भविष्य में क्या होगा, इस बात को जानने की जिज्ञासा हम सब के अंदर होती है. कुछ भविष्यवाणियां सही साबित होती हैं, तो कुछ गलत निकलती हैं, आखिर क्यों?
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मौसम के पूर्वानुमान से लेकर चुनावी मुकाबलों तक, अकसर हमारा वास्ता कई तरह की भविष्यवाणियों से पड़ता है. अहम फुटबॉल मुकाबलों से पहले ऑक्टोपस, हाथी और उदबिलाव जैसे जानवरों की भविष्यवाणियों की खबरें भी आपने सुनी होंगी. भारत में तो सड़कों पर भी भविष्य बताने वाले मिल जाते हैं.
भविष्य के गर्भ में क्या छिपा है, इसका सही सही अंदाजा लगाना तो मुश्किल है. लेकिन कुछ नियमों और विश्लेषणों के आधार भविष्य को लेकर कुछ अनुमान तो लगाए ही जा सकते हैं. फ्रांसीसी खगोलशास्त्री अलेक्सिस बुवार्ड के समय में वरुण ग्रह अदृश्य था, लेकिन उन्होंने 1821 में अंदाजा लगा लिया कि युरेनस यानी अरुण ग्रह के निकट एक और ग्रह होना चाहिए. 25 साल बाद वरुण की खोज के साथ बुवार्ड का अंदाजा सही साबित हुआ.
इसी तरह 1870 में रूस के रसायनशास्त्री दिमित्री मेंदेलेयेव ने पिरियोडिक टेबल बनाया. उस समय तक सारे रासायनिक तत्वों की खोज नहीं हुई थी. टेबल में जहां कोई तत्व फिट नहीं बैठता था मेंदेलेयेव उसे खाली छोड़ देते थे. उनका कहना था कि इन जगहों को कभी न कभी भर दिया जाएगा और ऐसा ही हुआ.
धातुएं जो कीमती भी जरूरी भी
धातुएं जो कीमती भी जरूरी भी
सोने और चांदी के अलावा भी ऐसी कई धातुएं हैं जिनका ज्यादा जिक्र नहीं होता लेकिन आधुनिक तकनीक के समय में इनके बिना काम चलना मुमकिन भी नहीं. जानिए इन दुर्लभ धातुओं को करीब से....
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पीरियॉडिक टेबल
विज्ञान पढ़ने वाले हर छात्र के कमरे की दीवार पर यह टेबल मिल जाएगी. इसमें नीचे लैनथनाइड्स की एक लिस्ट होती है, जो कि रेयर अर्थ एलिमेंट्स हैं.
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समय की मांग
तकनीकी विकास के साथ दुर्लभ धातुओं की अहमियत और बढ़ गई है. कंप्यूटर, मोबाइल फोन, कारों और दूसरी मशीनों को बनाने में इनकी खास जरूरत पड़ती है.
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आपके कानों में नियोडीमियम
दौड़ते समय या घर से बाहर भी कान में हेडफोन से संगीत बज रहा हो तो दुर्लभ धातु नियोडीमियम को कहिए शुक्रिया. कोई भी ऐसा उपकरण जिसमें चुंबकीय क्षेत्र पैदा करने की जरूरत होती है, उसमें नियोडीनियम का इस्तेमाल होता है, जैसे हार्ड ड्राइव.
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टीवी में भी है दुर्लभ धातु
आपके टीवी में लाल रंग दुर्लभ धातु यूरोपियम के कारण दिखाई देता है. टीवी सेट में यूरोपियम का इस्तेमाल 1867 से शुरू हुआ. इससे पहले भी रंगीन टीवी तो थे लेकिन रंगों में उतनी सफाई नहीं थी. तब यूरोपियम की जगह फॉस्फोरस का इस्तेमाल किया जाता था. यूरोपियम फॉस्फर्स से रंगों को जान मिली.
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आपके चश्मे में भी
रंग बिरंगे चश्मे पहनना किसे पसंद नहीं, लेकिन अगर उसका रंग गुलाबी है तो उसमें अर्बियम हो सकता है. कांच को हल्का गुलाबी रंग देने के लिए उसमें अर्बियम मिलाया जाता है. लेजर सर्जरी में लेजर की तीव्रता को बढ़ाने के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है.
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...और कार में
पृथ्वी पर चांदी से ज्यादा लैंथेनम मौजूद है, लेकिन पहले इसके इस्तेमाल के बारे में इतनी जानकारी नहीं थी. इन दिनों हर हाइब्रिड कार में कम से कम दस पाउंड लैंथेनम का इस्तेमाल होता है. आपने भी सुना होगा कि कार की बैटरी में निकल मेटल हाइड्राइड का उपयोग होता है, लेकिन यह कम ही लोग जानते हैं कि यह मेटल लैंथेनम है.
