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क्यों बेंच पर बैठे हैं बेकहम

२ फ़रवरी २०१३

डेविड बेकहम तीन देशों और दो महाद्वीपों पर लीग चैंपियनशिप जीतने वाली टीमों में शामिल रहे हैं. कई लाख डॉलर कमाते हैं. उनका अपना परमफ्यूम है, तो वह किसलिए पैरिस सेंट जर्मेन फुटबॉल क्लब में बेंच पर बैठने के लिए राजी हुए हैं?

तस्वीर: Reuters

फुटबॉल के हिज हाइनेस को पैसों की कोई जरूरत नहीं. और उन्होंने कहा के वह पीएसजी से मिलने वाली तनख्वाह दान में दे देंगे. लेकिन उन्हें खेल के बाद के जीवन के बारे में सोचना शुरू कर देना चाहिए. फुटबॉल जैसे खेल में 37 साल के बेकहम किसी डायनोसोर से कम नहीं हैं. उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह टीम के पहले लाइनअप में शामिल नहीं होंगे.

इसकी बजाए वह खेल के बाद जीवन की योजना को अंतिम रूप देंगे. स्टैफोर्डशर यूनिवर्सिटी में खेल और मीडिया कल्चर के बारे में लिखने वाले एलिस काश्मोर कहते हैं कि लंबा एक्सपोजर मशहूर लोगों को अपनी बादशाहत बनाने में मदद करता है. ठीक इसी तरह पीएसजी के साथ डील दो काम करती है कि उनका नाम और थोड़े दिन सुनाई देता रहेगा और उन्हें दानदाता के तौर पर अतिरिक्त ध्यान भी मिलेगा." जब वह खेलना बंद कर देंगे, जो कि जल्द ही होगा, उनकी कुल ब्रैंड अपील कम हो जाएगी क्योंकि हम धीरे धीरे उनके बारे में भूल जाएंगे. मुझे लगता है कि यही वह सोच रहे हैं कि वह दुकान की खिड़की में ज्यादा देर बने रहें. लेकिन वह एक एथलीट भी हैं और वो करना चाहते हैं जो उन्हें करना अच्छा लगता है."

आईएमजी में कई साल रहे ब्रुनो सैटिन का कहना है कि पीएसजी में आना उनके लिए बेहतर है. "पीएसजी की टीम में आना एक लेवल ऊपर आने जैसा है. क्योंकि लॉस एंजेलिस गैलेक्सी, सच्चे फुटबॉल, फुटबॉल के नक्शे में कहीं नहीं है."

तस्वीर: picture-alliance/dpa

लेकिन दान देने के फैसले से एक सवाल जरूर खड़ा हुआ है कि इस डील से बेकहम को मिलेगा क्या. पीएसजी के स्टोर पर उनके नाम वाली जर्सियां अभी से बिकनी शुरू हो गई है. काश्मोर जिन्होंने बेकहम नाम की किताब लिखी है. वह इस खिलाड़ी को मार्केटिंग फेनोमेना कहते हैं और अंदाज लगाते हैं कि उनकी 70 फीसदी आय डील से आती है जैसे कि एडीडास के साथ. तो तनख्वाह वैसे भी बेमतलब हो जाती है. खासकर एक ऐसे व्यक्ति के लिए जिसके पास संडे टाइम्स के मुताबिक 25.30 करोड़ डॉलर की संपत्ति हो.

काश्मोर कहते हैं कि जब उन्होंने एलए गैलेक्सी के साथ सौदा किया तो माना जा रहा था कि वह अमेरिकी फुटबॉल के लिए दूत बन जाएंगे. लेकिन ऐसा हो नहीं सका. उनके मुताबित बहुत संभव है कि बेकहम कतर की मिल्कियत वाले पीएसजी के साथ भी ऐसी ही डील के इंतजार में हों.

एएम/आईबी (एपी)

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