1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

क्यों होते हैं कॉमनवेल्थ खेल

आभा मोंढे (संपादन: एस गौड़)१५ सितम्बर २०१०

कॉमनवेल्थ गेम्स यानी वर्षों पहले ब्रिटेन की औपनिवेश रहे देशों के परिचायक. अगर बहुत ही सादे शब्दों में कहें तो कभी ब्रिटेन के गुलाम रहे देशों के खेल. हर चार साल में होने वाले दुनिया के सबसे बड़े खेलों में से एक.

तस्वीर: AP GraphicsBank

ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अफ्रीका के कुछ देश, भारत, पाकिस्तान सहित दुनिया के 54 राष्ट्रकुल देशों की टीमें हिस्सा लेती हैं. इन प्रतियोगिताओं में कुछ ऐसे भी खेल हैं जो सिर्फ कॉमनवेल्थ देशों में ही खेले जाते हैं जैसे कि लॉन बॉल्स, रगबी सेवन्स, नेट बॉल. खेलों के आयोजन, नियमों से जुडे सभी काम कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन करती है जिसका मुख्यालय लंदन में है.

क्यों होते हैं

1891 में पहली बार इन खेलों का प्रस्ताव रखा गया था ताकि ब्रिटिश कॉलोनी के देश एक दूसरे को जान सकें. रेवरेन्ड एसले कूपर ने द टाइम्स अखबार में एक लेख लिखा जिसमें प्रस्ताव रखा गया कि हर चार साल में इस तरह का एक आयोजन किया जाए ताकि ब्रिटिश राज की सदभावना के बारे में लोग जाने और समझे.

तस्वीर: AP

1911 में किंग जॉर्ज पंचम के राज्याभिषेक के मौके पर पहली बार ब्रिटिश कॉलोनी के देशों की एक खेल प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें मुक्केबाज़ी, कुश्ती, तैराकी सहित अन्य प्रतियोगिताएं थीं. इसमें हिस्सा लिया ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन ने हिस्सा लिया.

1930 के पहले कॉमनवेल्थ खेलों का नाम ब्रिटिश अंपायर गेम्स था. फिर 1970 में इसका नाम बदल कर ब्रिटिश कॉमनवेल्थ गेम्स किया गया और 1978 से इसे कॉमनवेल्थ गेम्स यानी राष्ट्रकुल खेलों के नाम से जाना जाता है. 1930 के राष्ट्रकुल खेलों में पहली बार महिलाओं ने तैराकी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और 1934 में फिर कुछ एथलेटिक खेलों में भी महिलाओं ने हिस्सा लेना शुरू किया.

परंपरा

कॉमनवेल्थ खेलों की एक परंपरा है क्वीन्स बेटन रिले. यानी मशाल दौड़. ये इंग्लैंड में क्वीन एलिजाबेथ के महल बकिंघम पैलेस से, महारानी की उपस्थिति में शुरू होती है. 1930 से 1950 के बीच एक ही व्यक्ति इस रेस का प्रतिनिधित्व करता था. फिर 1958 से एक रिले रेस होने लगी जो बकिंघम पैलेस से उदघाटन समारोह तक होती थी. इस मशाल पर सभी खिलाड़ियों को महारानी की शुभकामनाएं होती हैं.

रुकावटें

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इन खेलों का आयोजन नहीं हुआ. 1942 में कनाडा के मॉन्ट्रियाल में होने वाले खेल रद्द कर दिए गए. इसके बाद 1986 में कुछ अफ्रीकी और कैरेबियाई देशों ने रंगभेद के खिलाफ कदम नहीं उठा पाने के विरोध में कॉमनवेल्थ खेलों का बहिष्कार किया था. लेकिन इसके बाद से कॉमनवेल्थ खेलों का लगातार आयोजन हो रहा है. 1998 में मलेशिया के कुआलालंपुर में हुए राष्ट्रकुल खेलों में 10 की बजाए 15 खेल शामिल किए गए. ये पहली बार था जब कुछ टीम इवेन्ट्स को कॉमनवेल्थ खेलों में शामिल किया गया.

ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में कॉमनवेल्थ खेल सबसे ज्यादा चार बार और न्यूजीलैंड में तीन बार आयोजित किए गए. भारत के लिए राष्ट्रकुल खेल आयोजित करने का ये पहला मौका है. इन खेलों में शामिल होने वाले देशों में एक ओर तो भारत ऑस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे बड़े देश हैं तो दूसरी ओर तुवालु और नाउरु जैसे देश भी हैं जिनके नाम दुनिया में बहुत कम लोगों ने सुने होंगे.

फिलहाल मैडागास्कर, सूडान, अल्जीरिया जैसे देश हैं जो कॉमनवेल्थ देशों के समूह में शामिल होना चाहते हैं जबकि वे कभी ब्रिटेन की कॉलोनी नहीं रहे हैं. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से दुनिया की राजनीति का भूगोल बदल गए हैं और इस कारण कॉमनवेल्थ देशों और खेलों के मायने भी.

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें