महिलाओं की सुरक्षा को ले कर जो हाल भारत का है, कुछ वैसा ही आस पड़ोस के देशों का भी है. आंकड़े बताते हैं कि बांग्लादेश में बलात्कार के मामलों में महज तीन फीसदी लोगों को ही सजा होती है.
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बांग्लादेश में पिछले दिनों महिलाओं और बच्चों के शोषण के मामलों में वृद्धि हुई है. बांग्लादेश महिला परिषद (बीएमपी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 2019 के शुरुआती छह महीनों में ही 731 महिलाओं और बच्चों के बलात्कार के मामले सामने आ चुके हैं. 2018 में पूरे साल में यह संख्या 942 थी. बीएमपी ने यह रिपोर्ट 14 राष्ट्रीय अखबारों में छपी बलात्कार की खबरों के आधार पर तैयार की है. लेकिन जानकारों का कहना है कि असली संख्या इससे काफी ज्यादा हो सकती है क्योंकि हर मामले की शिकायत नहीं की जाती है.
वहीं बांग्लादेशी शिशु अधिकार फोरम (बीएसएफ) के अनुसार 2019 के पहले छह महीनों में कम से कम 496 बच्चों के साथ दुष्कर्म हुआ. इनमें 23 मामले ऐसे हैं जहां रेप के बाद बच्ची की जान ले ली गई और 53 मामले बच्चियों के साथ गैंग रेप के हैं. इसी तरह एक अन्य मानवाधिकार संगठन मानुशेर जोन्नो फाउंडेशन की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार 2018 में 433 बच्चों के साथ बलात्कार हुआ था और इनमें से अधिकतर 7 से 12 की उम्र के थे.
स्कूलों में भी नहीं सुरक्षित
इन रिपोर्टों के अनुसार बांग्लादेश में बच्चे स्कूलों में भी सुरक्षित नहीं हैं. हाल ही में एक स्कूल के हेड मास्टर को दो बच्चियों के साथ बलात्कार करने और छह बच्चियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले एक मदरसे के मौलवी को बलात्कार के आरोप में हिरासत में लिया गया था. एक अन्य मामले में दो हाई स्कूल टीचरों पर 20 छात्रों के बलात्कार के आरोप लगे हैं.
बीआइएसएफ के अध्यक्ष अब्दुस शाहिद ने समाचार एजेंसी एएफपी से बातचीत में कहा, "हाल के सालों में हमने मदरसों में बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न के और खास कर लड़कों के साथ बलात्कार के मामलों में काफी वृद्धि देखी है." वहीं ढाका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जुया रहमान का कहना है कि माता पिता में जागरूकता की कमी इसकी बड़ी वजह है. डॉयचे वेले से बातचीत में उन्होंने कहा, "हम देख रहे हैं कि माता पिता दोनों ही बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित किए बगैर काम पर जा रहे हैं. हमें बच्चों की सुरक्षा के लिए आधुनिक डे केयर खोलने की जरूरत है."
परंपरा और आधुनिकता के बीच
ऑनलाइन एक्टिविस्ट मकसूदा अख्तर का कहना है कि बलात्कार के मामलों में बढ़ोतरी बांग्लादेश के "बेहद निराश समाज" को दर्शाती हैं. उनके अनुसार साक्षरता की कमी और बेरोजगारी इस निराशा की बड़ी वजहें हैं. वहीं प्रोफेसर रहमान का कहना है कि बांग्लादेश का समाज इस वक्त एक बदलाव से गुजर रहा है जहां पारंपरिक और आधुनिक के मिलन से लोगों में असमंजस का माहौल है. उनका कहना है, "हम इंटरनेट और सोशल मीडिया के जरिए पश्चिमी मूल्यों को स्वीकार रहे हैं. लेकिन पारंपरिक सोच इस मॉडर्न जीवन को ठीक से पचा नहीं पा रही है. इससे असमंजस पैदा होता है और कहीं ना कहीं बलात्कार के बढ़ते मामलों में इसकी भूमिका है."
देखिए लड़कियां क्या क्या झेल रही हैं
देखिए लड़कियां क्या क्या झेल रही हैं
बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था 'सेव द चिल्ड्रन' के कुछ आंकड़े आपको हैरान कर सकते हैं. देखिए लड़कियों को क्या क्या झेलना पड़ रहा है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/J. Rezayee
जबरदस्ती सेक्स
दुनिया भर में 15 से 19 साल की ऐसी लगभग डेढ़ करोड़ लड़कियां हैं, जिन्हें सेक्स के लिए मजबूर किया गया.
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एचआईवी
हर हफ्ते 15 से 24 साल की उम्र की लगभग सात हजार लड़कियां एचआईवी से संक्रमित हो रही हैं.
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महिला खतना
दुनिया भर में 20 करोड़ ऐसी लड़कियां और महिलाएं हैं जिनका खतना यानी एफजीएम किया गया है.
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बेघर बेटियां
अलग अलग युद्धों और संघर्षों के कारण बेघर होने वाली लड़कियों की संख्या तीस लाख से भी ज्यादा है.
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स्कूल में नहीं
शांतिपूर्ण देशों की तुलना में युद्धग्रस्त इलाकों में लड़कियों का स्कूल छूटने की संभावना दोगुनी होती है.
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अंधकारमय भविष्य
आंकड़े बताते हैं कि 6.2 करोड़ लड़कियां ऐसी हैं जिनकी पढ़ने लिखने की उम्र है लेकिन वे स्कूल नहीं जा पा रही हैं.
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कम उम्र में शादी
हर साल 1.2 करोड़ लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले ही कर दी जाती है. पांच में से एक 18 साल से पहले ही मां भी बन जाती है.
