क्या नाला बन चुकी बड़खल झील में फिर से फूंकी जा सकती है जान?
२० मई २०१९
फरीदाबाद में बड़खल झील कभी राष्ट्रीय राजधानी (एनसीआर) के लोगों के लिए पर्यटन स्थल थी लेकिन अवैध खनन की वजह से पिछले 20 सालों से यह सूख कर बंजर हो चुकी है.
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सरकार के स्तर पर इस झील को दोबारा पुराने स्वरूप में लाने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने सहित कई उपायों पर विचार किया जाता रहा है लेकिन नष्ट हो चुके जलदाय स्तर, गिरते भूजल स्तर और जलागम क्षेत्र में खड़े हो चुके अवरोध इसमें प्रमुख समस्याएं हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले वर्षों के दौरान खत्म हो चुके वन क्षेत्र को फिर से वनीकरण के जरिए पिछले स्वरूप में लाने से बड़खल झील को पुनर्जीवित किया जा सकता है.
2001 में मैगसेसे पुरस्कार प्राप्त कर चुके राजेंद्र सिंह का मानना है कि प्राकृतिक तरीके से ही झील का कायाकल्प किया जा सकता है. देश में जल पुरुष के नाम से पहचाने जाने वाले सिंह ने कहा, "झील के लिए पानी का स्रोत जंगल है, जो कि खात्मे के कगार पर है. इसलिए जलागम क्षेत्र में वनीकरण की जरूरत है, जिससे जल का प्रवाह बना रहे."
बड़खल झील का निर्माण 1947 में स्वतंत्रता के तुरंत बाद किया गया था ताकि आसपास के खेतों को सिंचाई के लिए पानी मिल सके. 1972 में हरियाणा सरकार ने झील के बगल में एक रिजॉर्ट का निर्माण किया. इसके बाद 1970 से 1990 तक यह एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल रहा.
पर्यावरणविद चेतन अग्रवाल ने कहा कि बाद में एनसीआर में आवास निर्माण गतिविधियों में आई तेजी के बाद झील के आसपास बड़े पैमाने पर खनन किया जाने लगा. अवैध खनन और उत्खनन की गतिविधि बढ़ने से झील में पानी का बहाव ही बाधित नहीं हुआ, बल्कि जलदाय स्तर को भी काफी नुकसान पहुंचा.
इसके साथ ही शहरीकरण की वजह से इलाके में जंगलों की कटाई और जहां-तहां बोरबेल से पानी निकालने की वजह से स्थिति बद से बदतर हो गई और झील सूख गई. अग्रवाल ने कहा, "अवैध खनन और उत्खनन की वजह से जलदाय स्तर के साथ ही जल का प्रवाह प्रभावित हुआ. बड़खल झील के आसपास भूजल स्तर 150 से 200 फुट नीचे चला गया है. यही वजह है कि पानी जमीन में काफी तेजी से रिस जाता है. पेड़ों की कटाई और जंगलों का खत्म होना भी चिंता का एक कारण है."
जादुई लगती हैं ये झीलें
जादुई लगती हैं ये झीलें
तनाव से भरे दिन के बाद अगर किसी झील किनारे जा कर बैठा जाए, तो सारी थकान उतर जाती है. और अगर पानी इतना साफ हो कि उसमें आसमान भी दिखने लगे, तो क्या कहने..
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इक किल सेनोट, मेक्सिको
इस झील में डुबकी लगाने के लिए आपको 26 मीटर की चढ़ाई करनी होगी. यहां का पानी हरा दिखता है. पर्यटकों में यह जगह काफी लोकप्रिय है और लोग यहां आ कर डाइविंग करते हैं. माया सभ्यता में यह पानी का एक अहम स्रोत हुआ करता था.
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वालखेन झील, जर्मनी
आल्प पहाड़ों की गोद में बसी इस झील पर लोग खास तौर से सर्फिंग के लिए जाते हैं. यहां तेज हवा चलती है, जो सर्फिंग के लिए बेहतरीन है. साथ ही गर्मियों के मौसम में यहां का औसतन तापमान 19 डिग्री रहता है. ऐसे में लोग यहां आना काफी पसंद करते हैं.
