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क्यों भड़कती है यरुशलम में बार-बार हिंसा

१८ अप्रैल २०२२

रविवार को इस्राएल की पुलिस यरुशलम के पुराने इलाके में मौजूद अल अक्सा मस्जिद परिसर में घुस गई, जिसके बाद हुई झड़प में 17 फलस्तीनी लोग घायल हो गए हैं. यरुशलम में क्यों होता है विवाद?

Israel Jerusalem | Unruhen zwischen Polizisten und Palästinensern
तस्वीर: Mahmoud Illean/AP/picture alliance

इससे दो दिन पहले ही इसी जगह फलीस्तीनी लोगों के साथ झड़प हुई थी. उसमें भी कई लोग घायल हुए. पिछले साल यरुशलम में इस्राएली सुरक्षा बलों और फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों के बीच हुई इसी तरह की झड़प ने ही गजा में 11 दिनों तक चली लड़ाई का रूप ले लिया था.

अल अक्सा मस्जिद 

पहाड़ की चोटी पर बना मस्जिद परिसर इस्लाम में तीसरी सबसे पवित्र जगह मानी जाती है. जिस जगह यह मौजूद है उसके ठीक नीचे यहूदियों का सबसे पवित्र स्थान टेंपल माउंट है. इसके अलावा ईसाईयों के लिए भी यह धार्मिक रूप से सबसे पवित्र जगहों में एक है. तीनों धर्मों की इस जगह को लेकर दावेदारी ने कई हिंसक झड़पों और युद्धों का रूप लिया है. फिलहाल यह दीवारों से घिरा एक विशाल परिसर है जिसमें जाने के लिए 11 दरवाजे हैं. इनमें से 10 दरवाजे मुसलमानों के लिए जबकि एक दरवाजा गैर-मुलसमानों के लिए है. हर दरवाजे पर सुरक्षा के लिए इस्राएली पुलिस के सुरक्षाकर्मी मौजूद रहते हैं.

अल अक्सा मस्जिद में नमाज पढ़ते फलस्तीनीतस्वीर: Ahmad Gharabli/AFP/Getty Images

1967 की लड़ाई में इस्रायल ने इस पूरे इलाके पर कब्जा कर लिया था. इसमें ओल्ड सिटी समेत पूर्वी यरुशलम, गजा और पश्चिमी तट शामिल हैं. बाद में जॉर्डन की वक्फ कमेटी को इसका संरक्षक घोषित कर दिया गया. लंबे समय के लिए किए गए समझौते के मुताबिक, इस जगह पर यहूदियों को टेंपल माउंट जाने की अनुमति है लेकिन वे लोग वहां पूजा-प्रार्थना नहीं करते. कई दशकों से यहूदियों ने धार्मिक कारणों से ही वहां पूजा एक तरह से बंद कर रखी है, वो यहां सिर्फ दर्शन करने जाते हैं. आमतौर पर कुछ दर्जन लोग ही वहां आते हैं लेकिन खास दिनों में उनकी तादाद बढ़ जाती है. रविवार को भी सैकड़ों लोग दर्शन करने पहुंच गए थे.

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यहूदियों का कहना है कि वो यथास्थिति बनाए रखना चाहते हैं लेकिन बीते सालों में बड़ी संख्या में राष्ट्रवादी और धार्मिक यहूदी नियमित रूप से यहां आने लगे हैं. फलस्तीन इसे उकसावे की कार्रवाई के रूप में देखता है. उन्हें लगता है कि इस्राएल अल अक्सा पर कब्जा करना चाहता है. हालांकि इस्राएल इससे इनकार करता है. पुलिस महकमे से जुड़े मंत्रालय के इस्राएली मंत्री ओमर बारलेव का कहना है कि उपासना की स्वतंत्रता बहुत जरूरी है, "मगह हम हिंसा और आतंक के साथ समझौता नहीं कर सकते."

एक साथ धार्मिक पर्व

इस साल मुसलमानों की रमजान, ईसाईयों के ईस्टर का समापन सप्ताह और यहूदियों का हफ्ता भर चलने वाला पसोवर एक ही साथ हो रहा है. शहर में कोरोना संबंधी पाबंदियां भी खत्म हो गई हैं. ऐसे में दसियों हजार लोग शहर में पहुंच गये हैं.

