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क्यों हुई शाहबाज भट्टी की हत्या

२ मार्च २०११

पाकिस्तान के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री शहबाज भट्टी की आज सुबह हमलावरों ने गोली मार कर हत्या कर दी. भट्टी ने हाल ही मे अपना पद संभाला था.

तस्वीर: AP

शहबाज भट्टी पाकिस्तान के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री थे और देश के कैबिनेट में एकमात्र ईसाई मंत्री. पाकिस्तान कैबिनेट में हाल ही में बड़ा फेरबदल हुआ था और उन्हें अल्पसंख्यक मामलों का मंत्री बनाया गया. भट्टी को अपना पद संभाले अभी बीस ही दिन हुए थे कि उनकी हत्या कर दी गई. भट्टी विवादास्पद ईशनिंदा कानून के विरोधी थे. उन्होंने कई बार इस कानून के विरोध में अपनी आपत्ति को जाहिर किया था. उन्हें पिछले साल से ही जान से मार डालने की धमकियां मिल रही थीं. इस हमले से एक हफ्ते पहले भी उन्हे जान से मारने की धमकी मिल चुकी थी.

तासीर की हत्या के बाद मिल रही थी धमकियां

4 जनवरी को पाकिस्तान की सत्ताधारी पीपीपी पार्टी और पंजाब के गवर्नर सलमान तासीर की उन्हीं के अंगरक्षक ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. तासीर ईशनिंदा कानून के विरोधी थे. अमेरिका और यूरोप ने उनकी हत्या की कड़ी निंदा की थी. लेकिन कट्टरपंथियों के लिए तासीर का हमलावर एक नायक की तरह उभर कर आया. तासीर की हत्या के बाद से भट्टी ने कई बार मीडिया से कहा कि उन्हें जान से मारने की धमकी मिली है. उन्होंने कहा था, "इस वक्त मैं उनके निशाने पर हूं और सबसे बड़ा टार्गेट हूं."

तासीर की हत्या के बाद भट्टी ने कहा, "बीबी के मामले के दौरान मुझे कई बार धमकियां मिली हैं, लेकिन अब... सलमान तासीर की हत्या के बाद... ऐसे संदेश खुले आम मेरे पास आ रहे हैं." धमकियों के बाद भी उन्होंने अपना काम जारी रखना चाहा, "हमें इन लोगों के खिलाफ खड़ा होना होगा. ये पूरे देश में दहशत फैला रहे हैं." उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई गई थी, लेकिन उन्हें अपने सुरक्षाबलों पर भी पूरा भरोसा नहीं था. समाचार एजंसी एएफपी को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "मैं अपने अंगरक्षकों पर भरोसा नहीं कर सकता. मेरा ख्याल है कि मुझे सिर्फ ऊपर वाला ही बचा सकता है, यह लोग नहीं." उन्होंने यह भी कहा था कि उन्हें कोई डर नहीं है और तासीर की हत्या ने उन्हें और मजबूत बना दिया है.

किया था आसिया बीबी का समर्थन

गौरतलब है कि भट्टी और तासीर दोनों ने आसिया बीबी का समर्थन किया था. आसिया बीबी पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने की दोषी ठहराई गई थीं और उन्हें पिछले साल मौत की सजा सुनाई गई थी. बीबी को जून 2009 में उस समय हिरासत में लिया गया था जब एक मुस्लिम महिला ने उनके हाथ से पानी लेने से मना कर दिया था. बाद में इस महिला ने शिकायत की थी कि आसिया बीबी ने गुस्से में आ कर पैगम्बर के बारे में अपशब्द कहे. महिला की शिकायत पर पहले भीड़ ने बीबी पर अपना गुसा उतारा और उसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. 8 नवम्बर को उन्हें मौत की सजा सुनाई गई. यह मामला पूरी दुनिया में उछला और तब सलमान तासीर और शहबाज भट्टी ने आसिया बीबी का समर्थन किया. पाकिस्तान के राष्ट्रपति जरदारी ने भट्टी को केस की छानबीन के लिए नियुक्त किया था. उस समय भट्टी ने बताया था, "मेरी छानबीन के अनुसार ये उन दोनों महिलायों का आपसी मामला है. बीबी ने कोई ईशनिंदा नहीं की. वो निर्दोष है और यह मामला निराधार है."

पाकिस्तान की केवल तीन प्रतिशत आबादी गैर-मुस्लिम है. राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने उनकी ह्त्या के निंदा की है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया

संपादन: एमजी

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