क्या ट्रंप और पुतिन मिल कर रोक सकते हैं सीरिया युद्ध
३ मई २०१७
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच सीरिया युद्ध को रोकने के विषय पर 'काफी अच्छी' बातचीत हुई है. देखिए कैसे निकल सकता है युद्ध रोकने का रास्ता.
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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने रूसी समकक्ष पुतिन के साथ फोन पर सीरिया के विषय में बातचीत की. व्हाइट हाउस की मानें तो दोनों नेताओं के बीच काफी अच्छी वार्ता हुई. उन्होंने सीरिया में युद्ध रोकने के अलावा उत्तर कोरिया के साथ खतरनाक होती जा रही स्थिति से निपटने के बारे में भी बात की.
इस दौरान दोनों नेताओं ने पूरे मध्य पूर्व इलाके से आतंकवाद का खात्मा करने के बारे में भी मिल कर काम करने पर चर्चा की. व्हाइट हाउस की ओर से दी गयी जानकारी में कहा गया कि "राष्ट्रपति ट्रंप और राष्ट्रपति पुतिन इस बात पर सहमत हैं कि सीरिया में बहुत लंबे समय से हालात खराब बने हुए हैं और सभी पक्षों को साथ आकर हिंसा रोकने के लिए जो भी करना पड़े, करना चाहिए."
ट्रंप-पुतिन वार्ता में सीरिया में सुरक्षित जोन बनाये जाने, तनाव को घटाने जैसे कई कदम उठाने की जरूरत पर बात हुई, जिससे वहां लोगों के जीने लायक स्थिति बन सके. अमेरिका की ओर से एक प्रतिनिधि 3 और 4 मई को कजाखस्तान के अस्ताना में सीरिया पर होने वाली अगली संघर्षविराम वार्ता में हिस्सा लेगा.
पुतिन ने ट्रंप को इन मुद्दों पर आमने सामने बैठकर और विस्तार से बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया. दोनों नेता जुलाई में जर्मन शहर हैम्बर्ग में जी 20 सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचेंगे. इस दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात होगी. पद संभालने के बाद से ट्रंप और पुतिन कम से कम तीन बार बातचीत कर चुके हैं.
इसी साल फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल फ्लिन को पद से इस्तीफा देना पड़ा था. उन पर बीते साल उप राष्ट्रपति और व्हाइट हाउस के शीर्ष अधिकारियों को अंधेरे में रखकर रूस के राजदूत से बात करने के आरोप लगे. 29 दिसंबर को तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रूस पर अमेरिकी चुनावों में दखल देने का आरोप लगाया. उस दिन भी फ्लिन ने रूस के राजदूत सेर्गेई किसिलियाक से टेलीफोन पर बात की थी.
आरपी/ओएसजे (पीटीआई)
व्लादिमीर पुतिन के अलग अलग चेहरे
फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 2016 के सबसे ताकतवर इंसान हैं. उनके बाद दूसरे नंबर पर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप हैं. आइए, देखते पुतिन की शख्सियत के अलग-अलग पहलू.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
केजीबी से क्रेमलिन तक
पुतिन 1975 में सोवियत संघ की खुफिया एजेंसी केजीबी में शामिल हुए थे. 1980 के दशक में उन्हें जर्मनी के ड्रेसडेन में एजेंट के तौर पर नियुक्त किया गया. यह विदेश में उनकी पहली तैनाती थी. बर्लिन की दीवार गिरने के बाद वह वापस रूस चले गए. बाद में वे येल्त्सिन की सरकार में शामिल हो गए. बोरिस येल्त्सिन ने घोषणा की कि पुतिन उनके उत्तराधिकारी होंगे और उन्हें रूस का प्रधानमंत्री बनाया गया.
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पहली बार राष्ट्रपति
प्रधानमंत्री के तौर पर नियुक्ति के समय पुतिन आम लोगों के लिए एक अनजान चेहरा थे. लेकिन अगस्त 1999 में सब बदल गया जब चेचन्या के कुछ हथियारबंद लोगों ने रूस के दागेस्तान इलाके पर हमला किया. राष्ट्रपति येल्त्सिन ने पुतिन को काम सौंपा कि चेचन्या को वापस केंद्रीय सरकार के नियंत्रण में लाया जाए. नए साल की पूर्व संध्या पर येल्त्सिन ने अचानक इस्तीफे का ऐलान किया और पुतिन को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया.
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दमदार व्यक्तित्व
मीडिया में पुतिन की अकसर ऐसी तस्वीरें छपती रहती हैं जो उन्हें एक दमदार व्यक्तित्व का धनी दिखाती हैं. उनकी यह तस्वीर सोची में एक नुमाइशी हॉकी मैच की है जिसमें पुतिन की टीम 18-6 से जीती. राष्ट्रपति ने आठ गोल किए.
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बोलने पर बंदिशें
रूस में एक विपक्षी रैली में एक व्यक्ति ने मुंह पर पुतिन के नाम की टेप लगा रखी है. 2013 में क्रेमलिन ने घोषणा की कि सरकारी समाचार एजेंसी रियो नोवोस्ती को नए सिरे से व्यवस्थित किया जाएगा. उसका नेतृत्व एक क्रेमलिन समर्थक अधिकारी को सौंपा गया जो अपने पश्चिम विरोधी ख्यालों के लिए मशहूर था. रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर नाम की संस्था प्रेस आजादी के मामले में रूस को 178 देशों में 148वें पायदान पर रखती है.
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पुतिन की छवि
पुतिन को कदम उठाने वाले नेता के तौर पर जाना जाता है. केजीबी का पूर्व सदस्य होना भी इसमें मददगार होता है. इस छवि को बनाए रखने के लिए अकसर कई फोटो भी जारी होते हैं. इन तस्वीरों में कभी उन्हें बिना कमीज घोड़े पर बैठा दिखाया जाता है तो कभी जूडो में अपने प्रतिद्वंद्वी को पकटते हुए. रूस में पुतिन को देश में स्थिरता लाने का श्रेय दिया जाता है जबकि कई लोग उन पर निरंकुश होने का आरोप लगाते हैं.
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सवालों में लोकतंत्र
जब राष्ट्रपति पुतिन की यूनाइटेड रशिया पार्टी ने 2007 के चुनावों में भारी जीत दर्ज की तो आलोचकों ने धांधली के आरोप लगाए. प्रदर्शन हुए, दर्जनों लोगों को हिरासत में लिया गया और पुतिन पर लोकतंत्र को दबाने के आरोप लगे. इस पोस्टर में लिखा है, “आपका शुक्रिया, नहीं.”
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खतरों के खिलाड़ी
काले सागर में एक पनडुब्बी की खिड़की से झांकते हुए पुतिन. क्रीमिया के सेवास्तोपोल में ली गई यह तस्वीर यूक्रेन से अलग कर रूस में मिलाए गए इस हिस्से पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन का पूरी तरह नियंत्रण होने का भी प्रतीक है.