1950 में भारतीय फुटबॉल फेडरेशन के एक फैसले ने भारत में फुटबॉल की तस्वीर ही बदल दी. जानकार मानते हैं कि उस वक्त अगर वह फैसला न लिया गया होता तो आज भारत का फुटबॉल के क्षेत्र में अलग ही मुकाम होता.
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एक अरब की आबादी वाले देश में क्या कहीं फुटबॉल नहीं खेली जाती? क्या आजादी के 70 साल बाद भी यहां लोगों में फुटबॉल के खेल को लेकर दीवानगी पैदा नहीं हुई. यह सवाल फीफा विश्वकप के आंकड़ों को देखकर उठना लाजिमी है, जिसमें आज तक कोई भी भारतीय टीम नहीं खेली. कहा जाता है कि भारत ने साल 1950 के फुटबॉल विश्वकप में क्वालिफाई किया था, लेकिन टीम खेलने नहीं पहुंची. सुनने में तो यह भी आता है कि भारतीय टीम नंगे पैर फुटबॉल खेलती थी और फीफा मुकाबलों में खिलाड़ियों को जूते पहन कर गेम में शामिल होना होता था. जिस वजह से फीफा ने भारतीय टीम पर प्रतिबंध लगा दिया.
लेकिन फ्री प्रेस जर्नल ने उस वक्त फुटबॉल टीम के कप्तान रहे शैलेंद्र नाथ मन्ना के एक साक्षात्कार का हवाला देते हुए कहा है, "नंगे पैर फुटबॉल न खेल सकने का तर्क ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन की ओर से असल वजहों को छुपाने के लिए दिया गया था." मन्ना मानते थे कि इसका असल कारण टीम को ब्राजील न भेजना था.
लंबे वक्त तक ऐसा भी कहा जाता रहा कि ब्राजील में होने वाले इस विश्वकप में टीम को भेजना भारत के लिए बहुत महंगा सौदा था. उस वक्त की परिस्थिति में टीम बर्मा से होकर ब्राजील तक जाती, जो बहुत ही महंगा पड़ता. वहीं वित्तीय कारणों के चलते तुर्की ने भी विश्वकप से अपने पैर पीछे खींच लिए थे.
किसने कब किया विश्वकप में क्वालिफाई
फुटबॉल विश्वकप में भारतीय टीम ने आज तक कभी हिस्सा नहीं लिया. लेकिन कहा जाता है कि साल 1950 के विश्वकप में भारतीय टीम ने क्वालिफाई तो किया लेकिन मुकाबले में हिस्सा लेने ब्राजील नहीं गई.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/TASS/V. Sharifulin
1. रूस (मेजबान)
सोवियत संघ की फुटबॉल टीम ने सात विश्वकप में भाग लिया है. साल 1991 के बाद से रूस ने अब तक तीन बार फीफा विश्वकप में भाग लिया है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/TASS/V. Sharifulin
2. ब्राजील
ब्राजील दुनिया की इकलौती ऐसी टीम है जिसने अब तक के सारे टूर्नामेंट में भाग लिया है. ब्राजील ने अब तक पांच बार विश्वकप खिताब जीता है. साथ ही मुकाबले पर दो बार टीम दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर रही है.
तस्वीर: Imago/Eibner
3. स्पेन
साल 1934 में स्पेन ने सबसे पहले विश्वकप खेला. तब से लेकर अब तक हुए 20 फीफा विश्वकप मुकाबलों में स्पेन की टीम ने 14 बार इसमें हिस्सा लिया.
तस्वीर: Getty Images/D. Doyle
4. फ्रांस
फ्रांस उन चार यूरोपीय देशों में से एक है जो साल 1930 के पहले विश्वकप में शामिल हुआ था. फ्रांस अब तक 14 फीफा विश्वकप में शामिल हो चुका है.
तस्वीर: picture-alliance/abaca/C. Liewig
5. पुर्तगाल
पुर्तगाल ने अब तक छह बार फीफा विश्वकप में भाग लिया है. 2018 में सातवीं बार पुर्तगाल टूर्नामेंट में नजर आएगा.
