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समाज

क्यों "वॉक आउट" कर रहे हैं गूगल के कर्मचारी?

१ नवम्बर २०१८

दुनिया भर में गूगल के कर्मचारी "वॉक आउट" कर रहे हैं. 1 नवंबर को अलग अलग देशों में स्थानीय समय 11 बज कर 10 मिनट पर गूगल के दफ्तरों के बाहर कर्मचारियों की भीड़ देखने को मिली.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa/O. Spata

गूगल के कर्मचारी यौन उत्पीड़न को लेकर कंपनी के रवैये से नाराज हैं और इसी नाराजगी को दिखाने के लिए उन्होंने "गूगल वॉक आउट फॉर रियल चेंज" नाम से प्रदर्शन किए. इसी नाम से ट्विटर पर एक पेज भी बनाया गया है, जहां दुनिया भर से लोग अपने दफ्तर की तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं. सिंगापुर, टोक्यो, बर्लिन, ज्यूरिख, लंदन और डबलिन समेत दुनिया भर के गूगल के दफ्तरों के बाहर भीड़ जुटी.

दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु को मिला कर भारत में गूगल में 2,000 से ज्यादा लोग काम करते हैं. रिपोर्टों के अनुसार इनमें से महज 150 कर्मचारियों ने ही इन प्रदर्शनों में हिस्सा लिया. भारत में जहां एक तरफ #MeToo पर खुल कर बहस होने लगी है, वहीं इन प्रदर्शनों में इतने कम लोगों का जुड़ना काफी निराशाजनक है.

इन प्रदर्शनों की वजह न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी वह खबर है, जिसके अनुसार एंडी रुबिन को कंपनी छोड़ने के लिए नौ करोड़ डॉलर दिए गए. एंडी रुबिन एंड्रॉइड के सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं और उन पर महिला सहकर्मी के यौन उत्पीड़न के आरोप लगे थे. कंपनी ने जांच की और उन्हें दोषी भी पाया. लेकिन नौकरी से निकलने के लिए उन्हें मोटी रकम अदा की गई. एंडी रुबिन ने न्यूयॉर्क टाइम्स के इस दावे को गलत बताया है.

तस्वीर: DW/S. Bandopadhyay

रुबिन गूगल से जुड़े एकमात्र कर्मचारी नहीं हैं जिन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हों. बड़े ओहदों पर काम कर रहे और भी कई लोगों के नाम सामने आए हैं. मिसाल के तौर पर गूगल के "एक्स लैब" के निदेशक रिचर्ड दे वॉल. कुछ साल पहले उन पर आरोप लगे और बावजूद इसके वे नौकरी में बने रहे. हाल ही में जब कंपनी के अंदर आवाजें जोरों से उठने लगीं, तो उन्होंने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया.

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को कंपनी के इस रवैये के लिए माफी मांगनी पड़ी है. उन्होंने कंपनी के सभी कर्मचारियों को ईमेल लिखा. इसमें उन्होंने कहा, "आप लोगों में जो गुस्सा और निराशा है, मैं उसे समझता हूं. मैं खुद भी इसे महसूस कर रहा हूं. मैं इस समस्या पर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हूं जो इतने लंबे समय से हमारे समाज में और यहां गूगल में भी बनी हुई है." लेकिन अपने इस ईमेल में पिचाई ने ना ही रुबिन का नाम लिया और ना दे वॉल का.

गूगल ने इस बीच 48 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. इनमें 13 सीनियर मैनेजर भी शामिल हैं. कंपनी दिखाना चाह रही है कि यौन उत्पीड़न को वहां किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जबकि कर्मचारियों का कहना है कि ऊंचे ओहदों पर मौजूद लोगों के खिलाफ कंपनी में कार्रवाई करना अब भी बेहद मुश्किल है. यही वजह है कि दुनिया भर के कर्मचारी "वॉक आउट" आंदोलन के जरिए एकजुट हो रहे हैं.

आईबी/एमजे (एपी, डीपीए)

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