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पैरेडाइस बीच, जांजीबार
रेत से भरे बीच और इतना साफ पानी कि उसमें मछलियां भी तैरती हुई नजर आएं. इस जगह का सिर्फ नाम की पैरेडाइस नहीं है, यहां अहसास भी जन्नत का होता है. कोई हैरानी की बात नहीं कि दुनिया भर से टूरिस्ट यहां आते हैं.
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हवासु फॉल, अमेरिका
यहां पहुंचने से पहले 16 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. ग्रैंड कैनियन नेशनल पार्क के बीच स्थित इस झरने तक पहुंचने के लिए मेहनत तो करनी पड़ती है लेकिन यहां पहुंच कर जो नजारा दिखता है, वो सारी थकान दूर कर देता है.
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काउमा झील, स्विट्जरलैंड
इसे आल्प पहाड़ियों का मोती भी कहा जाता है. इसके नीले पानी में लोग तैरना खूब पसंद करते हैं. दो किलोमीटर में फैली यह झील बहुत बड़ी तो नहीं है लेकिन यह इतने दूर दराज इलाके में स्थित है कि यहां कभी भी बहुत ज्यादा भीड़ नहीं होती.
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बोरा बोरा, पोलिनेशिया
यह छोटे छोटे द्वीपों का समूह है और यहां कई लग्जरी रिजॉर्ट बने हुए हैं. अकसर हनीमून के लिए लोग यहां आना पसंद करते हैं. पानी पर बने बंगले और पानी में चारों तरफ मूंगों का नजारा मन मोह लेता है.
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सकाडिंस्की बक, क्रोएशिया
इंसानों द्वारा बनाया गया कोई भी स्वीमिंग पूल इतना खूबसूरत नहीं हो सकता, जितना कुदरत की रचना. क्रोएशिया के ये झरने लोगों को स्वीमिंग करने का भरपूर मौका देते हैं. यह नजारा डाल्मेशिया कर्का नेशनल पार्क का है.
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मार्शल आइलैंड्स
प्रशांत महासागर में बसे ये द्वीप किसी पोस्टकार्ड जैसे लगते हैं. सफेद रेत, बिलकुल साफ पानी, रंग बिरंगी मछलियां - कुदरत का इससे अच्छा नजारा भला क्या हो सकता है. पानी में पैर डुबा कर बैठें, तो पैर भी साफ नजर आएंगे.
इस बर्फीली झील में अगर आप डुबकी लगा सकें, तो आपसे बहादुर कोई नहीं! दरअसल यह झील जून के महीने तक जमी रहती है. कनाडा के पथरीले पहाडों के बीच बने बैन्फ नेशनल पार्क में यह झील स्थित है.
तस्वीर: Imago/All Canada Photos
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बड़खल झील से 20 किलोमीटर दूर दमदमा झील है और उसकी भी हालत बड़खल झील की तरह ही हो गई है. अरावली पर्वत श्रंखला में स्थित बड़खल झील के आसपास के क्षेत्र में जंगलों की कटाई से वनस्पति और जीवों को काफी नुकसान पहुंचा है. असोला वन्यजीव अभयारण्य भी यहां से काफी नजदीक है, जहां उत्खनन की गतिविधियां चरम पर हैं. अग्रवाल का कहना कि अवैध खनन की वजह से पेड़ों की काफी कटाई हुई और बड़े पैमाने पर पक्षियों की आबादी कम हुई है.
इलाके के एक युवा असरफ खान ने कहा कि उसने बड़खल झील में कभी पानी नहीं देखा. उसने कहा, "मेरे माता-पिता बताते हैं कि पहले इसमें पानी था और गर्मी में लोग नौका विहार करते थे. लेकिन बारिश के मौसम को छोड़कर मैंने कभी झील को पानी से भरा नहीं देखा." हरियाणा सरकार के एक अधिकारी ने बताया, "दो दशक पहले तक बड़खल झील पानी से भरी रहती थी और पर्यटक गर्मियों में बड़ी तादाद में यहां आते थे. अब पर्यटक यहां नहीं के बराबर आते हैं."
हरियाणा सरकार संचालित 30 कमरों वाले रिजॉर्ट में 20 साल पहले फुल बुकिंग रहती थी लेकिन अब औसतन तीन-चार कमरे की ही बुकिंग हो पाती है. आईआईटी-रुड़की को पिछले साल बड़खल झील की जियो-टेक्निलक रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. अब उसने रिपोर्ट हरियाणा सरकार को सौंप दी है. सरकार सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाना चाहती है और इसके लिए निविदा की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. विशेषज्ञ हालांकि इस योजना से सहमत नहीं हैं. सिंह का कहना है कि सरकार की योजना पुनर्जीवित करने की जगह सिर्फ मरम्मत करने की है.