इस्राएली सुरक्षा बलों के साथ फलस्तीनी लोगों की झड़पतस्वीर: Mahmoud Illean/AP Photo/picture alliance

इस्राएली पुलिस ने फलस्तीनी लोगों पर इस जगह को "अशुद्ध और अपवित्र" करने का आरोप लगाया है, जबकि फलस्तीनी अधिकारी इस्रायल पर इस संवेदनशील पवित्र जगह को विभाजित करने का आरोप लगा रहे हैं. फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रवक्ता नबील अबू रदेनेह का कहना है, "जो कुछ अल अक्सा मस्जिद में हुआ वह खतरनाक प्रसार है, इसकी प्रतिक्रिया इस्राएली सरकार को अकेले झेलनी होगी."

पुलिस का कहना है कि वे पवित्र जगह पर यहूदी लोगों के नियमित दर्शन में मदद करने के लिए गई थी. उनका कहना है कि वहां फलस्तीनी लोगों ने हिंसा की आशंका में पत्थर जमा कर रखे थे और बैरियर लगाए गए थे.

सोशल मीडिया पर चल रहे अपुष्ट वीडियो फुटेज में पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार फलस्तीनियों पर डंडे बरसाते देखा जा  सकता है और साथ ही लोगों को उस जगह से बाहर निकाला जा रहा है. इस दौरान पुलिस पर अत्यधिक बल प्रयोग करने के आरोप लग रहे हैं. एक वीडियो में एक अधिकारी को एक बच्चे के साथ खड़े निहत्थे शख्स को डंडे से पीटते हुए देखा जा सकता है.

15 अप्रैल को हुई झड़प के बाद घायलों को ले जाते राहतकर्मीतस्वीर: Ahmad Gharabli/AFP/Getty Images

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने मस्जिद के बाहर मौजूद विशाल परिसर रविवार को फलस्तीनी लोगों से खाली करा लिया. हालांकिं दर्जनों लोग इमारत के अंदर ही रह गए और वो "अल्लाह हू अकबर" के नारे लगाते रहे.

फलस्तीनी लोगों ने इस्राएली पुलिस के साथ मस्जिद परिसर के बाहर छिटपुट झड़पों की बात कही है. जबकि पुलिस का कहना है कि फलस्तीनी लोगों ने ओल्ड सिटी के बाहर बसों पर पथराव किया. बस में सवार लोगों को इलाज देने वाले चिकित्सा दल के सदस्यों का कहना है कि बस में सवार पांच लोगों के मामूली जख्मों की मरहम पट्टी की गई है.

तस्वीर: Ahmad Gharabli/AFP/Getty Images

इस्राएली प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने शीर्ष अधिकारियों से मशविरा करने के बाद ओल्ड सिटी जाने वाली सार्वजनिक बसों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था का आदेश दिया है. बेनेट का कहना है, "हम एक तरफ स्थिति को शांत करने और दूसरी तरफ हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठा रहे हैं."

फलस्तीनी रेड क्रिसेंट मेडिकल सर्विस का कहना है कि 17 फलस्तीनी घायल हुए हैं जिनमें पांच लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है. इस्राएली पुलिस का कहना है कि 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

शुक्रवार की सबुह से पहले ही यहां झड़पें शुरू हो गई थीं. पुलिस का कहना है कि फलस्तीनी लोगों ने पश्चिमी दीवार की ओर पत्थर फेंके जो यहूदियों की पवित्र जगह से जुड़ी है. पुलिस बलपूर्वक यहां घुस आई और सुबह की नमाज के लिए वहां पहुंचे दर्जनों लोगों से उनकी झड़पें हुईं.

उकसावे की कोशिश

एक कट्टर यहूदी गुट ने हाल ही में लोगों से अनुरोध किया था कि वो पसोवर के दौरान जानवरों को टेंपल माउंट लाकर कुर्बान करें. ऐसा करने में सफल होने वालों ही नहीं, बल्कि कोशिश करने वालों को भी को बकायदा नगद इनाम देने की भी घोषणा की गई थी.

2021 में भी यहां दोनोें पक्षों के बीच बड़ी झड़प हुई थीतस्वीर: Ahmad Gharabli/AFP/Getty Images

इस्राएली पुलिस इस तरह की हरकतों को रोकने के लिए लगातार कोशिश करती है. हालांकि इस कट्टर गुट की मांग का वीडियो का सोशल मीडिया पर प्रचार कर फलस्तीनियों ने मुसलमानों से इस कुर्बानी को रोकने के लिए कहा. इस्राएली पुलिस फलीस्तीनियों पर सोशल मीडिया के जरिए गलत जानकारी फैला कर तनाव फैलाने का आरोप लगाती है.

एनआर/आरएस (एपी)

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