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क्या स्थिरता फंड से टलेगी मुसीबत?

९ अक्टूबर २०१२

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल आज वित्तीय संक्ट में फंसे ग्रीस के दौरे पर जा रही है. एक दिन पहले यूरोपीय स्थिरता फंड ईएसएम यूरो संकट के लिए समाधान के तौर पर स्थापित किया गया है.

तस्वीर: Reuters

इस वक्त ईएफएसएफ के प्रमुख क्लाउस रेगलिंग ईएसएम के भी प्रमुख होंगे. वे कहते हैं, "हमने सब कुछ इस तरह तैयार किया है जिससे कि यूरोपीय स्थिरता फंड ईएसएम पहले ही दिन से एक स्थायी फंड के रूप में काम करे. एक संस्थान से दूसरे की ओर हम बिना किसी परेशानी के जा सकेंगे." लक्सेम्बर्ग में ईएफएसएफ के करीब 100 कर्मचारी दिवालिया बैंकों और यूरोपीय देशों के लिए पैसों का बंदोबस्त करेंगे.

500 अरब यूरो का उधार

यूरो क्षेत्र के 17 सदस्य देश नए फंड में 80 अरब यूरो की राशि दे रहे हैं. बाकी 620 अरब यूरो की पूंजी बॉन्ड और गारंटी के जरिए जमा की जा रही है. इस सुरक्षा के जरिए ईएसएम विश्व बाजार में अपने उधारों को बेच सकेगा. इससे कमाए गए पैसों को फिर दिवालिया देशों की अर्थव्यवस्था में डाला जाएगा. रेगलिंग कहते हैं, "हम ईएसएम को पूरी दुनिया के बाजारों में निवेशकों को बेच रहे हैं. सारे निवेशकों तक जानकारी पहुंचाई जाएगी कि ईएसएम बाजार में एक नए साझेदार के तौर पर आ रहा है." निवेशक ईएसएम का उधार खरीदेंगे और इसी से फंड का काम चलेगा.

फंड की कुल 700 अरब यूरो की राशि से केवल 500 अरब यूरो को ही उधार के तौर पर दिया जा सकेगा. बाकी 200 अरब यूरो सुरक्षा के तौर पर बचाकर रखे जाएंगे ताकि निवेशकों को यह विश्वास दिलाया जा सके कि मुश्किल स्थिति में भी ईएसएम अपने उधार चुका सकेगा. यूरो क्षेत्र में सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने की हैसियत से जर्मन पूरी राशि का 27 प्रतिशत हिस्सा दे रहा है. इसके बाद फ्रांस और इटली सबसे ज्यादा पैसे ईएसएम को बनाने में लगा रहे हैं.

ग्रीक प्रधानमंत्री और मैर्केलतस्वीर: dapd

जर्मन अनुमति से और पैसे

सैद्धांतिक तौर पर जर्मन वित्त मंत्री वोल्फगांग शौएब्ले के लिए वित्तीय खतरा 700 अरब यूरो का करीब 27 प्रतिशत यानी करीब 190 अरब यूरो है. जर्मन संसद ने इस बात की मंजूरी दे दी है. कार्ल्सरूहे में जर्मन संवैधानिक अदालत ने तय किया है कि जर्मनी की जनता इस सीमा तक फंड की जिम्मेदारी ले सकती है. शौएब्ले ईएसएम की समिति में जर्मन प्रतिनिधि के तौर पर रहेंगे. 16 और देशों के वित्त मंत्रियों सहित शौएब्ले तय करेंगे कि किन देशों को उधार दिया जा सकता है और इस उधार की क्या शर्तें होंगी. हालांकि इससे पहले शौएब्ले को जर्मन संसद से अनुमति लेनी होगी.

डॉयचे वेले से बातचीत में शौएब्ले ने बताया कि ईएसएम की गारंटी लेना जर्मन संविधान के खिलाफ नहीं है और यह अच्छी बात है कि जर्मनी की संवैधानिक अदालत ने इस बात की पूरी जांच कर ली है क्योंकि अब आम लोग भी इस पर विश्वास कर रहे हैं. सितंबर में साइप्रस में एक बैठक के दौरान यूरो क्षेत्र के विदेश मंत्रियों ने तय किया था कि ईएसएम अपने जरूरी फैसले सारे सदस्यों की मंजूरी के बाद ही ले सकता है और कभी भी किसी एक देश की मर्जी के खिलाफ नहीं जा सकता.