कैस्पियन सागर के नाम में भले ही सागर शब्द जुड़ा है लेकिन भौगोलिक नजरिए यह झील ही है जो चारों तरफ से कजाखस्तान, रूस, अजरबैजान, ईरान और तुर्कमेनिस्तान से घिरी है. इसका कुल क्षेत्रफल 371,000 वर्ग किलोमीटर है और अधिकतम गहराई 1,025 मीटर है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/A. Taherkenareh
सुपीरियर झील
82,100 वर्ग किलोमीटर में फैली यह झील कनाडा और अमेरिका के बीच पड़ती है. इसे दुनिया में ताजे पाने की सबसे बड़ी झील भी कहा जाता है. इसकी लंबाई 616 किलोमीटर है जबकि अधिकतम गहराई 406.3 मीटर तक है.
तस्वीर: AP
विक्टोरिया झील
यह अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे बड़ी झील है जो 68,870 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैली है. यह झील तीन देशों से घिरी है जिनमें युगांडा, कीनिया और तंजानिया शामिल हैं. ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया के नाम पर इसका नाम रखा गया है.
तस्वीर: DW/M. Magessa
हुरोन झील
दुनिया की चौथी सबसे बड़ी झील कनाडा और अमेरिका के बीच पड़ने वाली हुरोन है जो 59,600 वर्ग किलोमीटर में फैली है. इसी झील में मैनेटूलेन आइलैंड है जिसे झील में स्थित दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप कहा जाता है.
तस्वीर: Imago/All Canada Photos
मिशिगन
अमेरिका की मिशिगन झील किसी एक देश में स्थित दुनिया की सबसे बड़ी झील है. यह झील 58,000 वर्ग किलोमीटर में फैली है और 494 किलोमीटर की लंबाई के साथ इसकी गहराई 281 मीटर तक है.
तस्वीर: Mohammad Kheirkhah
तंगानिका झील
इस झील के किनारे चार अफ्रीकी देशों की सीमाओं से मिलते हैं जिनमें बुरुंडी, तंजानिया, जाम्बिया और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो शामिल हैं. यह झील 32,600 वर्ग किलोमीटर में फैली है और 1,470 मीटर तक गहरी है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/R. Schmidt
बाइकल झील
यह झील रूस में स्थित है और 31,500 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैली है. यह दुनिया की सबसे गहरी झील है, जिसकी अधिकतम गहराई 1,637 मीटर तक है. इसे दुनिया की सबसे साफ झीलों में भी गिना जाता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/V. Smirnov
ग्रेट बीयर लेक
दुनिया की आठवीं सबसे बड़ी झील ग्रेट बीयर लेक कनाडा में पड़ती है जिसका क्षेत्रफल 31,000 वर्ग किलोमीटर है. यह कनाडा की सबसे बड़ी झील है, जिसकी अधिकतम गहराई 446 मीटर है.
29,500 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैली मलावी झील अफ्रीकी देश मलावी, मोजाम्बिक और तंजानिया से घिरी है. इसकी अधिकतम गहराई 706 मीटर तक है और यह लगभग 580 किलोमीटर लंबी है.
तस्वीर: DW
ग्रेट स्लेव लेक
कनाडा में स्थित ग्रेट स्लेव लेक उत्तरी अमेरिकी महाद्वीप की सबसे गहरी झील है जिसकी अधिकतम गहराई 614 मीटर तक है. जहां तक बात क्षेत्रफल की है तो यह 27,000 वर्ग किलोमीटर में फैली है.
तस्वीर: Imago/Loop Images
भारत की झीलें
भारत में भी झीलें तो बहुत हैं. लेकिन आकार के लिहाज से वे दुनिया की टॉप50 में भी नहीं आतीं. भारत की सबसे बड़ी झील चिल्का है जो 1,100 वर्ग किलोमीटर में फैली है. अन्य प्रसिद्ध झीलों में वुलर, डल और पुष्कर के नाम शामिल हैं.