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क्या ब्लैकलिस्ट से बचने के लिए पाकिस्तान ने उठाया ऐसा कदम

११ दिसम्बर २०१९

अगले साल की शुरुआत में एफएटीएफ पाकिस्तान को आतंकी वित्तपोषण रोकने में असफल होने की वजह से ब्लैकलिस्ट कर सकता है. लेकिन इससे पहले पाकिस्तान की एक अदालत ने हाफिज सईद को आतंक फैलाने के लिए पैसों के लेन-देन में दोषी ठहराया.

Milli Muslim League Pakistan
तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Ali

पाकिस्तान में एक आतंक विरोधी कोर्ट ने हाफिज सईद को आतंक फैलाने के लिए पैसों के लेन-देन के मामले में दोषी ठहराया है. यह जानकारी सरकारी अभियोजक और बचाव पक्ष के वकील ने दी. हाफिज सईद भारत के मुंबई में 2008 में हुए हमलों का कथित मास्टरमाइंड भी है. बचाव पक्ष के वकील इमरान गिल ने कहा कि उनके मुवक्किल ने अपनी दलील में खुद को निर्दोष बताया है.

अभियोजक अब्दुर रऊफ वट्टो ने कहा कि जब आरोप को पढ़ा जा रहा था, उस समय 70 वर्षीय सईद भी कोर्ट में मौजूद था. वट्टो ने कहा, "उसके ऊपर प्रतिबंधित संगठनों जमात-उद-दावा (जेयूडी) और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के लिए पैसे इकट्ठा करने का आरोप लगा है."

हाफिज सईद ने लश्कर-ए-तैयबा नामके संगठन की स्थापना की थी जिसे एक आतंकवादी संगठन माना गया है. वर्ष 2008 में मुंबई में हुए हमले के लिए भारत और अमेरिका दोनों इस संगठन को दोषी ठहरा चुके हैं. इस हमले में 160 लोगों की जान चली गई थी. मरने वालों में अमेरिकी नागरिक सहित कई अन्य विदेशी शामिल थे. अमेरिका ने एलईटी और जेयूडी दोनों को आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया है.

यह इस्लामिक समूह पाकिस्तान के अंदर सार्वजनिक रूप से सशस्त्र उग्रवाद से इनकार करता है लेकिन कहता है कि वह भारत प्रशासित कश्मीर में विद्रोहियों का समर्थन करता है. इस समूह ने विवादित कश्मीर क्षेत्र को पाकिस्तान में मिलाने का आह्वान किया है. कश्मीर के विवादित क्षेत्र पर पूरी तरह कब्जे के लिए दोनों पड़ोसी परमाणु संपन्न देश वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं. पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी पुलिस ने प्रधानमंत्री इमरान खान की अमेरिका यात्रा से कुछ दिन पहले जुलाई महीने में हाफिज सईद को गिरफ्तार किया था.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

अगले साल की शुरुआत में विश्व की वित्तीय निगरानी संस्था, फायनांशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) यह फैसला करेगा कि आतंकी वित्तपोषण को रोकने में असफल होने की वजह पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करना है या नहीं. एफएटीएफ की कार्रवाई से पहले पाकिस्तान की अदालत ने हाफिज सईद को लेकर यह बड़ा फैसला लिया है.

एफएटीएफ द्वारा पाकिस्तान को उनकी तथाकथित 'ग्रे-लिस्ट' में डाला गया है. इसके बाद पाकिस्तान के ऊपर आतंकी समूहों के वित्त पोषण को रोकने का दबाव बढ़ गया गया है. यदि एफएटीएफ पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में डाल देता है तो इसका नतीजा ये होगा कि उसके ऊपर कठिन वित्तीय और बैंकिंग प्रतिबंध लग जाएंगे. पहले से ही खराब आर्थिक हालात से जूझ रहे पाकिस्तान की स्थिति इससे और बदतर हो जाएगी.

पिछले एक दशक में कई बार गिरफ्तार और रिहा होने वाले सईद को दोषी ठहराने वाली सूचनाओं के लिए अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम देने की पेशकश की है. अमेरिका लंबे समय से हाफिज सईद पर कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान के ऊपर दबाव बना रहा था. वहीं सईद खुलेआम रैलिओं को संबोधित कर रहा था और मस्जिदों के माध्यम से लोगों को संदेश दे रहा था. इसके अलावा उसकी चैरिटी ने एक शीर्ष राजनीतिक पार्टी को पैसे भी दिए थे.

हाफिज सईद मुंबई हमले में अपनी संलिपत्ता से इनकार करता रहा है. सईद का कहना है कि उसके नेटवर्क में 300 मदरसे, स्कूल और अस्पताल हैं. साथ ही एंबुलेंस सेवा और पब्लिशिंग हाउस है. उसका आतंकी संगठनों से कोई वास्ता नहीं है. वहीं भारत का कहना है कि पाकिस्तानी सेना आतंकवाद फैलाने वाले इस्लामी संगठनों का पोषण और समर्थन करती है. पाकिस्तानी सेना भारत के आरोपों को पूरी तरह खारिज करती है.

आरआर/आरपी (रॉयटर्स)

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