1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

क्यूबा को ओएएस में शामिल होने की अनुमति

४ जून २००९

अमेरिकी देशों के संगठन ओएएस ने क्यूबा को वापस लेने का फैसला कर दिया है. 1962 में वामपंथी मूल्यों और सोवियत संघ से नज़दीकी संबंधों को लेकर क्यूबा को संगठन से बाहर कर दिया गया था.

47 साल बाद सदस्य बनने की अनुमतितस्वीर: AP

अमेरिकी देशों के संगठन ओएएस ने 47 साल के अंतराल के बाद क्यूबा को सदस्य बनाने की मंज़ूरी दे दी है. इस प्रतिबंध के हटा दिए जाने से क्यूबा इंटर अमेरिकन डेवेलपमेंट बैंक यानी अंतर अमेरिकी विकास बैंक से कर्ज़ ले सकेगा.

मानवाधिकारों की स्थिति सुधारे क्यूबातस्वीर: AP

1962 में फिदेल कास्त्रो के वामपंथी सरकार और क्यूबा के सोवियत संघ के साथ संबंधों की वजह से उसे संगठन से बाहर निकाल दिया गया था. लेकिन अब तक पता नही चल पाया है कि क्यूबा इस संगठन में शामिल होना चाहेगा या नहीं.

अमेरिका ने भी ओएएस सम्मेलन में हुए वोट में क्यूबा की सदस्यता को मंज़ूरी दे दी थी. सम्मेलन के इस प्रस्ताव के लिए 1962 के एक वामपंथी विरोधी क़ानून को हटाया गया है. इक्वाडोर के विदेश मंत्री फान्देर फालकोनी ने कहा कि क्यूबा के सामने संगठन में शामिल करने के लिए किसी तरह की भी शर्तें नहीं रखी गई हैं. अमेरिका ने कहा है कि प्रस्ताव के मुताबिक़ क्यूबा तभी शामिल हो सकेगा जब वह ओएएस के लोकतांत्रिक मूल्यों पर अमल करे.

अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने इस सिलसिले में कहा कि "क्यूबा बस यूं ही संगठन में शामिल नहीं हो सकता और क्यूबा की सदस्यता के लिए एक रास्ता बना दिया गया है, लेकिन उसमें शामिल होने क्यूबा पर ही निर्भर करता है. अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा क्यूबा से संबंधों को बेहतर तो बनाना चाहते हैं लेकिन उन्होंने कहा है कि क्यूबा में लाकतंत्र और मानवाधिकारों की स्थिति के बेहतर होने से पहले वह कोई प्रतिबंध नहीं हटाने वाले हैं.

इस प्रस्ताव को ओएएस की सभा में पारित करने के लिए अमेरिका ने क्यूबा के शामिल होने पर कई शर्तें लगाईं लेकिन शीत युद्ध के दौरान वामपंथी देशों के खिलाफ लगाई गई पाबंदी को अन्य दक्षिण अमेरिकी देशों की उपस्थिति में ख़ारिज करना पड़ा.

ह्यूगो चावेज़ ने क्यूबा को मंज़ूरी को ऐतिहासिक बतायातस्वीर: AP

होन्दूरास के विदेश मंत्री पेट्रीशिया रोडास ने कहा कि क्यूबा की सदस्यता तब पक्की होगी जब वह औपचारिक तरीके से आवेदन करेगा. क्यूबा ने अब तक संगठन में शामिल होने की तरफ कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है.

क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो ने ओएएस वोट से पहले देश के एक अख़बार में लिखा था कि लातिन अमेरिकी देशों और क्यूबा के खिलाफ अपराधों में ओएएस अमेरिका का साथ दे रहा है और दक्षिण अमेरिका के सारे देश किसी न किसी वक़्त वॉशिंगटन के आर्थिक और राजनीतिक हमले का निशाना बने हैं.

वेनेज़ुएला के प्रधानमंत्री हूगो चावेज़ ने इस बीच ओएएस के प्रस्ताव को ऐतिहासिक बताया है लेकिन उनका भी मानना है कि ओएएस पर वॉशिंगटन का प्रभाव बहुत ज़्यादा है और लातिन अमेरिकी और कैरिबियाई देशों के लिए नए संगठन की ज़रूरत है.

रिपोर्ट - एजेंसियां, एम गोपालकृष्णन

संपादन - एस गौड़

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें