क्रिकेट ग्राउंड में फुटबॉल
९ जून २०१०क्रिकेट के दीवानों के लिए आने वाले कुछ दिन सेंट जॉर्ज पार्क में कुछ नहीं है. ये ऐतिहासिक सेंट जॉर्ज पार्क क्रिकेट ग्राउंड फिलहाल फुटबॉल विश्व कप की खुमारी में डूबा रहेगा. यहां फुटबॉल फैन्स के लिए बड़ी सारी स्क्रीन लगाई जाएगी. उम्मीद की जा रही है कि करीब 25 हज़ार फुटबॉल मौजी पोर्ट एलिज़ाबेथ और दूसरे 2010 होस्ट सिटीज़ में रोज़ फुटबॉल के मैच देखने आएंगे. सेंट जॉर्ज पार्क इन्हीं फुटबॉल दीवानों की कहानी लिखेगा.
ये दुनिया भर के छह सबसे पुराने क्रिकेट स्टेडियम्स में से एक है और अब इसे इतिहास के एक और नए अध्याय के लिए तैयार किया जा रहा है.
फैन फेस्ट
शुक्रवार से 11 जुलाई यानी फाइनल के दिन तक पोर्ट एलिज़ाबेथ का दरवाज़ा दुनिया भर के फुटबॉल फैन्स के लिए खुला रहेगा. फैन फेस्ट के उप महानिदेशक जैसन स्टोन ने कहा, "ये वर्ल्ड कप फैन फेस्ट के लिए एकदम सही जगह है. यहां ज़्यादातर सुविधाएं तो पहले से ही हैं जैसे कि 17 हजार लोगों के लिए बैठने की व्यवस्था. हम पहले ही चार बीयर टेंट लगा चुके हैं. खूब बड़ी स्क्रीन है और फुटबॉल मैच के पहले, बीच में और बाद में लोगों के लिए मनोरंजन जगत के सितारे जलवे दिखाएंगे. ये एक बड़ा काम है. स्टेडियम में सुरक्षा के भी पुख़्ता इंतजाम किए गए हैं. हम लोगों ने 25 हज़ार दर्शकों को संभालने के लिए 500 लोग नियुक्त किए हैं."
इस दौरान स्टेडियम में किसी को भी कोई हथियार लाने की इजाज़त नहीं होगी क्योंकि दक्षिण अफ्रीका में हथियार रखना कानूनी है. जैसन ने कहा, "अगर किसी के पास कोई हथियार मिलता है तो उसे दरवाज़े से ही घर भेजा जाएगा और हथियार रख कर आने को कहा जाएगा."
ऐतिहासिक पार्क
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दक्षिण अफ्रीका को प्रतिबंधित किए जाने के पहले सेंट जॉर्ज पार्क में दक्षिण अफ्रीका का पहला टेस्ट मैच खेला गया था और टेस्ट सीरीज़ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली जीत भी इसी पार्क में दर्ज हुई. इतना ही नहीं प्रतिबंध हटाए जाने के बाद का पहला टेस्ट मैच भी यहीं हुआ. इसके साथ ही दक्षिण अफ्रीका में पहला रग्बी टेस्ट भी यहीं आयोजित किया गया.
रिपोर्टः एएफपी/आभा मोंढे
संपादनः एन रंजन