क्रिकेटरों के साथ छुपन छुपाई खेलती पीसीबी
१६ अप्रैल २०१२![](https://static.dw.com/image/15825865_800.webp)
दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम इंग्लैंड को बुरी तरह के हराने के बाद पाकिस्तानी टीम ने जमकर वाह वाही लूटी. पीसीबी अधिकारियों ने टीम की तारीफ में कसीदों के कालीन बिछा डाले. अधिकारियों को लगा कि पैसा भले ही न भी दिया जाए लेकिन खिलाड़ियों का मनोबल हिमालय जैसा ऊंचा रहना चाहिए.
चार महीने तक बात दबी रही. लेकिन जंग अखबार की एक रिपोर्ट के बाद अब माजरा बाहर आ गया है. रिपोर्ट के मुताबिक खिलाड़ियों को पिछले चार महीने से न तो मैच फीस मिली है और न ही भत्ते. इतना ही नहीं नए कांट्रैक्ट का भी कोई अता पता नहीं है.
अखबार से बातचीत में सूत्र ने कहा, "जो बकाया है, उसमें बांग्लादेश सीरीज, इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज और एशिया कप की मैच फीस और अन्य भत्ते है. खिलाड़ियों को दिया गया कांट्रैक्ट भी 31 दिसंबर को ही खत्म हो चुका है. बीते चार महीनों में भी खिलाड़ियों को सेंट्रल कांट्रैक्ट नहीं दिया गया है. उन्हें मासिक तौर पर रखा जा रहा है."
पीसीबी के प्रवक्ता नदीम सरवर भी बिना झेंप के खबर की सच्चाई पर मुहर लगा रहे है. सरवर कहते हैं, "अलग अलग सीरीज के भुगतान को क्लीयर करने में आम तौर पर दो से तीन महीने लगते हैं. जब बोर्ड नई सूची का एलान करेगा तो उसमें शामिल खिलाड़ियों को सेंट्रल कांट्रैक्ट मिल जाएगा. यह पहली जनवरी 2012 से शुरू होगा."
पीसीबी के पूर्व प्रमुख इजाज बट के कार्यकाल में खिलाड़ियों के भुगतान में अड़चन आने लगी थी. बट दलील देते थे कि पीसीबी की माली हालत ठीक नहीं है, इसलिए खिलाड़ियों को पैसा नहीं दिया जा सकता. पाकिस्तान के शहर लाहौर में 2009 में श्रीलंकाई टीम पर आतंकवादी हमला हुआ. हमले के बाद पाकिस्तान से वर्ल्ड कप समेत सभी अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी छीन ली गई. इसके चलते पीसीबी की जेब खाली हो गई.
लेकिन अब थोड़ी राहत है. पाकिस्तान के साथ कई देश यूएई में मैच खेल रहे हैं. इससे पीसीबी को कुछ पैसा मिल रहा है. साथ ही बांग्लादेश की टीम भी पाकिस्तान का दौरा करने के लिए तैयार हो गई है. अप्रैल अंत में बांग्लादेश की टीम पाकिस्तान का दौरा कर रही है.
पैसा न मिलने के बावजूद पाकिस्तानी क्रिकेटरों फिलहाल खुलकर गुस्सा जाहिर नहीं कर रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि बांग्लादेश सीरीज के बाद अन्य टीमें भी उनके मुल्क में क्रिकेट खेलने आएंगी. इससे बोर्ड की आय सुधरेगी और खिलाड़ियों की तनख्वाह और मैच फीस में 20 से 25 फीसदी बढ़ोत्तरी होगी.
ओजे / एएम (पीटीआई)