तस्वीर: picture alliance/ZUMAPRESS/P. Rocha
6. आइसलैंड
साल 2018 आइसलैंड के लिए बेहद ही खास होगा. यह पहला मौका है जब आइसलैंड की टीम विश्वकप में खेलती नजर आएगी.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/TASS/M. Japaridze
7. सर्बिया
सर्बिया की टीम ने साल 2010 के बाद इस साल पहली बार क्वालिफाई किया है.
तस्वीर: picture-alliance/empics/N. Potts
8. नाइजीरिया
अफ्रीकी देश नाइजीरिया अब तक पांच बार फीफा विश्वकप में भाग ले चुका है. टीम पहली बार 1994 के टूर्नामेंट में खेला थी और इस साल दूसरे राउंड तक पहुंची थी.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/TASS/V. Matytsin
9. जापान
साल 2018 जापान का छठा विश्वकप होगा, पहली बार टीम ने 1998 में भाग लिया था. इस साल टीम सारे ग्रुप मैच हार गई थी और टूर्नामेंट में 31वें स्थान पर रही.
तस्वीर: Getty Images/AFP/STR
10. जर्मनी
जर्मनी के फुटबॉल इतिहास को तीन काल में विभाजित किया जा सकता है. पहला जर्मनी (नाजीकाल में), पश्चिमी जर्मनी और एकीकृत जर्मनी. जर्मनी की फुटबॉल टीम ने अब तक चार बार विश्वकप का खिताब जीता है. दूसरे और तीसरे स्थान पर टीम चार-चार बार रही है. अर्जेंटीना, ब्राजील और स्पेन के अलावा जर्मनी ही इकलौता ऐसा देश है जिसने अपने महाद्वीप के बाहर फीफा जीता है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/O. Andersen
11. कोस्टा रिका
अफ्रीकी देश कोस्टा रिका ने सबसे पहले साल 1990 के फीफा विश्वकप में भाग लिया था. इसके बाद टीम 2002, 2006, 2014 के मुकाबलों में भी भाग लेने पहुंची.
मेक्सिको 1930 में हुए पहले फीफा कप से ही इस टूर्नामेंट की हिस्सा रही है. अब तक टीम ने 15 टूर्नामेंट में क्वालिफाई किया है. साल 1990 के विश्वकप के लिए टीम पर प्रतिबंध लगा दिया गया था क्योंकि इसमें उम्रदराज खिलाड़ी शामिल थे.
तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Estrella
13. ईरान
ईरान ने सबसे पहले 1978 के फीफा विश्वकप में भाग लिया. इसके बाद टीम ने 1998, 2006, 2014 और 2018 के विश्वकप के लिए भी क्वालिफाई किया.
तस्वीर: Getty Images/AFP/Jung Yeon-Je
14. इंग्लैंड
साल 1950 तक इंग्लैंड कभी फीफा में नहीं आया. लेकिन इसके बाद के 14 मुकाबलों में इंग्लैंड शामिल हुआ. लेकिन साल 1974, 1978 और 1994 के फीफा विश्वकप में टीम ने क्वालिफाई नहीं किया.
तस्वीर: Getty Images/AFP/I. Kingston
15. सऊदी अरब
सऊदी अरब ने पहली बार साल 1994 के फीफा विश्वकप में भाग लिया. इसके बाद टीम ने 1998, 2002, 2006 और 2018 के टूर्नामेंट में भाग लिया.
एशियाई देश दक्षिण कोरिया ने पहली बार साल 1954 के विश्वकप में भाग लिया. साल 1954 के बाद टीम ने 1986 के विश्वकप में भाग लिया और तब से यह सिलसिला बरकरार है.
तस्वीर: picture-alliance/Yonhap
17. बेल्जियम
बेल्जियम भी फीफा विश्वकप की शुरुआत से ही इससे जुड़ा हुआ है. सात विश्वकप मुकाबलों में टीम क्वालिफाई नहीं कर सकी थी.
अरब देश में शामिल मिस्र में भी फुटबॉल की दीवानगी कुछ कम नहीं. मिस्र की टीम साल 1934, 1990 और 2018 के विश्वकप मुकाबले में पहुंची है.