पहला नंबर स्पेन का

यूरोपीय स्थिरता फंड ईएसएम का पहला ग्राहक स्पेन हो सकता है. मैड्रिड में सरकार ने कहा है कि वह 40 अरब यूरो की राशि चाहता है ताकि उसके अपने दिवालिया बैंकों को दोबारा खड़ा किया जा सके. पुरानी प्रणाली ईएफएसएफ के मुकाबले ईएसएम बैंकों को सीधे मदद दे सकता है. इसका मतलब है कि इन बैंकों को जो राशि दी जाएगी, यह राशि उस देश की सरकार के उधार के खाते में नहीं जाएगी. ईएसएम के पास बैंकों के लिए खास लाइसेंस भी है यानि वह पूंजी बाजार में भी पैसे उधार दे सकता है.

नया फंड सीधे सरकारों से भी उनका कर्ज खरीद सकता है. अब तक यह केवल बैंकों और निवेशकों के जरिए मुमकिन था. मिसाल के तौर पर उन बैंकों से जिनके पास सरकारी बॉन्ड थे और जो इनसे पीछा छुड़ाना चाहते थे. साइप्रस ने भी मदद मांगी है लेकिन अब तक मदद की राशि और शर्तों पर फैसला नहीं हुआ है.

स्पेन में भी बचत विरोधी प्रदर्शनतस्वीर: dapd

ईएसएम एक बड़ा "बैड बैंक" है

वित्तीय शोध संस्थान आईएफओ म्यूनिख के प्रमुख हांस वैर्नर सिन ने पहले ही यूरोपीय स्थिरता फंड से ज्यादा उम्मीद न रखने की चेतावनी दी है. उनका कहना है कि नया फंड यूरो के उधार संकट के लिए समाधान नहीं है, यह बस संकट को टालने वाली बात है. ईएसएम निवेशकों के लिए अच्छा है जो बेकार हो चुके सरकारी बॉन्ड और बड़े खतरों से पीछा छुड़ाना चाहते हैं, "जिनके पास अभी कागज हैं, वह अब इनसे पीछे हटना चाहते हैं और इसलिए वह लक्जमबर्ग में एक बड़ा बैड बैंक बना रहे हैं जिसका नाम ईएसएम है. वे बैंकों का यूनियन चाहते हैं और यूरोप में उधारों को इकट्ठा करना चाहते हैं, ताकि मजबूत देश भी उन उधारों के लिए जिम्मेदार बन सकें जिन्हें कमजोर देश चुका नहीं सकते."

लेकिन पुराने वित्तीय फंड ईएफएसएफ और नए ईएसएम के प्रमुख क्लाउस रेगलिंग का रवैया सकारात्मक है, "सारी तैयारियों को देखते हुए, ईएसएम की बनावट और उसकी पूंजी को देखते हुए मुझे विश्वास है कि ईएसएम बाजार में उतना ही सफल हो सकता है जितना कि ईएफएसएफ अब तक था."

2010 में स्थापित किए जाने के बाद ईएफएसएफ को अब तक कोई घाटा नहीं हुआ है और वित्तीय बाजारों में उसने 60 अरब यूरो के मूल्य के बॉन्ड बेचे हैं. उसकी रेटिंग ट्रिपल ए है. हालांकि रेटिंग एजेंसी मूडीज का कहना है कि इस तरह के राहत फंड इसमें हिस्सा लेने वाले देशों जितना ही सफल हो सकते हैं. और जहां तक सदस्य देशों का सवाल है, ईएफएसएफ में शामिल देशों की रेटिंग कम हो रही है. 2010 में रेगलिंग ने कहा था कि केवल ईएफएसएफ की स्थापना ही वित्तीय बाजारों को शांत कर देगी और इसमें जमा पूंजी का इस्तेमाल करने की जरूरत भी नहीं होगी. दो साल बाद पता चल गया है कि हालत कितनी खराब है और रेगलिंग का बयान गलत था. इस बीच ग्रीस, आयरलैंड और पुर्तगाल सहायता राशि पर निर्भर हैं. साइप्रस और स्पेन मदद मांगने पहुंच चुके हैं.

रिपोर्टः बेर्न्ड रीगर्ट/एमजी

संपादनः महेश झा

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