंद्र में 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद देश में भारतीय जनता पार्टी का दायरा लगातार बढ़ा है. डालते हैं एक नजर अभी कहां कहां बीजेपी और उसके सहयोगी सत्ता में हैं.
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उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में फरवरी-मार्च 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर ऐतिहासिक प्रदर्शन किया और 403 सदस्यों वाली विधानसभा में 325 सीटें जीतीं. इसके बाद फायरब्रांड हिंदू नेता योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री की गद्दी मिली.
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त्रिपुरा
2018 में त्रिपुरा में लेफ्ट का 25 साल पुराना किला ढहाते हुए बीजेपी गठबंधन को 43 सीटें मिली. वहीं कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्कसिस्ट) ने 16 सीटें जीतीं. 20 साल तक मुख्यमंत्री रहने के बाद मणिक सरकार की सत्ता से विदाई हुई और बिप्लव कुमार देब ने राज्य की कमान संभाली.
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मध्य प्रदेश
शिवराज सिंह चौहान को प्रशासन का लंबा अनुभव है. उन्हीं के हाथ में अभी मध्य प्रदेश की कमान है. इससे पहले वह 2005 से 2018 तक राज्य के मख्यमंत्री रहे. लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस सत्ता में आई. लेकिन दो साल के भीतर राजनीतिक दावपेंचों के दम पर शिवराज सिंह चौहान ने सत्ता में वापसी की.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
उत्तराखंड
उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में भी बीजेपी का झंडा लहर रहा है. 2017 के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए राज्य की सत्ता में पांच साल बाद वापसी की. त्रिवेंद्र रावत को बतौर मुख्यमंत्री राज्य की कमान मिली. लेकिन आपसी खींचतान के बीच उन्हें 09 मार्च 2021 को इस्तीफा देना पड़ा.
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बिहार
बिहार में नीतीश कुमार एनडीए सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. हालिया चुनाव में उन्होंने बीजेपी के साथ मिल कर चुनाव लड़ा. इससे पिछले चुनाव में वह आरजेडी के साथ थे. 2020 के चुनाव में आरजेडी 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी. लेकिन 74 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही बीजेपी ने नीतीश कुमार की जेडीयू के साथ मिलकर सरकार बनाई, जिसे 43 सीटें मिलीं.
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गोवा
गोवा में प्रमोद सावंत बीजेपी सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. उन्होंने मनोहर पर्रिकर (फोटो में) के निधन के बाद 2019 में यह पद संभाला. 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद पर्रिकर ने केंद्र में रक्षा मंत्री का पद छोड़ मुख्यमंत्री पद संभाला था.
पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में 2017 में पहली बार बीजेपी की सरकार बनी है जिसका नेतृत्व पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी एन बीरेन सिंह कर रहे हैं. वह राज्य के 12वें मुख्यमंत्री हैं. इस राज्य में भी कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सरकार नहीं बना पाई.
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हिमाचल प्रदेश
नवंबर 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज कर भारतीय जनता पार्टी सत्ता में वापसी की. हालांकि पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी घोषित किए गए प्रेम कुमार धूमल चुनाव हार गए. इसके बाद जयराम ठाकुर राज्य सरकार का नेतृत्व संभाला.
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कर्नाटक
2018 में हुए विधानसभा चुनावों में कर्नाटक में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी. 2018 में वो बहुमत साबित नहीं कर पाए. 2019 में कांग्रेस-जेडीएस के 15 विधायकों के इस्तीफे होने के कारण बीेजेपी बहुमत के आंकड़े तक पहुंच गई. येदियुरप्पा कर्नाटक के मुख्यमंत्री हैं.
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हरियाणा
बीजेपी के मनोहर लाल खट्टर हरियाणा में मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने 2014 के चुनावों में पार्टी को मिले स्पष्ट बहुमत के बाद सरकार बनाई थी. 2019 में बीजेपी को हरियाणा में बहुमत नहीं मिला लेकिन जेजेपी के साथ गठबंधन कर उन्होंने सरकार बनाई. संघ से जुड़े रहे खट्टर प्रधानमंत्री मोदी के करीबी समझे जाते हैं.
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गुजरात
गुजरात में 1998 से लगातार भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. प्रधानमंत्री पद संभालने से पहले नरेंद्र मोदी 12 साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे. फिलहाल राज्य सरकार की कमान बीजेपी के विजय रुपाणी के हाथों में है.
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असम
असम में बीजेपी के सर्बानंद सोनोवाल मुख्यमंत्री हैं. 2016 में हुए राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 86 सीटें जीतकर राज्य में एक दशक से चले आ रहे कांग्रेस के शासन का अंत किया. अब राज्य में फिर विधानसभा चुनाव की तैयारी हो रही है.
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अरुणाचल प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश में पेमा खांडू मुख्यमंत्री हैं जो दिसंबर 2016 में भाजपा में शामिल हुए. सियासी उठापटक के बीच पहले पेमा खांडू कांग्रेस छोड़ पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश में शामिल हुए और फिर बीजेपी में चले गए.
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नागालैंड
नागालैंड में फरवरी 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में एनडीए की कामयाबी के बाद नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के नेता नेफियू रियो ने मुख्यमंत्री पद संभाला. इससे पहले भी वह 2008 से 2014 तक और 2003 से 2008 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं.
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मेघालय
2018 में हुए राज्य विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनने के बावजूद सरकार बनाने से चूक गई. एनपीपी नेता कॉनराड संगमा ने बीजेपी और अन्य दलों के साथ मिल कर सरकार का गठन किया. कॉनराड संगमा पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा के बेटे हैं.
तस्वीर: IANS
सिक्किम
सिक्किम की विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी का एक भी विधायक नहीं है. लेकिन राज्य में सत्ताधारी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा है. इस तरह सिक्किम भी उन राज्यों की सूची में आ जाता है जहां बीजेपी और उसके सहयोगियों की सरकारें हैं.
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मिजोरम
मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट की सरकार है. वहां जोरामथंगा मुख्यमंत्री हैं. बीजेपी की वहां एक सीट है लेकिन वो जोरामथंगा की सरकार का समर्थन करती है.
तस्वीर: IANS
2019 की टक्कर
इस तरह भारत के कुल 28 राज्यों में से 16 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी या उसके सहयोगियों की सरकारें हैं. हाल के सालों में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे राज्य उसके हाथ से फिसले हैं. फिर भी राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता के आगे कोई नहीं टिकता.