तस्वीर: Imago/Pro Shots
19. पोलैंड
यूरोपीय देश पोलैंड की टीम ने सबसे पहले 1938 में फीफा विश्वकप के लिए क्वालिफाई किया था. इसके बाद टीम ने 1974,1978,1982,1986, 2002, 2006 के मुकाबलों में क्वालिफाई किया.
तस्वीर: picture-alliance/PAP/B. Zborowski
20. अर्जेंटीना
साल 1930 के शुरुआती विश्वकप से जुड़ी अर्जेंटीना की टीम ने अब तक दो विश्वकप खिताब जीते हैं. इसके अलावा टीम 1930, 1990 और 2014 के मुकाबलों में उपविजेता रही. लेकिन 1970 के विश्वकप में टीम क्वालिफाई भी नहीं कर सकी थी.
तस्वीर: Imago/Agencia EFE
21. पनामा
यह पहला मौका है जब पनामा ने विश्वकप टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई किया है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/H. Retamal
22. कोलंबिया
साल 2018 विश्वकप में कोलंबियाई टीम को काफी मजबूत माना जा रहा है. 2018 के पहले कोलंबिया की टीम ने 1992, 1990, 1994, 1998 और 2014 के फीफा विश्वकप में भाग लिया.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/T. Topgyal
23. उरुग्वे
पहले विश्वकप का आयोजक और विजेता देश उरुग्वे शुरुआत से ही इससे जुड़ा रहा है. लेकिन छह मौकों पर टीम क्वालिफाई भी नहीं कर सकी.
तस्वीर: picture-alliance/AA/C. Lebrato
24. ट्यूनीशिया
ट्यनीशिया ने सबसे पहले 1978 के फीफा विश्वकप में भाग लिया था. इसके बाद टीम ने 1998, 2002, 2006, 2018 के फीफा में क्वालिफाई किया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
25. मोरक्को
मोरक्को ने सबसे पहले साल 1970 के फीफा विश्वकप में भाग लिया था. इसके बाद से लेकर अब तक 1986, 1994, 1998 और 2018 में क्वालिफाई किया.
तस्वीर: Getty Images/AFP/I. Sanogo
26. स्विट्जरलैंड
साल 1934 में स्विट्जरलैंड ने पहली बार भाग लिया. 1934 को मिलाकर स्विट्जरलैंड अब तक 11 बार विश्वकप के लिए क्वालिफाई कर चुका है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/G. Kefalas
27. क्रोएशिया
1991 में आजाद हुए क्रोएशिया ने साल 1998 में पहली बार विश्वकप खेला. इसके बाद टीम ने 2002, 2006, 2014 और 2018 के विश्वकप में क्वालिफाई किया.
तस्वीर: Getty Images/AFP/STR
28. सेनेगल
साल 2002 के विश्वकप में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने वाला देश सेनेगल ने साल 2018 में दूसरी बार क्वालिफाई किया.
तस्वीर: Reuters/S. Sibeko
29. स्वीडन
साल 1934 में स्वीडन पहली फीफा विश्वकप से जुड़ा. 8 बार टीम विश्वकप के लिए क्वालिफाई नहीं हो सकी. साल 1958 में स्वीडन फीफा विश्वकप का उपविजेता रहा.
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Bertorello
30. ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया विश्वकप में पहली बार 1974 में नजर आया. इसके बाद 2006, 2010, 2014 और 2018 के मुकाबलों में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने क्वालिफाई किया.
तस्वीर: Getty Images/M. Metcalfe
31. डेनमार्क
स्वीडन में आयोजित साल 1958 के विश्वकप में डेनमार्क ने पहली बार इसमें भाग लिया था. 2018 का विश्वकप इसका पांचवा ऐसा टूर्नामेंट होगा.