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खनन में चीन का शिकंजा
फिलहाल ज्यादातर दुर्लभ धातुओं के खनन में चीन सबसे आगे है. जर्मनी में भी वहीं से लाकर इन्हें लॉकरों में रखा जा रहा है. लेकिन जर्मन प्रांत सेक्सनी का एक गांव चीन को चुनौती दे सकता है. 2018 से जर्मनी में दुर्लभ धातुओं को निकालना शुरू किया जाएगा.
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महंगी धातुएं
हाईटेक के काम में आने वाली दुर्लभ धातुएं बाजार में बहुत कम हैं और महंगी भी हैं. एक छोटी सी बोतल की कीमत करीब 400 डॉलर की होती है, जिसके लिए एक समय में ढाई हजार डॉलर तक देने पड़ते थे.
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ऐसी भविष्यवाणियां करना संभव है क्योंकि प्राकृतिक विज्ञान नियमों पर आधारित है. लेकिन सामाजिक और आर्थिक विषयों पर भविष्यवाणियां हमेशा जोखिम भरा काम रही हैं. अर्थशास्त्री प्रोफेसर थॉमस बावर आर्थिक विकास और आबादी के विकास का आकलन करते हैं यानी उसकी भविष्यवाणी करते हैं.
बावर कहते हैं, "यदि मैं एक ऐसे समय में भविष्यवाणी करना चाहूं जो मेरे काफी करीब है तो मेरे पास बहुत सी सूचनाएं होती हैं जिनके आधार पर मैं अच्छी भविष्यवाणी कर सकता हूं. लेकिन वह समय बहुत दूर भविष्य में हो तो मैं संभवतः बहुत ही गलत आकलन करूंगा." प्रोफेसर बावर कहते हैं कि भविष्यवाणियों के चलते लोगों के व्यवहार में परिवर्तन होता है, जो भविष्यवाणियों को गलत कर देते हैं.
थिंकटैंक क्लब ऑफ रोम ने 1972 में कहा था कि साल 2000 तक दुनिया के संसाधन खत्म हो जाएंगे. उसके बाद तेल, गैस और कोयला खत्म हो जाना चाहिए था. लेकिन हम आज भी इनका इस्तेमाल कर रहे हैं. इसी तरह ब्रेक्जिट के लिए मतदान खत्म होने के कुछ वक्त पहले तक सर्वे संस्थाएं ब्रिटेन के यूरोपीय संघ में रहने की भविष्यवाणी कर रही थीं. लेकिन नतीजा इसका उल्टा निकला.
भविष्यवाणी करने वाले जानवर
भविष्यवाणी करने वाले जानवर
जर्मनी के ऑक्टोपस पॉल ने 2010 फुटबॉल विश्व कप में जर्मनी के सभी मैचों के नतीजे सही सही बताए थे. तब से जर्मनी में बड़े खेल मुकाबलों के नतीजों की भविष्यवाणी करने वाले जानवरों की भरमार हो गई है, इनसे मिलिए यहां.
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ऑक्टोपस पॉल
जर्मन शहर ओबरहाउजेन का पॉल पूरी दुनिया में अपनी सटीक भविष्यवाणियों के लिए मशहूर हुआ. 2010 के विश्व कप फुटबॉल में सही विजेता चुनने में उसका प्रदर्शन अचूक रहा. उसने सीपियों से भरे दो गिलास में से एक को चुना, और उस गिलास पर जिस देश का झंडा था वही विजयी रहा.
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हाथी नेली
उत्तरी जर्मनी के सेरेंगेटी पार्क जू में रहने वाले हाथी नेली ने 2013 में चैंपियंस लीग के फाइनल में बोरुसिया डॉर्टमुंड पर बायर्न म्युनिख की जीत की सही भविष्यवाणी की. उसकी इस विशेष प्रतिभा का इस्तेमाल 2014 के फुटबॉल विश्व कप में भी किया गया. नेली जब विपक्षी टीम के गोलपोस्ट में फुटबॉल डाल पाती है, तो इसका मतलब होता है अगले मैच में जर्मनी की जीत होगी.
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ऊदबिलाव फैरेट
जर्मनी में भविष्यवाणी कर सकने की विशेष प्रतिभा के मालिक माने जाने वाले जानवरों में फैरेट भी शामिल है. इस मादा ऊदबिलाव ने यूरो कप 2012 के सेमी फाइनल में इटली के खिलाफ जर्मनी की जीत की भविष्यवाणी की थी. लेकिन नतीजा उलट रहा और योआखिम लोएव की टीम ने हार का मुंह देखा.
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कछुआ मोमारियो
इस कछुए को जर्मनी के टीवी चैनल एआरडी ने फुटबॉल मैचों की भविष्यवाणी करने के लिए अपने मॉर्निंग शो में आधिकारिक रूप से ले लिया था. 2014 विश्व कप में जर्मनी के पहले मैच के ठीक पहले मोमारियो ने जर्मन टीम की जीत चुनी थी. नतीजा रहा कि जर्मनी ने पुर्तगाल को 4-0 से हराया.