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खतरनाक ट्रेंड
ट्रेंड को देखें तो 2030 में ही एक करोड़ नाबालिग लड़कियों की शादी होगी, जिनमें 20 लाख की उम्र 15 साल से कम होगी.
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शिक्षा से होगा सुधार
कार्यकर्ता कहते हैं कि लड़कियों को स्कूली शिक्षा पूरी करने दी जाए तो 2030 तक पांच करोड़ बाल विवाह रोके जा सकते हैं.
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मुसीबतें ही मुसीबतें
छोटी उम्र में शादी होने से लड़कियां शिक्षा और बेहतर जीवन के अवसरों से वंचित हो जाती हैं. शोषण, बीमारियां और गरीबी उन्हें घेर लेती है.
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आलोचकों का यह भी कहना है कि लोगों में कानून का डर ना होना इस माहौल को बढ़ावा दे रहा है. ढाका स्थिति वकील अलेना खान कहती हैं, "बांग्लादेश में ठोस कानून हैं लेकिन उन पर अमल नहीं किया जाता. महज चार फीसदी मामलों में ही न्याय मिल पाता है. लोग जानते हैं कि सजा नहीं होगी. यही वजह है कि दिन पर दिन बलात्कार के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं."
सरकारी आंकड़े दिखाते हैं कि 2014 से 2017 के बीच पुलिस द्वारा दर्ज किए गए बलात्कार के 17,289 मामलों में से सिर्फ 673 में ही दोष साबित किया जा सका. बीएमपी के आंकड़ों के अनुसार बलात्कार के सिर्फ तीन फीसदी मामलों में ही दोषी को सजा सुनाई जाती है. बीएमपी की अलेना खान कहती हैं, "पीड़ित के लिए न्याय की पूरी प्रक्रिया ही बेहद जटिल है. गुनहगार कभी अपने पैसे के दम पर तो कभी जोर जबरदस्ती कर पीड़ित पर हावी हो जाता है. यहां तक कि बहुत मामलों में तो पीड़ित की दोषी के साथ शादी ही करा दी जाती है."
अपनी परेशानी को बच्चे हमेशा शब्दों में जाहिर नहीं कर पाते. अगर आपको अपने बच्चे में कुछ बदलाव दिख रहे हैं, तो उससे बात करें. यह सुनिश्चित करें कि वह यौन उत्पीड़न का शिकार तो नहीं हो रहा है.
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चुपचाप रहना
अगर आपका बच्चा अचानक ही चुपचाप रहने लगा है, तो इसे बच्चे का नखरा समझ कर अनदेखा मत कीजिए. शायद वह आपसे कुछ कहना चाहता है लेकिन कह नहीं पा रहा है. बच्चे से बात कीजिए.
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नींद ना आना
अगर किसी वजह से बच्चा कई कई रात सो नहीं पा रहा है या फिर बुरे सपनों की शिकायत कर रहा है, नींद से रोता हुआ जग रहा है, तो उससे उसके डर की वजह पूछिए.
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गुस्सा करना
हर उम्र में बच्चे अलग अलग तरह का बर्ताव सीखते हैं. कभी वे अचानक ही जिद्दी हो जाते हैं, कभी लड़ाके लेकिन अगर यह गुस्सा आम बर्ताव से बिलकुल ही अलग है, तो इसकी वजह समझने की कोशिश करें.
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अकेले रहना
अगर बच्चे के साथ कुछ ऐसा हुआ है, जिससे वह डर गया है, तो वह सबसे कट कर रहने लगता है क्योंकि उसे खुद से घृणा आती है. ऐसे में बच्चे को अकेला ना छोड़ें.
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किसी विशेष व्यक्ति या जगह से डर
अगर बच्चा स्कूल जाने से कतरा रहा है, परिवार के किसी मित्र या रिश्तेदार के पास जाने से मना कर रहा है, तो उससे प्यार से इसकी वजह पूछें. हो सकता है कि बच्चे के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा हो.
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खाना ना खाना
खाना खाने में लगभग सभी बच्चे नखरे करते हैं लेकिन भूख ना लगने की वजह या तो बीमारी हो सकती है या फिर मानसिक तनाव. छोटे बच्चों को तनाव से निकालना बेहद जरूरी है.
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बिस्तर गीला करना
रात में सोते समय अगर बच्चा बिस्तर गीला कर रहा है, तो उसे डांट फटकार कर और बुरे महसूस ना कराएं. बतौर माता पिता उसकी तह तक पहुंचने की कोशिश करें.
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सेक्स से जुड़े नये शब्द
टीवी और स्कूल के जरिये बच्चे नये शब्द सीखते हैं लेकिन अगर यह शब्दावली अश्लील शब्दों की ओर जा रही है, तो हो सकता है कि कोई बच्चे को ऐसा सिखा रहा हो और उसका फायदा उठाना चाह रहा हो.
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पेशाब के दौरान दर्द
अगर बच्चा पेशाब के दौरान दर्द की शिकायत करता है तो फौरन उसे डॉक्टर के पास ले जाएं और सुनिश्चित करें कि उसके साथ यौन दुर्व्यवहार तो नहीं हुआ है. डॉक्टर से कोई भी बात ना छिपाएं.
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जननांगों के इर्दगिर्द चोट
अपने बच्चे को जननांगों के बारे में जानकारी दें. बच्चे को नहलाते वक्त ध्यान दें कि गुप्तांगों के इर्दगिर्द कहीं किसी तरह की कोई चोट तो नहीं है. और सबसे बढ़ कर बच्चे से प्यार से बात कर जानकारी हासिल करें.