तस्वीर: Getty Images/C. Ivill
32. पेरू
पेरु 1930 से ही फीफा विश्वकप से जुड़ा हुआ है. 1930 के बाद पेरु 1970, 1978 और 1982 के विश्वकप में नजर आया. 35 साल बाद अब पेरू 2018 के विश्वकप में खेल रहा है.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo
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लेकिन कई मैग्जीन और फुटबॉल रिसर्च, आर्थिक स्थिति के तर्क को खारिज करते हुए कहते हैं कि आयोजक भारतीय टीम के सारे खर्चे को वहन करने के लिए तैयार थे. लेकिन आंतरिक कारणों के चलते ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन इस मामले पर सहमति नहीं बना पाया. नतीजतन, साल 1950 के विश्वकप में 16 की बजाय 14 टीमों ने भाग लिया. एशिया से भाग लेने वाली दोनों टीमें इससे नदारद रहीं. यहां तक कि एक समूह में सिर्फ दो टीमें खेली. स्पोर्ट्स जानकार यह भी कहते हैं कि फेडरेशन ने फीफा विश्वकप की बजाय हमेशा ही ओलपिंक को तवज्जो दी, और इसी बेरुखी के चलते टीम 1950 के फीफा विश्वकप में नहीं गई.
इस टूर्नामेंट में भारत के क्वालिफाई करने का एक कारण कुछ टीमों का टूर्नामेंट में भाग न लेना भी रहा. आंकड़ों के मुताबिक, भारत को स्वीडन, इटली और पराग्वे के साथ एक ग्रुप में रखा गया था. टूर्नामेंट में भारत का पराग्वे के साथ 25 जून को पहला मैच था. कार्यक्रम के मुताबिक उस साल 3 जुलाई 1950 तक विश्वकप के सभी लीग मैच भारत को समाप्त कर लेने थे. बड़ी टीमों के टूर्नामेंट से बाहर होने का एक कारण द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद कई देशों पर लगे प्रतिबंध भी थे. जिसके बाद ब्राजील फुटबॉल फेडरेशन ने एशिया से भारतीय टीम को मुकाबले में शामिल होने का न्योता दिया था.
कुछ रिपोर्ट्स में ब्राजील तक आने-जाने में लगने वाले समय को भी भारतीय रुख का कारण बताया गया. इस तर्क के मुताबिक विश्वकप ब्राजील में होना था, ब्राजील तक पहुंचने में भारतीय टीम को पानी के जहाज से जाना पड़ता. इसमें करीब तीन से चार महीने का समय लगता. इसका मतलब था कि टीम कम से कम तीन-चार मैचों को खेलने के लिए सात-आठ महीने का समय लगाती. कुछ रिपोर्ट्स ने समय के अंतर को जिम्मेदार ठहराया. इसके मुताबिक भारतीय टीम 70 मिनट का गेम खेलती थी, लेकिन विश्वकप में आमतौर पर मैच 90 मिनट का होता है.
कारण चाहे जो भी रहे हो लेकिन सच्चाई तो यही है कि तब से आज तक कोई भी भारतीय टीम फुटबॉल विश्वकप के करीब भी नहीं पहुंच सकी है. मन्ना सारी उम्र यह मानते रहे कि अगर उस वक्त भारतीय टीम ने विश्वकप में हिस्सा लिया होता तो देश में फुटबॉल की तस्वीर ही बदल जाती.
फुटबॉल के कम लोकप्रियता के लिए कई लोग क्रिकेट को भी जिम्मेदार ठहराते हैं लेकिन सच्चाई यह भी है कि क्रिकेट ने देश को जश्न के कई मौके दिए हैं. 1950 के फैसले के बाद फुटबॉल देश में पिछड़ती गई और खेल प्रेमियों के दिल में खाली जगह क्रिकेट की सफलता ने भर दी.
लेकिन अब फुटबॉल में जान फूंकने की कोशिश हो रही है. सुनील छेत्री के नेतृत्व में टीम अच्छा प्रदर्शन कर रही है. भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली और सर्वकालीन महान बल्लेबाजों में शुमार सचिन तेंदुलकर भी फुटबॉल के प्रति लोगों को जागरुक कर रहे हैं. भारत की अंडर-19 और अंडर-17 फुटबॉल टीमों का जोशीला और शानदार प्रदर्शन भी सुनहरे भविष्य की नींव जरूर रख रहा है.
अब तक 8 देश ही जीत सके हैं फुटबॉल विश्वकप
दर्शकों का सैलाब, आयोजकों का उत्साह और खिलाड़ियों की इच्छाशक्ति का ही नतीजा है अब तक 20 बार फुटबॉल विश्वकप का सफल आयोजन हो सका है. एक नजर अब तक के विजेताओं पर.