अफ्रीकी देश युगांडा के कारामोजा इलाके में लोग अलग अलग कारणों से ऊंट पालते हैं. ऊंटों से उन्हें सिर्फ दूध और मांस नहीं मिलता बल्कि इसके पेशाब को भी वो बहुत गुणकारी मानते हैं.
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कारामोजा के लोगों का कहना है कि ऊंट का पेशाब न सिर्फ स्वस्थ रहने में मदद करता है बल्कि इसे पीने से एचआईवी एड्स जैसी बीमारियों का भी इलाज किया जा सकता है. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने लोगों से ऊंट के पेशाब से दूर रहने को कहा है. उसके मुताबिक इससे कोई बीमारी ठीक नहीं होती, बल्कि उल्टा बीमारियां लगने का खतरा है.
लेकिन अफ्रीका न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक कारामोजा में बहुत से लोग इसे दवाई के तौर पर ही देखते हैं.
एक स्थानीय निवासी इदरीस शबान ने कहा, "इस मूत्र को आप दिन में तीन बार पीजिए. सुबह को, दोपहर को और शाम को. अगर फिर भी (एड्स) के लक्षण दिखाई देते हैं तो चार महीने तक इसे लेते रहिए. फिर डॉक्टर के पास जाइए. अगर आपको मुंह में दर्द होता है, चिंता मत करिए वो जल्द ही चला जाएगा.”
दूसरी तरफ डब्ल्यूएचओ का कहना है कि ऊंट का मूत्र पीने से सांस संबंध बीमारी मर्स हो सकती है. इसलिए इसे किसी भी हालत में नहीं पीना चाहिए. हालांकि युगांडा की सरकार की तरफ से इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है. ऐसे में, सस्ता इलाज चाहने वाले लोगों को इसमें कहीं न कहीं एक उम्मीद दिखाई देती है.
सफेद सोना है ऊंटनी का दूध
यूनाइटेड अरब अमीरात को लोग बस तेल और विशाल इमारतों के लिए जानते हैं. लेकिन वहां एक चीज और मिलती है जिसकी दुनिया दीवानी है. ऊंटनी का दूध.
तस्वीर: DW/M. Marek
सबसे ज्यादा दूध दुबई में
ऊंटनी का दूध सबसे ज्यादा दुबई में होता है. शहर से आधे घंटे की दूरी पर एमिरेट्स इंडस्ट्री फॉर कैमल मिल्क्स एंड प्रॉडक्ट्स का सेंटर है जहां 2006 से उत्पादन हो रहा है.
तस्वीर: DW/M. Marek
विशाल जगह है
दुबई के निकट ऊंट के दूध का यह फार्म 4200 एकड़ में फैला है. कुल इलाका डेड़ वर्गकिलोमीटर का है यानी 210 फुटबॉल मैदान के बराबर.
तस्वीर: DW/M. Marek
ऊंट सामाजिक प्राणी है
एक घेरे में 25 ऊंट रखे जाते हैं. जैसे गायों को तबेले में बांध कर रख सकते हैं, ऊंट के साथ ऐसा नहीं है. वे अपने समूह में ही रहना पसंद करते हैं.
तस्वीर: DW/M. Marek
खाता-पीता जानवर
ऊंट एक खाता-पीता जानवर है. उन्हें चारे के साथ-साथ गाजर भी खूब खिलाई जाती हैं.
तस्वीर: DW/M. Marek
समझदार है ऊंट
ऊंट बहुत समझदार प्राणी होता है लेकिन जिद्दी भी. दूध आप तभी निकाल सकते हैं जब उनके बच्चों का पेट भर जाए. दूध निकालते वक्त भी बच्चे आसपास ही रहेंगे.
तस्वीर: DW/M. Marek
एक दिन में सात किलो
एक ऊंटनी एक दिन में अधिकतम सात किलो दूध दे सकती है. यूरोप की गायों के मुकाबले तो यह कुछ भी नहीं है जहां एक गाय 25 से 40 लीटर तक दूध देती है.
तस्वीर: DW/M. Marek
चलना फिरना जरूरी
दूध दिन में दो बार निकाला जाता है. इस बीच वे अहाते में घूम फिर सकते हैं.
तस्वीर: DW/M. Marek
ज्यादा सेहतमंद दूध
इस कैंप से रोजाना करीब 6 हजार लीटर दूध निकलता है. ऊंट के दूध में गाय से आधा फैट होता है. विटामिन सी तीन से पांच गुना ज्यादा होता है और कैल्शियम भी.
तस्वीर: DW/M. Marek
पाउडर भी बिकता है
कुल उत्पादन का दो तिहाई हिस्सा तो वैसे ही बेच दिया जाता है. बाकी दूध से पाउडर बनाया जाता है.
तस्वीर: DW/M. Marek
चॉकलेट
ऊंट के दूध से चॉकलेट बनाना 2008 से शुरू हुआ है. हर साल करीब 100 टन चॉकलेट बनाई जा रही है लेकिन इसके लिए दूध को ऑस्ट्रिया भेजा जाता है.
तस्वीर: DW/M. Marek
तीन देशों का काम
ऑस्ट्रिया में चॉकलेट मास बनाकर उसे वापस यूएई लाया जाता है. फिर कोकोआ आइवरी कोस्ट से आता है और वनीला मैडागास्कर से. तब दुबई में चॉकलेट बनता है.
तस्वीर: DW/M. Marek
अल नासमा
70 ग्राम के पैकेट की कीमत है छह यूरो. चॉकलेट बनाने वाली कंपनी का नाम अल नासमा है जिसमें 49 फीसदी हिस्सा ऑस्ट्रियाई कंपनी का है.
तस्वीर: DW/R. Baumgarten
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सऊदी अरब में भी 2015 में अधिकारियों ने ऊंट का पेशाब बेचने वाली एक दुकान को बंद कराया था. अधिकारियों को पता चला कि व्यक्ति ऊंट का नहीं बल्कि अपना पेशाब ही बोतलों में भर कर बेच रहा था. सऊदी शहर अलकुनफुदा में जब अधिकारियों को उसकी दुकान पर छापा मारा तो वहां से पेशाब की 70 बोलतें मिलीं.
ऊंट का पेशाब पीने की परंपरा की शुरुआत इस्लामी धार्मिक किताब हदीस में एक उल्लेख से मानी जाती है. इसमें पैगंबर मोहम्मद के हवाले से लिखा गया है, "उल्क यानी उरैना कबीले के कुछ लोग मदीना आए तो यहां की जलवायु उन्हें रास नहीं आई. इसलिए मोहम्मद ने उनसे (दूध वाले) ऊंटों के झुंड में जाने और उनका दूध और (दवाई के रूप में) पेशाब पीने को कहा.” ऐसे ऊंट के पेशाब के गुणकारी होने की बात को जहां कई मुस्लिम विद्वान मानते हैं, वहीं इस पर सवाल उठाने वालों की भी कमी नहीं है.