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पेंग्विन रोनाल्ड
जर्मनी-पुर्तगाल मैच के पहले, रोनाल्ड समेत कुछ दूसरे पेंग्विनों को इन दोनों देशों के झंडों से सजी बॉल दी गई. उन सब में से केवल रोनाल्ड ने ही जर्मन झंडे वाली फुटबॉल को किक कर पुर्तगाल के खिलाफ गोल किया था. यह मैच ल्युबेनाऊ के एक मरीन पार्क में आयोजित हुआ था और लोगों को जर्मनी की जीत का इशारा मिला था.
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आर्माडिलो टाका
विश्व कप 2014 का आधिकारिक शुभंकर था आर्माडिलो. इस प्रतियोगिता के दौरान टाका नाम के इस आर्माडिलो ने विजेताओं की भविष्यवाणी की. टाका की यह तस्वीर जर्मनी के एरफुर्ट जू से ली गई है. वह मुर्गी की उबली हुई चमड़ी खा कर विजेता चुनता था.
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ओपोस्सम हाइडी
लाइपजिग जू में रहने वाली भेंगी ओपोस्सम हाइडी 2011 में चर्चित हुई. तब उसने अकादमी अवार्ड में विजेताओं की सही भविष्यवाणी कर अंतरराष्ट्रीय ख्याति पाई. इस मादा ओपोस्सम को अमेरिकी टीवी शो जिमी किमेल लाइव में दिखाया गया, जहां उसने तीन श्रेणियों में विजेता चुने.
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दरअसल आर्थिक और सामाजिक भविष्यवाणियां इसलिए भी पक्की नहीं होती कि उनके पीछे बहुत से कारक होते हैं. प्रोफेसर थॉमस बावर बताते हैं, "स्वाभाविक रूप से भविष्यवाणी तब गलत हो जाती है जब कोई अप्रत्याशित घटना घट जाए. अमेरिका में रियल इस्टेट बुलबुले का फूटना, कोई प्राकृतिक आपदा, महत्वपूर्ण कारोबारी देश में राजनीतिक उथल पुथल, ये सारी घटनाएं भविष्यवाणियों को गलत कर सकती हैं."
फिर भी हमें भविष्यवाणियों का हमेशा इंतजार रहता है. ऐसा क्यों है? प्रोफेसर बावर कहते हैं, "हमें भविष्यवाणियों की जरूरत है ताकि भविष्य के बारे में थोड़ा अनुमान हो सके, योजनाओं के लिए सुरक्षा हो सके ताकि योजनाएं बनाई जा सकें."
दूसरी तरफ, जलवायु परिवर्तन से हमारे जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर लगातार चेतावनी दी जा रही है, लेकिन इनके चलते अब तक हमारे व्यवहार में कोई खास बदलाव नहीं आया है. इसकी वजह यह है कि हम कल्पना ही नहीं करते हैं कि हमारी पूरी जिंदगी और दुनिया एकदम से बदल जाएगी. दूसरा, हमें उम्मीद रहती है कि ये भविष्यवाणी भी दूसरी भविष्यवाणियों की तरह 100 फीसदी सच नहीं साबित होगी. और जिंदगी इसी उम्मीद पर चल रही है.
रिपोर्ट: कोरा रिष्टर
बाबा वंगा की भविष्यवाणियां
बाबा वंगा की भविष्यवाणियां
करीब 85 फीसदी सटीक भविष्यवाणियां करने वाली बुल्गारिया की दृष्टिहीन महिला बाबा वंगा अकसर सुर्खियों में रहती हैं. देखिए भविष्य के बारे में वह क्या कह चुकी हैं.
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कौन हैं बाबा वंगा
बुल्गारिया में पैदा हुई वेंगेलिया पांडेवा दिमित्रोवा ने 12 साल तक सामान्य जिंदगी जी. कहानियों के मुताबिक इसके बाद एक रहस्यमयी तूफान में उनकी दृष्टि चली गई. कई दिनों बाद वो परिवार को मिलीं लेकिन उनकी आंखों में मिट्टी भर गई थी. लेकिन इसके बावजूद वो काफी कुछ देखती थीं और भविष्यवाणियां कर लोगों की मदद करती थीं.
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अब तक की भविष्यवाणियां
1996 में बाबा वंगा का निधन हुआ. लेकिन उससे पहले ही वो 2001 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले और 2004 में सुनामी, अफ्रीकी अमेरिकी मूल के व्यक्ति के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने और 2010 के अरब वसंत की भविष्यवाणी कर चुकी थीं.
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2019
भारत, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, चीन और जापान में भयंकर सूनामी आ सकता है. समुद्र की लहरें बड़े इलाके को साफ कर सकती हैं.
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2019
रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन पर किसी अंदरूनी शख्स द्वारा जानलेवा हमले की भविष्यवाणी. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के गंभीर रूप से बीमार होने का भी संकेत दिया गया है. बाबा वंगा ने यूरोप में बड़े आर्थिक संकट की भी भविष्यवाणी की है.